इस ब्रह्मांड में कहां है स्वर्गलोक या बैकुंठ? आज की टेक्नोलॉजी से वहां तक पहुंचने में लगेंगे कितने साल?

why do stars twinkle, swarg lok kahan hai, swarg kaha hai, swarg lok kaisa hai, swarg lok ka rasta, swarg lok kya hai, vaikunth lok kaisa hai, vaikunth lok location, vaikunth lok kaha hai, brahm lok kaha hai, brahm lok kya hai, what is dark matter and dark energy, Can human eyes see everything
Universe

Where is Heaven in Universe (Swarg lok Kahan Hai)

प्रकृति के रहस्यों को समझना आसान नहीं. कई बार हमारे मन में कई ऐसे सवाल आते रहते हैं, जिनका जवाब लगभग किसी के पास नहीं होता, लेकिन फिर भी हम उनके जवाब ढूंढने में लगे रहते हैं. मेरे मन में भी आया कि इस अंतरिक्ष में स्वर्ग किस स्थान पर है (Where is heaven in universe?). हम कोई भी धार्मिक TV शो देखते हैं या धर्म से जुड़ी कोई भी बात पढ़ते हैं तो उन सभी से यही पता चलता है कि इस ब्रह्मांड (Universe) में कहीं स्वर्गलोक मौजूद है, जहां इंसान मृत्यु के बाद ही जा सकता है. मन में सवाल आता है कि क्या सच में अंतरिक्ष (Universe) में स्वर्गलोक (Heaven) मौजूद है? क्या उसे देखा भी जा सकता है? क्या मृत्यु के बिना भी वहां तक पहुंचा जा सकता है?

आज तो विज्ञान ने इतनी उन्नति कर ली है, तो क्या कोई ऐसी टेक्नोलॉजी विकसित की जा सकती है, जिससे इन लोकों तक पहुंचा जा सकता हो? मुझे अपने इन सवालों के कुछ जवाब भी मिले.

आज की टेक्नोलॉजी से बैकुंठ तक पहुंचने में लगेगा कितना समय?

कहते हैं कि ब्रह्मांड की उत्पत्ति ब्रह्मा जी के जन्म के साथ शुरू होती है और जब उनकी आयु समाप्त होती है, तब यह ब्रह्मांड भी समाप्त हो जाता है. जहां ब्रह्मा जी रहते हैं, उसे ‘सत्यलोक’ कहा जाता है.

जहां भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी का निवास है, उसे बैकुंठ कहते हैं, जहां पहुंचना ही मोक्ष कहलाता है.

जहां देवराज इंद्र के साथ सभी देवता निवास करते हैं, उसे ‘स्वर्गलोक’ कहा जाता है, जहां इंसान मृत्यु के बाद ही जा सकता है.

सभी लोक इसी अंतरिक्ष में मौजूद हैं, लेकिन उन्हें देखा नहीं जा सकता, या ये भी कह सकते हैं कि सभी लोक पृथ्वी से इतनी ज्यादा दूरी पर हैं कि वहां तक पहुंचना किसी इंसान के लिए संभव ही नहीं है.

Read Also – द्वैत, अद्वैत, विशिष्‍टाद्वैत और द्वैताद्वैत क्या हैं और इनके बीच क्या अंतर है?

पृथ्वी से इन सभी लोकों की दूरी का जो अंदाजा लगाया गया है, उसके मुताबिक अगर आज की टेक्नोलोजी से हम बैकुंठ तक पहुंचने की कोशिश करेंगे, तो 14 लाख से भी अधिक सालों का समय लग जाएगा, यानी आज की टेक्नोलॉजी से हम इन लोकों तक पहुंच ही नहीं सकते. आइए अब इसे थोड़ा विस्तार से जानते हैं-

where is heaven in universe

पृथ्वी से ध्रुवलोक तक की दूरी- विष्णु पुराण के अनुसार, सप्तर्षियों से सौ हजार योजन ऊपर ध्रुवमण्डल स्थित है. ध्रुव तारे को ‘पोल स्टार (Pole Star)’ भी कहा जाता है, क्योंकि पृथ्वी के हर स्थान से यह तारा उत्तर दिशा में ही नजर आता है. पृथ्वी की ध्रुव तारे से दूरी लगभग 433 प्रकाश वर्ष बताई जाती है.

swarg lok kahan hai, swarg kaha hai, swarg lok kaisa hai, swarg lok ka rasta, swarg lok kya hai, vaikunth lok kaisa hai, vaikunth lok location, vaikunth lok kaha hai, brahm lok kaha hai, brahm lok kya hai

