12 June: विश्व बाल श्रम निषेध दिवस (World Day Against Child Labour)”
हर साल 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस (World Day Against Child Labour) मनाया जाता है.
“
इसे मनाने का उद्देश्य दुनियाभर में बढ़ रहे बालश्रम को रोकना है, और साथ ही बच्चों को सम्मानजनक जीवन जीने और बाल श्रम का मुकाबला करने के लिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करना है.
बाल श्रम के खिलाफ इस दिवस की शुरूआत अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने 2002 में की थी.
ILO का उद्देश्य 14 साल से कम उम्र के बच्चों से श्रम न कराकर उन्हें शिक्षित करना है.
यह दिन केवल बच्चों के विकास और समृद्धि के लिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के बारे में ही नहीं है.
बल्कि बालश्रम निषेध अभियानों में भाग लेने के लिए सरकार, एनजीओ संस्थानों, स्कूलों, मीडिया और महिला संगठनों से समर्थन लेना भी है.
कोरोना काल के समय, 2021 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में लगभग 16 करोड़ बच्चे बाल श्रम की चपेट में हैं, और इस महामारी के कारण लाखों बच्चों के जीवन पर खतरा मंडरा रहा है.
विश्व बाल श्रम निषेध दिवस 2022 के अवसर पर, ILO के महानिदेशक, गाय राइडर (Guy Ryder), ने चेतावनी दी है कि अब सरकारों द्वारा किए गए फैसले, लाखों बच्चों के जीवन को बनाएंगे या बिगाड़ देंगे।
उन्होंने कहा है कि सामाजिक सुरक्षा बाल श्रम को रोकने के लिए सबसे शक्तिशाली उपायों में से एक है क्योंकि यह मुश्किल समय में परिवारों को आर्थिक सुरक्षा देती है.
विश्व बालश्रम निषेध दिवस 2022 की थीम है -
"Universal Social Protection to End Child Labour"
"बाल श्रम को समाप्त करने के लिए सार्वभौमिक सामाजिक संरक्षण".
भारत में बालश्रम निषेध कानून 1986, में लागू किया गया था.
इस कानून के अनुसार, 14 साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी जोखिम भरे काम में नहीं लगा सकते हैं.
ऐसा करने पर 7 साल तक की कैद, जुर्माना या दोनों हो सकते हैं.
भारत में बाल श्रम अधिनियम
2016 से, इस कानून (बाल श्रम अधिनियम) को भारत में पूरी तरह से लागू कर दिया गया है.
जिसके अनुसार, 14 से कम उम्र के बच्चे का किसी भी कारखाने या वर्कशॉप में काम करना पूरी तरह से अपराध है.
यह कानून 14-18 वर्ष के बच्चों को खतरनाक या जोखिम भरे काम करने से भी रोकता है.
इसके अलावा, भारत में बाल श्रम पुनर्वास के लिए राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना योजना लागू की गई है.
इसके तहत बच्चों को बुनियादी शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, मिड-डे-मील और स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध की जा सके.
2017 में, भारत सरकार के श्रम मंत्रालय ने Pencil (Platform for Effective Enforcement for No Child Labour) नामक एक वेबसाइट लॉन्च की है.
यहाँ पर किसी भी बालश्रम के खिलाफ शिकायत की जा सकती है.
बच्चों के अधिकार के लिए, भारत सरकार ने NCPCR (राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग) नाम का एक विभाग भी बनाया है, जो महिला और बाल विकास मंत्रालय का हिस्सा है.