Pani Puri or Golgappa : भारत, लड़कियां और… गोलगप्पे

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Pani Puri Golgappa (India)

गोलगप्पों का नाम सुनकर हम भारतीयों के मुंह में तो पानी आता ही है, पर इस बार इसके खट्टे-मीठे, चटपटे स्वाद ने जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा को भी अपना दीवाना बना दिया. जब फुमियो किशिदा भारत दौरे पर आये तो हमारे मोदीजी की ओर से उन्हें गोलगप्पे, लिट्टी चोखा, गन्ने का जूस, शरबत और कुल्हड़ वाली चाय पेश की गई.

ये सभी ऐसी सस्ती चीजें हैं, जिनके आगे खाने की महंगी से महंगी चीजें फीकी पड़ जाती हैं. क्वालिटी का भी ध्यान रखा जाये तो भारत में कम लागत में ही इन सभी चीजों का बिजनेस खूब फलता-फूलता है. गोलगप्पे के ठेलों पर तो लाइन लगी रहती है. दुनिया का 60 प्रतिशत बिजनेस स्वाद पर ही टिका है.

फुमियो किशिदा को गोलगप्पें इतना पसंद आये कि वह ‘वन मोर वन मोर’ कहने लगे और एक के बाद एक खाते चल गये. किशिदा को ऐसे दिलचस्पी से गोलगप्पे खाते देख पीएम मोदी मुस्कुराते हैं और शेफ से उन्हें और गोलगप्पे देने को कहते हैं. दरअसल, मोदीजी संदेश देने की कला जानते हैं. इस प्रकार प्रधानमंत्री मोदी जी ने अपने देश के स्ट्रीट फूड, हेल्दी और स्वदेशी खाने का पूरी दुनिया में प्रचार कर दिया.

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गोलगप्पों का इतिहास
कहाँ से आये हैं गोलगप्पे?

फिलहाल यह तो नहीं बताया जा सकता है कि गोलगप्पों का आविष्कार कहाँ हुआ. लेकिन इतना निश्चित है कि गोलगप्पों का आविष्कार भारत में ही हुआ है और बहुत पहले हुआ था. गोलगप्पों के इतिहास को लेकर कई दावे किये जाते हैं. कोई कहता है कि पहली बार गोलगप्पे द्रौपदी जी ने बनाये थे, जिसे खाकर पांडव काफी खुश हो गए थे और माता कुंती ने तो गोलगप्पों को अमरता का ही वरदान दे दिया था.

वहीं, कुछ इतिहासकारों का दावा है कि पानीपुरी का आविष्कार सम्राट चंद्रगुप्त के साम्राज्य में उस समय के नामी हलवाईयों ने किया था. अलग-अलग इतिहासकारों के द्वारा गोलगप्पा या पानीपुरी का वर्णन भारतीय मगध साम्राज्य में दर्शाया गया है. बताया जाता है कि “खट्टे पानी में डूबा हुआ यह स्वादिष्ट व्यंजन मगध साम्राज्य के सबसे प्रचलित व्यंजनों में से एक था.”

पाक मानवविज्ञानी कुरुश दलाल (Kurush Dalal) के अनुसार, “चाट की उत्पत्ति उत्तरी भारतीय क्षेत्र में हुई थी जो अब उत्तर प्रदेश है. वहीं, गोलगप्पे की उत्पत्ति भारतीय उपमहाद्वीप में हुई थी. संभवतः यह राज-कचौरी से उत्पन्न हुआ है- एक गलती से बनाई गई छोटी पूरी, जिससे पानी पूरी का जन्म हुआ. 20वीं शताब्दी में यह शेष भारत में फैल गया.” बहुत से लोगों का यह भी कहना है कि प्राचीनकाल में मंदिरों में भी गोलगप्पे बनाए जाते थे और इनका प्रसाद भी लगाया जाता था.

गोलगप्पों के हैं अनेक रूप

समय के साथ गोलगप्पे भी काफी विकसित हो चुके हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों में गोलगप्पों की अलग-अलग वैराइटी मिल जाएंगी. अलग-अलग जगहों पर अलग तरह का पानी और फिलिंग पसंद किया जाता है. आज पानीपूरी को 20 से भी ज्यादा तरीकों से बनाया जाता है जिनमें खट्टा पानीपूरी, मीठी पानीपूरी और तीखी पानीपूरी सबसे लोकप्रिय है.

मूल रूप से पानीपुरी को आलू मसाला, मटर, प्याज और स्प्राउट्स जैसे कई प्रकार के भरावों के साथ परोसा जाता है. पानी को अलग-अलग प्रकार की सामग्री जैसे कि नींबू का रस, कच्चे आम, इमली, मिर्च और फलों के रस के साथ भी बनाया जाता है. किराने की दुकानों में पहले से पैक किए गए पानीपुरी के गोले और रेडी-टू-यूज फ्लेवर्ड वाटर के साथ यह डिश भी अधिक सुलभ हो गई है.

क्या सेहत के लिए फायदेमंद हैं गोलगप्पे?

क्यों नहीं! यदि आप गोलगप्पों को घर पर ही बनाते हैं और उचित मात्रा में ही खाते हैं, तो ये स्वाद के साथ-साथ सेहत भी बना सकते हैं. गर्मियों में घर पर गोलगप्पे बनायें और पानी को इमली की जगह कच्चे आम से बनायें. गर्मियों में कच्चे आम का पना पीना काफी फायदेमंद होता है. इस पानी में हरी मिर्च, पुदीना, नीम्बू, सेंधा-काला नमक, धनिया, जीरा जैसी चीजें ही मिली होती हैं. ये सभी चीजें पेट को सही रखती हैं. वहीं, गप्पों यानी पूरी में आप आलू मसाला, प्याज, मटर, स्प्राउट्स में से जो चाहे भर सकते हैं.

मिल-जुलकर बनायें और साथ मिलकर प्यार से खाएं गोलगप्पे

जब मन को कुछ ना भाये,
तो पानी पूरी जरूर खायें।

हेल्थ मेनिया की चीफ डाइटीशियन मेघा मुखीजा के अनुसार, गोलगप्पे और उसका पानी घर में बनाया जाए तो वजन कम करने में भी मदद मिल सकती है. सूजी के बजाय आटे के गोलगप्पे बनाएं. दरअसल, गोलगप्पे खाने के बाद घंटों तक भूख नहीं लगती है. ऐसे में वजन घटाने में मदद मिल सकती है. पूरी काफी हल्की होती है और आटे से बनाई जाती है. पानी पूरी में भी बहुत कम मसाला होता है इसलिए इसे खाने में कोई हर्ज नहीं है. एक गोलगप्पे में 36 कैलोरी होती है.

जैवलिन थ्रो यानी भाला फेंक की ओलंपिक प्रतियोगिता में पहली बार गोल्ड मेडल जीतकर लाने वाले नीरज चोपड़ा ने पानी पूरी को एक बेहतर स्ट्रीट फूड बताया था. कई बार गर्मियों के मौसम में जी मचलाता है और बार-बार कुछ पीने का मन करता है. ऐसे में आप घर पर मिलजुलकर गोलगप्पे बनायें और एक साथ मिलकर प्यार से खाएं, तो मूड भी फ्रेश हो जाता है, साथ ही घर में हंसी-खुशी का माहौल भी बनता है.

Written By : Aditi Singhal (working in the media)

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