prinsli.com
Bhagwat Geeta Adhyay 5 : श्रीमद्भगवद्गीता - पांचवा अध्याय (सांख्ययोग एवं कर्मयोग का निर्णय)
हे श्रीकृष्ण! आप कर्मों के संन्यास की और फिर कर्मयोग की प्रशंसा करते हैं। इसलिए इन दोनों में से जो एक मेरे लिए भलीभाँति निश्चित कल्याणकारक साधन हो, उसको कहिए॥
Prinsli World