इस ब्रह्मांड में कहां है स्वर्गलोक या बैकुंठ?  आज की टेक्नोलॉजी से वहां तक पहुंचने में लगेंगे कितने साल?

भगवत पुराण के अनुसार, बैकुंठ का स्थान ध्रुव तारे की ओर है. पृथ्वी से 'ध्रुव लोक' तक की दूरी करीब 434 प्रकाश वर्ष है. 

ध्रुवलोक से करीब 1 करोड़ योजन की दूरी पर 'महर लोक' है, जो स्वर्गलोक का ही एक भाग है.

महर लोक के ऊपर दो करोड़ योजन की दूरी पर है 'जनलोक', यहां जाने वाली आत्माओं को देवताओं के दर्शन भी होते रहते हैं.

जनलोक से आठ करोड़ योजन की दूरी पर है 'तपोलोक', जिसे स्वर्गलोक का सबसे ऊंचा और श्रेष्ठ स्थान माना जाता है. यहां सभी देवता निवास करते हैं.

तपोलोक से 12 करोड़ योजन दूर है 'सत्यलोक', जहां परमपिता ब्रह्मा जी और माता सरस्वती रहते हैं.

सत्यलोक से दो करोड़ 62 लाख योजन को दूरी पर है 'बैकुंठ लोक', जहां निवास करते हैं भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी.