Rose Uses and Benefits
गुलाब (Rose or Gulab) केवल सौंदर्य और सुगंध ही नहीं बिखेरता, बल्कि यह कई प्राकृतिक और औषधीय गुणों को भी अपने में समेटे हुए है. यही कारण है कि इसे फूलों (Flowers) का राजा कहा जाता है. यह मन को प्रसन्न करने वाला फूल है. गुलाब किसी की भी सुंदरता में चार चांद लगा देता है. यह सुंदर होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी बहुत उपयोगी है. गुलाब का इस्तेमाल कई तरह से किया जाता है. भगवान की पूजा हो या किसी रूठे हुए को मनाना हो, किसी का स्वागत करना हो या किसी से अपने प्रेम का इजहार करना हो, खूबसूरती बढ़ाना हो या किसी बीमारी का इलाज करना हो, घर को सजाना हो या चारों तरफ खुशबू बिखेरना हो, गुलाब हर तरह से उपयोगी है.
गुलाब सौंदर्य, स्नेह और प्रेम का प्रतीक माना जाता है. दो लोगों के बीच केवल एक गुलाब का आदान-प्रदान किसी भी बड़े या महंगे उपहार से कहीं बढ़कर है. एक गुलाब सब कुछ कह देता है. अलग-अलग रंगों के गुलाब का भी अलग-अलग मतलब होता है, जैसे पीला गुलाब दोस्ती का, गुलाबी गुलाब शुक्रिया का, सफेद गुलाब रिश्ते की शुरुआत का और लाल गुलाब प्रेम का प्रतीक है. इसी के साथ किसी को कितने गुलाब दिए जाते हैं, इसके भी अलग-अलग मतलब होते हैं. जैसे- एक गुलाब का मतलब होता है ‘पहली नजर का प्यार’. वहीं, दो गुलाब का मतलब है- गहराई तक प्यार होना.
गुलाब के पौधे (Rose Plant)
गुलाब पूरी दुनिया में पाया जाता है. दुनियाभर में गुलाब की 100 से भी ज्यादा किस्में पाई जाती हैं. भारत में गुलाब की खेती सबसे ज्यादा महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक में की जाती है. गुलाब के पौधों (Rose plant) पर सालभर फूल लगते हैं.
आमतौर पर गुलाब की खेती बीज, नए पौधे और कलम का इस्तेमाल करके की जाती है. गुलाब के पौधे लगाने के लिए उन्हें नर्सरी से निकालने के बाद उन्हें तुरंत ही लगा देना चाहिए. गुलाब को लगाने का सबसे अच्छा समय शाम या दोपहर का माना जाता है.
तकनीकी तौर पर गुलाब के पौधों के लिए 15 से 28 डिग्री सेल्सियस का तापमान सही माना जाता है, हालांकि 15 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान पर भी इनका विकास होता रहता है. जिस मिट्टी का PH मान 6 से 7.5 के बीच हो, वह मिट्टी गुलाब की खेती के लिए अच्छी मानी जाती है. गुलाब के पौधों में जैविक खादों का ही इस्तेमाल करना चाहिए, रासायनिक खाद का नहीं. चाय की उबली हुई पत्ती गुलाब के पौधों के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है.
गुलाब के इस्तेमाल (Rose Uses)
गुलाब से गुलाबजल, गुलकंद, ठंडाई, जैम-जैली, इत्र, परफ्यूम, दवाइयां, कॉस्मेटिक्स, साज-सजावट का सामान, गहने, गजरे, बुके आदि बनाए जाते हैं. इसीलिए स्थानीय बाजार के साथ-साथ वैश्विक बाजार में भी गुलाब की भारी मांग रहती है और यह रोजगार या आय का एक मुख्य साधन बनता है. किसानों के लिए इसका कारोबार (Rose Business) बहुत फायदेमंद साबित होता है. इसके महत्व को देखते हुए ही भारत में हर साल 12 फरवरी को ‘गुलाब दिवस’ भी मनाया जाता है.
गुलाब का इस्तेमाल गुलकंद, गुलाबजल और इत्र बनाने में तो होता ही है, साथ ही आंख, मुंह, कान, त्वचा रोग और बुखार के इलाज के तौर पर भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. इसी के साथ, कई जहरीले कीड़ों या जानवरों जैसे- सांप, बिच्छू आदि के जहर का असर कम करने में भी गुलाब का इस्तेमाल किया जाता है.
आयुर्वेद में भी कई तरह के रोगों में गुलाब के कई तरह से इस्तेमाल बताए गए हैं. इसमें कई बड़े औषधि गुण पाए जाते हैं. गुलाब में विटामिन C पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. गुलाब के फूल खाते रहने से शरीर से विटामिन सी की कमी दूर हो जाती है, जोड़ों और हड्डियों के दर्द से राहत मिलती है और त्वचा चमकदार बनती है.
कई रोगों में गुलाब का इस्तेमाल (Rose Uses and Benefits)
(1) अगर शरीर से बहुत ज्यादा मात्रा में पसीना निकलता हो, या शरीर से दुर्गंध आती हो तो-
पानी में गुलाब की पंखुड़ियों को डालकर उबाल लें. इस पानी को नहाने के पानी में मिलाकर स्नान करें, इससे शरीर की दुर्गंध से छुटकारा मिलता है. वहीं, गुलाब की पंखुड़ियों को पीसकर उसमें पानी मिलाकर उसका पेस्ट बना लें. इस पेस्ट को पूरे शरीर में लगाएं और आधे घंटे बाद नहा लें. एक हफ्ते तक ऐसा करने से शरीर की दुर्गंध दूर हो जाती है.
(2) अगर मुंह से बहुत दुर्गंध आती है, या मसूढ़ों से मवाद आता है, या दांतों की जड़ें कमजोर हो रही हैं, तो गुलाब का इस्तेमाल करें. ताजे गुलाब की पंखुड़ियों को खूब चबा-चबाकर खाएं. रोज ऐसा करने से मसूड़ों से खून आने, मवाद आने, या दुर्गंध आने की समस्या से राहत मिलती है, साथ ही मसूढ़े मजबूत बनते हैं.
(3) अगर मुंह में बार-बार छाले पड़ते हैं, तो इससे छुटकारा पाने के लिए गुलाब की पंखुड़ियों को पानी में उबालकर ठंडा कर लें. उस पानी से दिनभर में तीन-चार बार कुल्ला करने से मुंह के छालों में आराम होता है.
(4) अगर आंखें बहुत लाल हो रही हों, या सूज रही हों, या उनमें जलन हो रही हो, तो तुरंत कोई इलाज ना मिलने पर दो-दो बूंद गुलाबजल आंखों में डालने से इन समस्याओं से राहत मिलती है. कई जगह पर यह बताया जाता है कि कभी-कभी गुलाबजल की दो-दो बूंदें आंखों में डालने से आंखों की बीमारियों से काफी हद तक राहत मिलती है.
(5) अगर दाद-खाज खुजली से परेशान हैं, तो गुलाब के अर्क में नींबू (Lemon) का रस मिलाकर प्रभावित जगह पर लगाने से दाद-खाज खुजली में राहत मिलती है.
(6) गुलाब का इस्तेमाल कुष्ठरोग या क्षय रोग (ट्यूबरकुलोसिस) के इलाज में भी किया जाता है. आयुर्वेद के अनुसार, कुष्ठ रोग के मरीज को गुलाब के फूल रोज खिलाने से उसे इस रोग से मुक्ति मिल जाती है.
(7) गुलाब की पंखुड़ियों को सुखाकर उनका चूर्ण या पाउडर चेचक से पीड़ित व्यक्ति के बिस्तर पर डालने से चेचक के घाव जल्दी सूख जाते हैं. गुलाब के फूलों को पीसकर किसी भी घाव के ऊपर डालने से खून बहना कम होने लगता है और घाव जल्दी सूखने लगता है.
(8) अगर शरीर के किसी हिस्से में जलन हो रही हो, तो गुलाबजल में चंदन पाउडर मिलाकर उस स्थान पर लगाएं, जल्दी आराम मिलेगा.
(9) गुलाब की पंखुड़ियों के चूर्ण का शहद के साथ सेवन करने से कब्ज, अतिसार और दस्त में आराम मिलता है. गुलाब के फूलों का तेल गर्म करके फिर उसे ठंडा करके और छानकर गुदा (anus) पर लगाने से गुदा की सूजन कम हो जाती है.