ध्रुवलोक से महर लोक तक की दूरी- ध्रुवलोक से 1 करोड़ योजन की दूरी पर ‘महर लोक’ है, जो स्वर्गलोक का ही एक भाग है. कहा जाता है कि इस लोक का वातावरण बेहद खुशनुमा और खूबसूरत है. पुराणों के अनुसार, जो लोग जीवनभर सामान्य इंसान की तरह रहते हैं और जानबूझकर किसी के साथ बुरा नहीं करते, वे मृत्यु के बाद इसी लोक में जाते हैं. यहां वे सभी आत्माएं बहुत सुख-सुविधा से रहती हैं.

swarg kaha hai, swarg lok kaisa hai, swarg lok ka rasta, swarg lok kya hai, vaikunth lok kaisa hai, vaikunth lok location, vaikunth lok kaha hai, brahm lok kaha hai, brahm lok kya hai

महर लोक से जनलोक तक की दूरी- महर लोक के ऊपर दो करोड़ योजन की दूरी पर है ‘जनलोक’, जहां ऐसे लोगों की आत्माएं जाती हैं, जो बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की मदद करते रहते हैं. ये स्थान बहुत सुंदर, सुखमय और तेजस्वी होता है. यहां जाने वाली आत्माओं को देवताओं के दर्शन भी होते रहते हैं.

brahm lok kaha hai, brahm lok kya hai

जनलोक से तपोलोक तक की दूरी- जनलोक से आठ करोड़ योजन की दूरी पर है ‘तपोलोक’, जिसे स्वर्गलोक का सबसे ऊंचा और श्रेष्ठ स्थान माना जाता है. यही वह स्थान है, जहां सभी देवता निवास करते हैं. यहां जाने वाली आत्माएं देवताओं के केवल दर्शन ही नहीं, बल्कि उनसे बात भी कर सकती हैं. लेकिन यहां जाने के लिए बेहद कठिन परीक्षा से गुजरना पड़ता है. जो लोग पूरे जीवनभर अपने स्वार्थ का पूरी तरह त्याग करके केवल दूसरों के बारे में ही सोचते हैं और दूसरों की ही मदद करते हैं, सदा साफ और पवित्र मन के होते हैं, साथ ही हमेशा भगवान की सच्ची भक्ति में भी लगे रहते हैं, उन्हीं लोगों की आत्माएं इस लोक में जा सकती हैं.

bhagwati devi saraswati mantra ved, सरस्वती सूक्त, सरस्वती रहस्योपनिषद्, सरस्वती बीजमंत्र, सरस्वती महामंत्र, saraswati beej mantra, brahma ji aur saraswati ka rishta

तपोलोक से सत्यलोक तक की दूरी- इसके बाद, तपोलोक से 12 करोड़ योजन दूर है ‘सत्यलोक’, जहां परमपिता ब्रह्मा जी और माता सरस्वती रहते हैं. कहते हैं कि यहां आत्माएं नहीं जातीं और अगर जाती भी हैं तो केवल उन्हीं लोगों की आत्माएं जा सकती हैं जो कई जन्मों से पुण्यकर्म करते चले आ रहे हों. जो स्वर्गलोक पहुंचकर भी अपने सतकर्मों और भगवान की भक्ति और पवित्र मन को नहीं छोड़ते, केवल उन्हें ही यहां जाने का सौभाग्य मिलता है.

vaikunth kaha hai, where is heaven in universe, swarg lok kahan hai, swarg kaha hai, swarg lok kaisa hai, swarg lok ka rasta, swarg lok kya hai, vaikunth lok kaisa hai, vaikunth lok location, vaikunth lok kaha hai, brahm lok kaha hai, brahm lok kya hai

सत्यलोक से बैकुंठ तक की दूरी- सत्यलोक से 2 करोड़ 62 लाख योजन को दूरी पर है ‘बैकुंठ लोक’, जहां निवास करते हैं भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी. बैकुंठ तक जाने को ही ‘मोक्ष’ कहा जाता है. यहां जैसी सुख-सुविधा और कहीं नहीं, इसीलिए लगभग हर इंसान का अंतिम लक्ष्य मोक्ष को ही प्राप्त करना होता है और यही अंतिम सत्य भी है, क्योंकि यहां जाने के बाद जन्म-मरण या हर तरह के बंधन से मुक्ति मिल जाती है.

हालांकि पुराणों के अनुसार, बैकुंठ से भी ऊपर है ‘गोलोक’ (वैकुंठ से पचास करोड़ योजन की दूरी पर), जहां भगवान श्रीकृष्ण और राधा जी निवास करते हैं, जो कि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी के ही स्वरूप हैं.

