जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) के बारे में रोचक तथ्य
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) अंतरिक्ष में भेजा जाने वाला अब तक का सबसे बड़ा टेलीस्कोप (दूरबीन) है. इसे फ्रेंच गुयाना से एरियन-5 रॉकेट से लॉन्च किया गया था.
इस टेलीस्कोप को अंतरिक्ष की 'आंख' भी कहा जाता है, क्योंकि यह ब्रह्मांड की सुदूर गहराइयों में मौजूद आकाशगंगाओं, एस्टेरॉयड, ब्लैक होल्स, ग्रहों, तारों आदि पर नजर रखती है.
इसका नाम नासा के एक एडमिनिस्ट्रेटर जेम्स ई. वेब के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने अपोलो, जेमिनी और मर्करी मिशन (1961-1968) का नेतृत्व किया था.
इस टेलीस्कोप का मुख्य मिरर बेरिलियम धातु पर सोने की कोटिंग कर बनाया गया है.
जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी की मदद से 25 दिसंबर 2021 को लॉन्च किया था.
जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप, पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य-पृथ्वी L2 लैग्रेंज पॉइंट के पास परिक्रमा कर रहा है.
धरती और सूर्य के बीच पांच लैग्रेंज पॉइंट्स हैं. इन लैग्रेंज पॉइंट्स पर गुरुत्वाकर्षण शक्ति का संतुलन बना रहता है.
अगर इस टेलिस्कोप में कोई भी खराबी होती है, तो इस जगह तक पहुंचने और इसे ठीक करने या इसकी मरम्मत करने का कोई रास्ता नहीं है.
अगर इसमें कोई खराबी नहीं आती है, तो यह 10 सालों से भी ज्यादा समय तक काम करता रहेगा.
जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने हबल स्पेस टेलीस्कोप की जगह ली है. हबल स्पेस टेलीस्कोप को NASA ने 25 अप्रैल 1990 में लॉन्च किया था.
इस टेलीस्कोप ने अंतरिक्ष में रहते हुए 15 लाख से ज्यादा ऑब्जर्वेशन किए थे.
हबल स्पेस टेलीस्कोप ने बृहस्पति से टकराने वाले धूमकेतु और आकाशगंगाओं के विलय को कैप्चर करने, प्लूटो के चारों तरफ उपग्रहों का पता लगाने, सुपरमैसिव ब्लैक होल की जांच करने और ब्रह्मांड के इतिहास को समझने में बहुत मदद की है.