(10) आधे कप शुद्ध गुलाबजल में नींबू निचोड़ कर उसमें थोड़ी मात्रा में मिश्री मिला लें. इस घोल को हैजे के मरीज को पिलाने से काफी राहत मिलती है.
(11) जिनको अक्सर खाना न पचने या हाजमे की शिकायत रहती है, वे खाना खाने के तुरंत बाद गुलकंद खाएं, इससे हाजमा ठीक रहेगा.
(12) खाना खाने के बाद रोज दो चम्मच गुलकंद (Gulkand) खाने से पेट की सभी समस्याएं ठीक हो जाती हैं. गुलाब के रस में सौंफ का रस और पुदीने का रस मिलाकर इसकी 4-4 बूंदों को पानी में मिलाकर पीने से पेट की कई बीमारियों में राहत मिलती है. गुलकंद खाकर ऊपर से गर्म दूध पीने से गर्मियों में होने वाली घबराहट दूर होती है.
(13) बहुत ज्यादा गर्मी लगने पर या गर्मी से एलर्जी या घबराहट होने पर ताजे गुलाब की कुछ पंखुड़ियों में इलायची, काली मिर्च और मिश्री मिलाकर पीस लें. इसे पानी के साथ लें, बहुत जल्दी आराम मिलेगा.
(14) गुलाब की पंखुड़ियों को पानी के साथ पीसकर माथे पर लगाने से सिरदर्द तुरंत दूर हो जाता है. अगर सिर दर्द गर्मी के कारण हो रहा हो, या जी मचला रहा हो, तो ताजे गुलाब की पंखुड़ियों को दो इलायची के साथ चबाकर खाने से इन समस्याओं से राहत मिलती है. सिरदर्द में गुलाब का इत्र भी माथे पर लगाया जा सकता है.
(15) जिन महिलाओं को प्रदर या ल्यूकोरिया की शिकायत है, या जिन महिलाओं के पेशाब में जलन होती है, तो इस इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए गुलाब का इस्तेमाल किया जाता है. जैसे- ताजे गुलाब की पंखुड़ियों को मिश्री के साथ पीसकर आधे गिलास पानी में मिलाकर 10 दिनों तक रोज पीने से श्वेत प्रदर रोग और पेशाब में होने वाली जलन से राहत मिलती है.
(16) इसी के साथ, गुलाब के फूलों का इस्तेमाल फेफड़ों की बीमारी, टीबी के इलाज, आमाशय, आंतों और लिवर संबंधी बीमारियों और बवासीर के इलाज में भी किया जाता है. गर्मी से जी मचलाना, सीने या गले में जलन आदि समस्याओं में भी गुलाब की पंखुड़ियों का रस काफी फायदेमंद माना जाता है.
नोट- बहुत जगह लिखा रहता है कि कान में दर्द होने पर उसमें गुलाबजल की बूंदें डालने से आराम मिल जाता है, लेकिन हम इस बात की पुष्टि नहीं करते. कान में दर्द होने पर सबसे कारगर घरेलू इलाज है- सरसों के तेल को गर्म कर लें और फिर उसे ठंडा होने के लिए रख दें. जब वह हल्का गुनगुना हो जाए, तो उसकी दो बूंदें कान में डालें. इससे कान में दर्द से राहत मिलती है, साथ ही मैल भी बाहर आ जाता है.
सुंदरता बढ़ाने में गुलाब का इस्तेमाल (Rose for Beauty)
गुलाब का इस्तेमाल त्वचा की समस्याएं दूर करने, चेहरे को निखारने और त्वचा को गुलाबी बनाने में बहुत किया जाता है. गुलाब की पंखुड़ियां (Rose petals) त्वचा को खूबसूरत, कोमल और मुलायम बनाने में मदद करती हैं त्वचा में एक नई जान डाल देती हैं. गुलाब की पंखुड़ियों में विटामिन सी, बी और के के साथ-साथ कैल्शियम, सोडियम, कार्बोहाइड्रेट, आयरन और फाइबर भी पाया जाता है. गुलाब की पंखुड़ियां एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती हैं और त्वचा के लिए टॉनिक का काम करती हैं.
♦ रात को सोने से पहले चेहरे पर गुलाबजल लगाना अच्छा होता है. पानी में गुलाबजल (Gulabjal or Rose water) डालकर रोज स्नान करने से त्वचा से जुड़ी कई समस्याएं दूर हो जाती हैं और सौंदर्य बढ़ता है, साथ ही ताजगी भी आती है.
