योग (yoga) के इतिहास बारे में कुछ रोचक तथ्य

योग एक आध्यात्मिक प्रक्रिया और प्राचीन कला है, जिसके जरिए शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने का प्रयास किया जाता है. योग विद्या में भगवान शिव 'आदि योगी' और 'आदि गुरु' हैं.

योग का वर्णन सबसे पहले वेदों में मिलता है. हमारे भारतवर्ष के वैदिक ऋषि-मुनियों से ही योग की शुरुआत हो चुकी थी. आश्रमों में ब्रह्मचर्य और वेदों की शिक्षा के साथ ही योग और शस्त्र की शिक्षा भी दी जाती थी.

भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं अर्जुन को योग का महत्व बताते हुए भक्तियोग, कर्मयोग और ज्ञानयोग का वर्णन किया है.

11 दिसंबर 2014 को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था, जिसे 175 देशों ने बिना किसी मतदान के अपना समर्थन दिया.

UN ने माना कि, "योग मानव स्वास्थ्य और कल्याण की दिशा में एक सम्पूर्ण नजरिया है." 21 जून को साल का सबसे बड़ा दिन माना जाता है और योग से भी आयु बढ़ती है, इसलिए इस दिन को योग दिवस मनाने के लिए चुना गया.

आज भारत के कई राज्यों में योग पर ध्यान दिया जा रहा है. इसमें सबसे आगे है उत्तराखंड राज्य, जिसकी पवित्र नगरी ऋषिकेश को 'योग नगरी' के नाम से भी जाना जाता है.

योग दिमाग और शरीर को ताकत देता है. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को ठीक करता है. मोटापे या बढ़ते वजन से परेशान लोगों के लिए रोजाना योग का अभ्यास बहुत फायदेमंद है.

योग का लगातार सही तरीके से अभ्यास करते रहने से अपने भीतर की शक्तियों को बहुत बढ़ाया जा सकता है, साथ ही संसार की बड़ी से बड़ी उपलब्धियों को पाया जा सकता है.