bhagavad gita, bhagwat geeta adhyay 1, bharat in mahabharat, mahabharat kab hua tha date kalyug kab start hua, mahabharat ka yuddh kyon hua, कब हुआ था महाभारत का युद्ध?, gita 6 atma sanyam yog, satvik rajsik tamasik, geeta chapter 15 shlok
धर्म और अध्यात्म

Shrimad Bhagwat Geeta Adhyay 15 : भगवद्गीता – पन्द्रहवाँ अध्याय (पुरुषोत्तम योग)

अच्छी और बुरी योनियों की प्राप्ति गुणों के संग से होती है एवं समस्त लोक और प्राणियों के शरीर तीनों गुणों के ही परिणाम हैं. अन्य सब योनियों में तो केवल पूर्वकृत कर्मों के फल को भोगने का ही अधिकार है, जबकि मनुष्य योनि में नवीन कर्मों के करने का भी अधिकार है. […]

bhagavad gita, bhagwat geeta adhyay 1, bharat in mahabharat, mahabharat kab hua tha date kalyug kab start hua, mahabharat ka yuddh kyon hua, कब हुआ था महाभारत का युद्ध?, gita 6 atma sanyam yog, satvik rajsik tamasik, geeta chapter 15 shlok
धर्म और अध्यात्म

Bhagavad Gita Adhyay 14 : श्रीमद् भगवद्गीता – चौदहवाँ अध्याय (गुणत्रय विभाग योग)

सत्त्वगुण से ज्ञान उत्पन्न होता है और रजोगुण से निःसन्देह लोभ तथा तमोगुण से प्रमाद और मोह उत्पन्न होते हैं और अज्ञान भी होता है॥17॥ सत्त्वगुण में स्थित मनुष्य स्वर्ग आदि उच्च लोकों को जाते हैं, रजोगुण में स्थित राजस मनुष्य मध्य में अर्थात मनुष्य लोक में ही रहते हैं और तमोगुण के कार्यरूप निद्रा, प्रमाद और आलस्य आदि में स्थित तामस मनुष्य अधोगति को अर्थात कीट, पशु आदि नीच योनियों को तथा नरकों को प्राप्त होते हैं॥18॥ […]

bhagavad gita, bhagwat geeta adhyay 1, bharat in mahabharat, mahabharat kab hua tha date kalyug kab start hua, mahabharat ka yuddh kyon hua, कब हुआ था महाभारत का युद्ध?, gita 6 atma sanyam yog, satvik rajsik tamasik, geeta chapter 15 shlok
धर्म और अध्यात्म

Bhagavad Gita Chapter 13 : श्रीमद् भगवद् गीता – तेरहवाँ अध्याय (क्षेत्र-क्षेत्रज्ञ विभाग योग)

सत्त्व, रज और तम- इन तीनों गुणों के साथ जो जीव का अनादिसिद्ध संबंध है एवं उनके कार्य रूप सांसारिक पदार्थों में जो आसक्ति होगी, उसकी वैसी ही वासना होगी, वासना के अनुसार ही अंतकाल में स्मृति होगी और उसी के अनुसार उसे पुनर्जन्म प्राप्त होगा. इसीलिये यहाँ अच्छी-बुरी योनियों की प्राप्ति में गुणों के संग को कारण बतलाया गया है. […]

bhagavad gita, bhagwat geeta adhyay 1, bharat in mahabharat, mahabharat kab hua tha date kalyug kab start hua, mahabharat ka yuddh kyon hua, कब हुआ था महाभारत का युद्ध?, gita 6 atma sanyam yog, satvik rajsik tamasik, geeta chapter 15 shlok
धर्म और अध्यात्म

Bhagavad Gita Chapter 12 : श्रीमद्भगवद्गीता – बारहवाँ अध्याय (भक्ति योग)

‘सब कर्मों के फल का त्‍याग’ करने वाला मनुष्य न तो यह समझता है कि मुझसे भगवान कर्म करवाते हैं और न ही वह यह समझता है कि मैं भगवान के लिये समस्‍त कर्म करता हूँ. वह यह समझता है कि कर्म करने में ही मनुष्‍य का अधिकार है, उसके फल में नहीं. […]

bhagavad gita, bhagwat geeta adhyay 1, bharat in mahabharat, mahabharat kab hua tha date kalyug kab start hua, mahabharat ka yuddh kyon hua, कब हुआ था महाभारत का युद्ध?, gita 6 atma sanyam yog, satvik rajsik tamasik, geeta chapter 15 shlok
धर्म और अध्यात्म

Bhagavad Gita Adhyay 11 : श्रीमद्भगवद्गीता – ग्यारहवाँ अध्याय (विश्वरूप दर्शन योग)

