NASA के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) ने अपने शक्तिशाली इन्फ्रारेड कैमरों से कार्टव्हील गैलेक्सी (Cartwheel Galaxy) और उसकी दो छोटी साथी गैलेक्सी की बड़ी तस्वीरें कैप्चर की हैं.

मूर्तिकार नक्षत्र (Sculptor Constellation) में स्थित कार्टव्हील गैलेक्सी एक लेंटिकुलर गैलेक्सी या रिंग गैलेक्सी है. यह हमसे लगभग 500 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर है.

एक अनुमान के मुताबिक, कार्टव्हील गैलेक्सी का विस्तार करीब 1,50,000 प्रकाश वर्ष तक है, जो हमारी गैलेक्सी 'मिल्की वे' की पड़ोसी गैलैक्सी 'एंड्रोमेडा' से थोड़ा छोटा है.

नासा के मुताबिक, जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने कार्टव्हील गैलेक्सी की तस्वीर काफी गहराई से ली है, जिससे आकाशगंगाओं में होने वाले तारों के निर्माण और सेंटर में मौजूद ब्लैक होल के बारे में और भी जानकारी मिल सकती है.

Cartwheel Galaxy (कार्टव्हील गैलेक्सी)

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कार्टव्हील गैलेक्सी को 'ESO 350-40' या 'PGC 2248' के नाम से भी जाना जाता है. इसकी खोज साल 1941 में फ्रिट्ज ज्विकी ने की थी.

जेम्स वेब टेलीस्कोप से पहले इस गैलेक्सी की तस्वीर हबल टेलीस्कोप (Hubble Telescope) ने ली थी, लेकिन वह तस्वीर इतनी स्पष्ट नहीं थी.

कार्टव्हील गैलेक्सी की संरचना बहुत जटिल और भारी गड़बड़ी वाली मानी जाती है. कार्टव्हील गैलेक्सी एक वैगन के पहिये तरह दिखाई देती है. इसमें दो तरह के वलय (Ring) दिखाई देते हैं.

ये दोनों वलय केंद्र से बाहर की तरफ फैलते दिखाई देते हैं (जैसे किसी तालाब में पत्थर फेंकने पर दिखाई देता है). इन्हीं विशेषताओं के कारण कार्टव्हील को 'रिंग गैलेक्सी' कहते हैं. 

कार्टव्हील गैलेक्सी के बाहरी वलय में लगभग 440 मिलियन सालों से तारों का निर्माण और सुपरनोवा हो रहे हैं. जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप द्वारा ली गई यह तस्वीर यह समझने में मदद कर सकती है कि अरबों सालों में गैलेक्सी का विकास कैसे होता है.

वैज्ञानिकों का मानना है कि ज्यादातर गैलेक्सी की तरह कार्टव्हील गैलेक्सी भी एक सर्पिल आकाशगंगा (Spiral Galaxy) रही होगी, लेकिन लगभग 200-300 मिलियन साल पहले इसकी टक्कर, इसके पास से गुजरी एक छोटी आकाशगंगा के साथ हुई होगी.

इस टक्कर ने कार्टव्हील गैलेक्सी के आकार और संरचना को विशेष रूप से प्रभावित किया, जिसके कारण इसमें ये बदलाव आए हैं और ये बदलाव जारी रहेंगे.