Diwali Pujan : दीपावली पर किए जाने वाले कुछ सरल कार्य या उपाय, जिनसे घर आएं शुभ-लाभ

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दीपावली पूजन

Diwali Pujan Kaise Karen

सुख-समृद्धि की कामना के लिए दिवाली सबसे बड़ा और प्रमुख त्योहार है. कहते हैं कि अगर दीपावली का पूजन (Deepawali Poojan) बड़े प्रेम के साथ और सही तरीकों से किया जाए, तो उसका अच्छा फल साल भर मिलता है. वैसे भगवान तो अपने भक्तों के सरल भाव और उनकी सच्ची भक्ति से ही प्रसन्न होते हैं, लेकिन किसी भी तरह की पूजा के अपने कुछ नियम होते हैं, जिनका पालन करने से घर में संपन्नता बनी रहती है.

पूजा के नियमों का पालन करने में भगवान के प्रति भक्त की गंभीरता और प्रेम भी झलकता है. यहां हम आपको दीपावली के दिन और पूजन के दौरान किए जाने कुछ ऐसे कार्यों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में माना जाता है इन कार्यों को करने से महालक्ष्मी जल्द प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है.

लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान-

जब आप दिवाली पूजन के लिए लक्ष्मीजी की मूर्ति लेने जाएं तो ध्यान रखें कि-
सोने, चांदी, पीतल या अष्टधातु की मूर्ति खरीदने के साथ क्रिस्टल के लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति की पूजा करना शुभ माना गया है.
दिवाली पूजा के लिए लक्ष्मी और गणेश जी की एक साथ जुड़ी हुई मूर्ति कभी नहीं लेनी चाहिए. दोनों मूर्तियां अलग-अलग ही हों.
लक्ष्मी की ऐसी मूर्ति न खरीदें, जिसमें मां लक्ष्मी उल्लू पर विराजमान हों. ऐसी मूर्ति को काली लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है.
मां लक्ष्मी की ऐसी मूर्ति लेनी चाहिए, जिसमें वो कमल पर विराजमान हों. उनका हाथ वरमुद्रा में हो और धन की वर्षा करता हो.
खड़ी हुईं मां लक्ष्मी की मूर्ति नहीं लेनी चाहिए. ऐसी मूर्ति चंचल मानी जाती हैं, यानी मां लक्ष्मी के घर से जाने की मुद्रा में तैयार माना जाता है.

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जब आप गणेश जी की मूर्ति लेने जाएं तो ध्यान रखें कि गणेश की मूर्ति में उनकी सूंड बाएं हाथ की तरफ मुड़ी हो. दायीं तरफ मुड़ी हुई सूंड शुभ नहीं मानी जाती है. साथ ही सूंड में दो घुमाव भी न हों.
गणेश जी की मूर्ति में उनके साथ उनका वाहन मूषक जरूर होना चाहिए. गणेश जी के हाथ में मोदक हों. ऐसी मूर्ति सुख-समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है.

मूर्तियों को कैसे बिठाएं-

पूजा के समय मां लक्ष्मी की मूर्ति हमेशा भगवान गणेश के दाहिनी ओर सामने देखती हुईं रखें, साथ ही गणेश जी का मुख थोड़ा लक्ष्मी जी की तरफ हो, क्योंकि महालक्ष्मी जी गणेश जी की माता हैं.
कहा जाता है कि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा एक साथ ही फलदाई होती है. लक्ष्मी जी अपने भक्तों पर तब और भी ज्यादा प्रसन्न होती हैं, जब उनसे पहले उनके पति यानी भगवान श्री विष्णु जी की पूजा-आराधना की जाए. इसलिए दीपावली पूजन के समय गणेश-लक्ष्मी के साथ विष्णु जी की स्थापना अनिवार्य है. अगर मूर्ति रखना संभव न हो तो भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी जी का एक चित्र जरूर लगाएं या बनाएं और उनकी पूजा करें.
लक्ष्मी जी के दाहिनी तरफ भगवान विष्णु को और बाईं तरफ गणेश जी को बिठाना चाहिए.

दीपावली के दिन ध्यान रखी जाने वाली बातें-

दीपावली के दिन सूर्योदय से पहले उठें, नहा-धोकर साफ कपड़े पहनें, सूर्य को जल चढ़ाएं, तुलसी की पूजा करें, गाय को गुड़-रोटी या चारा खिलाएं और उसे प्रणाम करें.

घर को साफ-सुथरा जरूर रखें और यथाशक्ति सजाएं. घर के द्वार पर रंगों से या आटे-हल्दी आदि से या फूलों से रंगोली बनाएं.

दीपावली के दिन सुबह घर के द्वार पर गाय का गोबर लीपना और रंगोली बनाना बहुत शुभ माना जाता है.

दीपावली के दिन जहां पूजा की जानी है, उस जगह पर आम के पत्तों की बंदनवार लगाएं.

मंदिर कक्ष के गेट, घर के गेट, रसोई के गेट और कार्यस्थल के गेट पर भी बंदनवार लगाना शुभ होता है.

दीपावली के दिन किसी गरीब सुहागिन स्त्री को सुहाग की सामग्री दान करने से महालक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती हैं.

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दीपावली के दिन या पूजा में भगवान को घर में बनी मिठाई या खीर का प्रसाद लगाएं, बाजार की मिठाई का नहीं. दरअसल, आप भगवान को बड़े प्यार से जितना अपने हाथों से बनाकर खिलाते हैं, वे उतना ही ज्यादा प्रसन्न होते हैं.