♦ गुलाब की पंखुड़ियों को पीसकर उसमें थोड़ा सा बादाम का तेल मिलाकर चेहरे पर मालिश करने से निखार बढ़ता है और झुर्रियां दूर होती हैं.
♦ गुलाब की पंखुड़ियों को पीसकर उसमें मलाई मिलाकर चेहरे और होठों पर मलने से निखार आता है और होंठों का कालापन दूर होता है और वे गुलाबी होते हैं.
♦ गुलाब की पंखुड़ियों को पीसकर उसमें थोड़ा सा ग्लिसरीन मिलाकर चेहरे और होठों पर मालिश करने से त्वचा का निखार बढ़ता है और होंठों का कालापन दूर होता है और वे गुलाबी होते हैं.
♦ गुलाब की पंखुड़ियों को पीसकर दूध और गुलाबजल के साथ मिलाकर त्वचा, गर्दन और हाथों पर लगाएं. 15 से 20 मिनट बाद पानी से धो लें. इससे त्वचा में निखार बढ़ता है.
♦ गुलाब की पंखुड़ियों को पीसकर उसमें एलोवेरा जेल (Aloe vera) मिक्स करके चेहरे पर लगाएं. 10 मिनट बाद पानी से धो लें. ऐसा कहने से चेहरे पर अच्छा निखार आता है.
♦ गुलाबजल में थोड़ा सा ग्लिसरीन मिलाकर उससे चेहरे और होठों की मालिश करने से बहुत अच्छा असर आता है. झुर्रियां दूर होती हैं और त्वचा का निखार बढ़ता है. वहीं, रात को सोते समय रोज गुलाबजल से चेहरे की मालिश करने से त्वचा जवान बनी रहती है.
♦ सोने से पहले एलोवेरा जेल में गुलाबजल मिलाकर चेहरे की मालिश कर सो जाएं और सुबह मुंह धो लें. इससे झुर्रियां समाप्त होती हैं और चेहरे का निखार बढ़ता है.
♦ अगर थ्रेडिंग या वैक्सिंग करवाने के बाद त्वचा पर दाने निकल आए हों, तो उनके ऊपर गुलाबजल लगाने से आराम मिलता है.
♦ गुलाबजल में थोड़ा सा चंदन तेल मिलाकर मालिश करने से त्वचा में निखार आता है, झुर्रियां दूर होती हैं, साथ ही शीतपित्त में भी आराम मिलता है.
गुलाब की पंखुड़ियों (Rose Petals) को सुखाकर उन्हें स्टोर करके कभी भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
♦ गुलाब की सूखी पंखुड़ियों के पाउडर में शहद या मिलाई मिलाकर पेस्ट बना लें. इससे चेहरे और होठों पर हल्के हाथों से मसाज करें. 10 मिनट बाद चेहरा धो लें. इससे त्वचा सॉफ्ट होने लगती है.
♦ गुलाब की सूखी पंखुड़ियों के पाउडर में थोड़ा सा बेसन और दूध मिलाकर पेस्ट बना लें. इसे चेहरे पर लगाकर 15 से 20 मिनट बाद चेहरे को धो लें. इससे चेहरे पर निखार बढ़ता है.
♦ गुलाब की पंखुड़ियों के पाउडर में गुलाबजल मिलाकर रख दें और 1 घंटे बाद इस पेस्ट से चेहरे की हल्के हाथों से मसाज करें. इसके बाद आधे घंटे बाद चेहरा धो लें. इससे दाग-धब्बे दूर होते हैं और त्वचा मुलायम बनती है और निखार भी बढ़ता है.
गुलाब के इस्तेमाल में सावधानियां
गुलाब की तासीर बहुत ठंडी होती है, इसलिए सर्दियों में इसका इस्तेमाल बहुत सोच-समझ कर किया जाना चाहिए. गुलाब को ज्यादा मात्रा में सूंघने से भी जुकाम हो सकता है. गुलाब के फूलों का बहुत ज्यादा सेवन भी नहीं करना चाहिए, केवल बीमारी के इलाज हो जाने तक ही उनका सेवन या इस्तेमाल करना चाहिए, वह भी केवल गर्मियों में.
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V. Good article thanks