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मदन-दहन की कथा : शिव की कोपाग्नि में क्यों भस्म हुए कामदेव
कामदेव के लिए कहा गया है कि उनका प्रताप ऐसा है कि उनके द्वारा चलाये गए पुष्पबाण कहीं से भी निष्फल होकर नहीं लौटते, इसीलिये कामदेव के लिए 'जयिन' और उनके बाणों के लिए 'असिद्धार्था' विशेषणों का प्रयोग भी किया गया है.
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