Shri-Vishnu, bhagwan vishnu, shree hari, shri vishnu stuti mantra, jai jai surnayak, ramcharitmanas, shantakaram bhujagashayanam padmanabham suresham

इस तरह पृथ्वी से बैकुंठ तक की दूरी- अब अगर सभी दूरियों को मिला लिया जाए और 1 योजन = 12 किलोमीटर मानें तो पृथ्वी से बैकुंठ तक की दूरी हुई- लगभग 4,10,40,00,00,00,00,000 (4 पदम 10 नील 40 खरब) किलोमीटर से भी बहुत ज्यादा.

फिलहाल आज हम अंतरिक्ष में 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सफर कर सकते हैं. अगर हम इससे कई गुना ज्यादा स्पीड से भी बैकुंठ तक की यात्रा पर निकलेंगे, तो भी हमें करीब 12 लाख से 14 लाख सालों तक का समय लग जाएगा. यानी आज की टेक्नोलॉजी के हिसाब से तो हम बैकुंठ तक पहुंच ही नहीं सकते. और आगे भी कोई ऐसी टेक्नोलॉजी विकसित नहीं की जा सकती.

तो ये सभी कैसे मिनटों में ही कर लेते हैं सभी लोकों की यात्रा?

where is heaven in universe, narad

लेकिन हम सब आज तक ये सुनते आए हैं कि नारद जी ‘नारायण-नारायण’ का जाप करते हुए सभी लोकों की यात्रा करते रहते हैं. वहीं, गुरु वशिष्ठ, विश्वामित्र आदि जैसे महान ऋषि भी सशरीर (जीवित रहते हुए ही) कई बार पृथ्वी से स्वर्गलोक तक की यात्रा करते थे और वहां होने वाली सभाओं में हिस्सा लेते थे.

ये सभी ऐसा इसलिए कर पाते थे क्योंकि उन्होंने अपने तपोबल से, मन की गति से कहीं भी आने-जाने की शक्ति प्राप्त कर ली थी, इसलिए वे कुछ मिनटों या घंटों में ही पृथ्वी से इन लोकों तक की यात्रा कर लेते थे. यानी भौतिकता या टेक्नोलॉजी के सहारे तो कभी नहीं, लेकिन धर्म, आध्यात्म, भक्ति, योग, तप और पुण्यकर्मों के रास्ते तो वहां तक क्षणभर में ही पहुंचा जा सकता है.

Read Also : वैकुंठलोक कैसा है, वहां तक कैसे पहुंचा जा सकता है?

Read Also : सनातन धर्म से जुड़े विवाद और सवाल-जवाब


Tags : swarg lok kahan hai, swarg kaha hai, swarg lok kaisa hai, swarg lok ka rasta, universe me heaven kahan hai, vaikunth lok kaisa hai, vaikunth lok location, vaikunth lok kaha hai, brahm lok kaha hai, brahm lok kya hai, where is heaven in universe, moksh ki prapti ke upay, moksh ka kya arth hai, moksh kya hai in hindi, स्वर्ग लोक कैसा है, बैकुंठ धाम कहां है, ब्रह्मलोक कहां पर है, स्वर्ग तक जाने का रास्ता, मोक्ष क्या है, मोक्ष प्राप्ति के उपाय



Copyrighted Material © 2019 - 2024 Prinsli.com - All rights reserved

All content on this website is copyrighted. It is prohibited to copy, publish or distribute the content and images of this website through any website, book, newspaper, software, videos, YouTube Channel or any other medium without written permission. You are not authorized to alter, obscure or remove any proprietary information, copyright or logo from this Website in any way. If any of these rules are violated, it will be strongly protested and legal action will be taken.



About Sonam Agarwal 238 Articles
LLB (Bachelor of Law). Work experience in Mahendra Institute and National News Channel (TV9 Bharatvarsh and Network18). Interested in Research. Contact- sonagarwal00003@gmail.com

5 Comments

  1. एक प्रकाश वर्ष वह दूरी है कि यदि हम पृथ्वी से यात्रा प्रारंभ करें और एक सेकेंड में तीन लाख किलोमीटर की गति से यात्रा करेंगे तो एक साल में लगभग 95 खराब किलोमीटर याने एक प्रकाश वर्ष की दूरी होगी। यदि हम मिल्की वे की ब्लेक होल की यात्रा एक सेकेंड में 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकेंड की गति से करेंगे तो वहां पहुंचने में 26 हज़ार साल लगेंगे, और मिल्की वे को पार करने में एक लाख साल आग जाएगा उसी प्रकार हमारे निकट के गेलेक्सि अड्रोमेडा में पहुंचने में 25 लाख साल बीत जाएगा।

  2. बहुत ही अद्भुत,और रोचक जानकारी के लिए आप का धन्यवाद। धर्म से सम्बंधित और जानकारी दीजिये।

  3. बहुत सूंदर जानकारी। ये बताना कोई आसान काम नही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*