भगवान श्रीकृष्ण के इस वचन को सुनकर अर्जुन हाथ जोड़कर काँपते हुए नमस्कार करके, फिर भी अत्यन्त भयभीत होकर प्रणाम करके भगवान श्रीकृष्ण के प्रति गद्‍गद्‍ वाणी से बोले- […]

bhagavad gita, bhagwat geeta adhyay 1, bharat in mahabharat, mahabharat kab hua tha date kalyug kab start hua, mahabharat ka yuddh kyon hua, कब हुआ था महाभारत का युद्ध?, gita 6 atma sanyam yog, satvik rajsik tamasik, geeta chapter 15 shlok
धर्म और अध्यात्म

Bhagavad Geeta Adhyay 10 : श्रीमद्भगवद्गीता – दशवाँ अध्याय (विभूति योग)

अर्जुन! मैं अदिति के बारह पुत्रों में विष्णु और ज्योतियों में किरणों वाला सूर्य हूँ तथा मैं उनचास वायुदेवताओं का तेज और नक्षत्रों का अधिपति चंद्रमा हूँ॥21॥ मैं वेदों में सामवेद हूँ, देवों में इंद्र हूँ, इंद्रियों में मन हूँ और भूत प्राणियों की चेतना अर्थात्‌ जीवन-शक्ति हूँ॥22॥ […]

bhagavad gita, bhagwat geeta adhyay 1, bharat in mahabharat, mahabharat kab hua tha date kalyug kab start hua, mahabharat ka yuddh kyon hua, कब हुआ था महाभारत का युद्ध?, gita 6 atma sanyam yog, satvik rajsik tamasik, geeta chapter 15 shlok
धर्म और अध्यात्म

Bhagavad Gita Adhyay 9 : श्रीमद्भगवद्गीता – नौवाँ अध्याय (राजविद्या राजगुह्य योग)

जहाँ भगवान् ने स्वयं को जगत का रचयिता बतलाया है‚ वहाँ पर बात भी समझ लेनी चाहिये कि वस्तुतः भगवान् स्वयं कुछ नहीं करते‚ वे अपनी शक्ति प्रकृति को स्वीकार करके उसी के द्वारा जगत की रचना करते हैं और जहाँ प्रकृति को सृष्टि की रचना आदि कार्य करने वाली कहा गया है‚ वहाँ …. […]

bhagavad gita, bhagwat geeta adhyay 1, bharat in mahabharat, mahabharat kab hua tha date kalyug kab start hua, mahabharat ka yuddh kyon hua, कब हुआ था महाभारत का युद्ध?, gita 6 atma sanyam yog, satvik rajsik tamasik, geeta chapter 15 shlok
धर्म और अध्यात्म

Bhagavad Gita Adhyay 8 : श्रीमद्भगवद्गीता – आठवां अध्याय (अक्षर ब्रह्म योग)

“अर्जुन! यह मनुष्य अंतकाल में जिस-जिस भी भाव को स्मरण करता हुआ शरीर त्याग करता है, उस-उसको ही प्राप्त होता है क्योंकि वह सदा उसी भाव से भावित रहा है॥6॥ इसलिए अर्जुन! तुम सब समय में …” […]

bhagavad gita, bhagwat geeta adhyay 1, bharat in mahabharat, mahabharat kab hua tha date kalyug kab start hua, mahabharat ka yuddh kyon hua, कब हुआ था महाभारत का युद्ध?, gita 6 atma sanyam yog, satvik rajsik tamasik, geeta chapter 15 shlok
धर्म और अध्यात्म

Bhagavad Geeta Adhyay 7 : श्रीमद्भगवद्गीता – सातवां अध्याय (ज्ञान-विज्ञान योग)

जन्म-जन्मान्तर में किये हुए कर्मों से संस्कारों का संचय होता है और उस संस्कार समूह से जो प्रकृति बनती है, उसे स्वभाव कहा जाता है. प्रत्येक जीव का स्वभाव अलग-अलग होता है. उस स्वभाव के अनुसार जो अन्तःकरण में भिन्न-भिन्न देवताओं का पूजन करने की भिन्न-भिन्न इच्छा उत्पन्न होती है, उसी को उससे प्रेरित होना कहते हैं. […]

vyadha gita mahabharata, brahman and shudra, व्याध गीता
धर्म और अध्यात्म

Vyadha Gita Mahabharata : जब एक स्त्री और एक शूद्र ने दी ब्राह्मण को शिक्षा

तब कौशिक ब्राह्मण बोले- “तो क्‍या ब्राह्मण बड़े नहीं हैं? गृहस्थ धर्म में रहकर भी तुम ब्राह्मणों का अपमान करती हो? अरे देवी! स्‍वर्गलोक के स्‍वामी भी ब्राह्मणों के आगे सिर झुकाते हैं, फिर मनुष्‍यों की तो बात ही क्‍या है… […]