दीपावली के दिन स्फटिक श्रीयंत्र स्थापित करके श्रीसूक्त श्लोक का पाठ करें.

दीपावली के दिन पीपल का एक अखंडित पत्ता वृक्ष से प्रार्थना करके तोड़ लाएं और इसे पूजा या किसी अन्य पवित्र स्थान पर रख दें. फिर शनिवार को नया पता तोड़कर उस स्थान पर रखें और पुराने पत्ते को पेड़ के नीचे रख आएं. इससे घर में लक्ष्मी जी का वास होता है.

दीपावली के दिन विष्णु सहस्त्रनाम और लक्ष्मीसूक्त आदि का पाठ करना बहुत अच्छा माना जाता है. अगर आप पाठ नहीं कर सकते तो किसी वीडियो या ऑडियो में बजा भी सकते हैं.

दीपावली के दिन अगर संभव हो तो घर में धीमी आवाज में धार्मिक संगीत चलाएं.

दीपावली के दिन किसी से भी झगड़ा न करें. बड़ों का सम्मान करें और छोटों को प्यार दें. किसी का भी दिल न दुखाएं. घर का वातावरण धार्मिक बनाए रखें.

दीपावली साल की सबसे बड़ी पूजा होती है, इसलिए इस दिन न अपने लिए न किसी दूसरे के लिए बिल्कुल बुरा न सोचें और न ही बुरा बोलें.

दीपावली पूजन के दौरान ध्यान रखी जाने वाली बातें-

पूजन के दौरान जब-जब भगवान की तरफ देखें, चेहरे पर हल्की मुस्कान जरूर रखें.

पूजन के दौरान अगर भगवान को चढ़ाने वाली कोई महत्वपूर्ण सामग्री नहीं मिल रही है, या किसी से पूजा सम्बन्धी कोई गलती हो जाए, तो उसे लेकर किसी पर भी क्रोध न दिखाएं. केवल भगवान से मन ही मन क्षमा मांग लें. भगवान पूजा के दौरान जाने-अनजाने हुईं गलतियों को क्षमा कर देते हैं.

दीपावली के दिन अपनी तिजोरी में कुबेर यंत्र को स्थापित करें. ऐसा करने से धन का आगमन होता है.

महालक्ष्मी जी समुद्र से प्रकट हुई हैं और समुद्र से ही दक्षिणावर्ती शंख, मोती शंख, कुबेर पात्र, गोमती चक्र आदि भी प्रकट हुए हैं, इसलिए ये सभी महालक्ष्मी जी के भाई-बंधु हैं. घर में इन्हें रखने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं. दीपावली के पूजन में इनमें से जो-जो चीजें संभव हों, उन्हें घर में रखें.

दीपावली की पूजा के दौरान अपने घर, कार्यस्थल आदि में रोजाना में इस्तेमाल आने वाले उपकरणों जैसे- कम्प्यूटर, लैपटॉप आदि, बहीखातों, डायरी, कलम (पेन) आदि को रोली, चावल और फूल चढ़ाकर ‘ॐ महाकाल्यै नमः’ मंत्र का उच्चारण करें.

दीपावली की रात लक्ष्मी पूजन के साथ एकाक्षी नारियल की पूजा करें और अगले दिन उसे पीले कपड़े में लपेट कर पूजा स्थान पर रखें.

दीपावली की रात अभिमंत्रित व्यापारवर्धक यंत्र को पंचामृत और शुद्ध नागकेसर अर्पित करें और मूंगे की माला से निम्न मंत्र का 21 माला जाप करें- ‘ॐ श्रीं सर्वविघ्न हरस्तस्मै गणाधिपतये नमः’.

दीपावली की रात पूजा के बाद घर के हर एक कमरे में शंख बजाएं.

पूजन के बाद पूरे घर में कपूर की धूप दिखाएं और गंगाजल छिड़कें.

पूजा के बाद पूजन स्थल पर, घर के हर एक छोटे-बड़े कमरे में, छत पर और घर के द्वार पर दीपक रखें. अगर आपके घर के पास कोई मंदिर हो, या पीपल का पेड़ हो, तो अगर संभव हो तो एक-एक दीपक वहां भी रखें.

दीपावली की मुख्य आरती करने के बाद अपनी सभी परिजनों को प्रणाम करें या उनके चरण छूकर उनका आशीर्वाद लें.

पूजन के बाद पूरी रात भगवान विष्णु और महालक्ष्मी जी का आवाहन करना चाहिए.

पूजन के बाद भगवान से प्रार्थना करें कि ‘अगर पूजा में कोई कमी रह गई हो, या कोई गलती हो गई हो तो नादान बालक/बालिका समझकर क्षमा करें’.

घर के मुख्य दरवाजे पर सिंदूर से शुभ-लाभ, श्री, स्वास्तिक और ॐ के शुभ चिन्ह बनाएं.

माना जाता है कि दीपावली की रात को माता लक्ष्मी धरती पर विचरण करती हैं. इसलिए इस पूरी रात जागकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का ध्यान-जप करने से घर में लक्ष्मी जी का वास होता है.

दीपावली के दिन नशा, जुआ, गुस्सा, लड़ाई-झगड़ा, घमंड और दिखावे आदि से बिल्कुल दूर रहें.

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