पेंगुइन उड़ने में असमर्थ होते हैं. ये केवल दक्षिणी गोलार्द्ध, विशेष रूप से अंटार्कटिका में पाए जाते हैं. पेंगुइन अपना लगभग आधा जीवन धरती पर और आधा जीवन महासागरों में बिताते हैं.
नर पेंगुइन दुनिया के सबसे अच्छे 'पापा' में शामिल हैं. पेंगुइन के समूह में अंडों की देखभाल करने काम पिता का होता है. अंडा देने के बाद मादा पेंगुइन लंबे शिकार के लिए निकल जाती है.
इस दौरान नर पेंगुइन अपने पैरों पर अंडे को लिए कई महीनों तक खड़े रहते हैं और भोजन तक नहीं करते, जिससे उनका करीब आधा वजन गिर जाता है.
पेंगुइन की सूंघने की क्षमता तेज होती है. इससे उन्हें अपने शिकार का पता लगाने और पकड़ने में मदद मिलती है. इनके लंबे, घुमावदार और नुकीले पंजे होते हैं, जो इन्हें बर्फ पर चलने में मदद करते हैं.
पेंगुइन की मांसपेशियों में अतिरिक्त ऑक्सीजन इकठ्ठी करने के लिए बड़ी मात्रा में मायोग्लोबिन होता है, जिसका इस्तेमाल गोता लगाने के दौरान किया जाता है.
ध्रुवीय भालू, पेंगुइन, सील आदि ठंडे क्षेत्रों में रहने वाले जानवर हैं. कठोर मौसम की स्थिति से बचने के लिए उनकी मोटी त्वचा के नीचे वसा की मोटी परत होती है. यह जानवरों को इन्सुलेशन देता है.