बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे (Bundelkhand Expressway)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 16 जुलाई, शनिवार को उत्तर प्रदेश के जालौन में बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे (Bundelkhand Expressway) का उद्घाटन किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का शिलान्यास फरवरी 2020 में किया था. इस प्रोजेक्ट को फरवरी 2023 में पूरा होना था, लेकिन काम 8 महीने में ही पूरा हो गया.

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे UP के 7 जिलों- चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा से होकर गुजरता है.

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के रास्ते में पड़ने वाली नदियां- बागेन, केन, श्यामा, चन्दावल, बिरमा, यमुना, बेतवा और सेंगर.

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की लंबाई 296.07 किलोमीटर है. इसमें बुंदेलखंड के 150 से ज्यादा गांव शामिल हैं.

बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे करीब 14,800 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है. इस एक्सप्रेस वे को 16 जुलाई से आम लोगों के लिए खोल दिया गया है.

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर 4 रेलवे ओवर ब्रिज, 14 बड़े पुल, 266 छोटे पुल, 6 टोल प्लाजा, 7 रैम्प प्लाजा, 18 फ्लाई ओवर बनाए गए हैं.

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के 13 स्थानों पर इंटरचेंज की सुविधा दी गई है. इस एक्सप्रेस-वे से अब दिल्ली से चित्रकूट का सफर केवल 6 घंटे में पूरा हो सकेगा.

बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर लोगों की सुविधा के लिए 4 जन सुविधा केंद्र और 4 पेट्रोल पंप भी बनाए जाएंगे. एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ 7 लाख पेड़-पौधे भी लगाए जाएंगे.

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की शुरुआत- चित्रकूट में भरतकूप के निकट से, एक्सप्रेसवे का समाप्ति का स्थान- कुदरैल ग्राम के पास जनपद इटावा में.

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की चौड़ाई 4 लेन है, जिसे भविष्य में जरूरत पड़ने पर (गाड़ियों की आवाजाही बढ़ने पर) 6 लेन तक बढ़ाया जा सकेगा. एक्सप्रेसवे के राइट आफ वे (ROW) की चौड़ाई 110 मीटर है. 

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के एक तरफ 3.75 मीटर चौड़ी सर्विस रोड स्टैगर्ड रूप में बनाई जाएगी, ताकि एक्सप्रेसवे के आस-पास के गांव-वासियों को सुगम आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो सके.

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के बनने से पूरा बुंदेलखंड क्षेत्र आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के जरिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सीधे जुड़ जाएगा और बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास में एक बड़ी भूमिका निभाएगा.

इस एक्सप्रेसवे से बुंदेलखंड के इलाकों की कनेक्टिविटी में सुधार होने के साथ-साथ आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा. इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.