Cancer Diagnosing in Hindi:
कैंसर निदान और स्क्रीनिंग (Diagnosing and Screening of Cancer in Hindi) क्या है, डॉक्टरों को कैसे पता चलता है कि रोगी को कैंसर है, अर्थात कैंसर का प्रारंभिक अवस्था में पता कैसे लगाया जाए?
एक रिसर्च के अनुसार, कैंसर आज दुनिया में एक आम बीमारी बन चुकी है, जो 70 साल की उम्र तक हर पांच लोगों में से एक व्यक्ति को प्रभावित करती है। लेकिन इसमें अच्छी बात यह है कि सभी मामलों में से 99 प्रतिशत का इलाज किया जा सकता है, अगर सही समय पर बीमारी का पता चल जाए और सही समय पर उसका उचित इलाज शुरू कर दिया जाए। अगर कैंसर का पता इसके शुरुआती स्टेज में ही चल जाता है, जब यह बहुत बड़ा और फैला नहीं होता है, तो इसका सफलतापूर्वक इलाज होने की संभावना ज्यादा होती है।
इस बीमारी की सबसे बड़ी समस्या यह है कि ज्यादातर मामलों में मरीज आखिरी स्टेज में इलाज करवाता है, जिस कारण उसके बचने की उम्मीद कम हो जाती है। अगर इस बीमारी की पहचान सही समय पर होने के साथ, उचित इलाज किया जाये तो मरीज की जान बचाई जा सकती है.
कैंसर के सही निदान (Accurate Diagnosing) के लिए कोई सिंगल टेस्ट नहीं है। ज्यादातर, कैंसर का निदान करने के तीन तरीके हैं-
मरीज और उसके परिवार की पूरी मेडिकल हिस्ट्री
शारीरिक परीक्षण (Physical test)
नैदानिक परीक्षण (Diagnostic testing)।
कुछ स्थितियों में, कैंसर के मरीजों का पुनर्परीक्षण और पुनर्मूल्यांकन (Retest and Reevaluate) करना जरूरी है, जैसे अगर लिया गया सैंपल अच्छी क्वालिटी का नहीं है या अस्पष्ट है, या सही रिजल्ट न पता किया जा सके या मरीज की स्थिति बदल गई है।
1. रोगी और उनके परिवार का पूरा चिकित्सा इतिहास (Medical History):
बहुत सारे रोग आनुवंशिक होते हैं, इसलिए मरीजों के परिवार की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जानना बहुत जरूरी है। इसके अलावा कई ऐसे लक्षण भी हैं, जो कैंसर या अन्य बीमारियों के लिए आम हैं।
2. शारीरिक परीक्षण (Physical Examination):
इसके बाद, कैंसर के निदान के अगले चरण में, ऑन्कोलॉजिस्ट रोगी की शारीरिक जांच करता है। अगर ऑन्कोलॉजिस्ट को रोगी के शरीर में कोई गांठ, त्वचा के रंग में बदलाव, किसी अंग में वृद्धि, या किसी अन्य प्रकार की असामान्यता, जैसे अचानक वजन कम होना, बहुत ज्यादा थकान, का पता लगता है, तो ये लक्षण कैंसर की ओर इशारा करते हैं।
3. नैदानिक परीक्षण (Diagnostic Testing):
नैदानिक परीक्षण (Diagnostic testing) कैंसर की पहचान करने का आखिरी स्टेप है। डायग्नोस्टिक प्रक्रिया में मुख्य रूप से निम्नलिखित पांच टेस्ट होते हैं-
- लैब टेस्ट (Lab Tests),
- डायग्नोस्टिक इमेजिंग (Diagnostic Imaging),
- एंडोस्कोपिक परीक्षण (Endoscopic Exams),
- आनुवंशिक परीक्षण (Genetic Tests), &
- ट्यूमर बायोप्सी (Tumor Biopsy).
(i) लैब परीक्षण (Lab Testing):
लैब टेस्टिंग एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें रासायनिक प्रक्रिया द्वारा कैंसर की जांच के लिए मरीज से खून, मूत्र, शरीर के अन्य तरल पदार्थ, यहां तक कि कभी-कभी ऊतक (tissue) के सैंपल भी लिए जाते हैं.
कैंसर के मामलों में इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ सामान्य लैब टेस्ट निम्नलिखित हैं-
- रक्त रसायन परीक्षण (Blood Chemistry Test),
- कैंसर जीन उत्परिवर्तन परीक्षण (Cancer Gene Mutation Testing),
- पूर्ण रक्त गणना (Complete Blood Count (CBC)),
- साइटोजेनेटिक विश्लेषण (Cytogenetic Analysis),
- इम्यूनोफेनोटाइपिंग (Immunophenotyping),
- स्पुतम साइटोलॉजी (Sputum Cytology),
- ट्यूमर मार्कर टेस्ट (Tumor Marker Test).
(ii) डायग्नोस्टिक इमेजिंग (Diagnostic Imaging):
हाल के वर्षों में, डायग्नोस्टिक रेडियोलॉजी (diagnostic radiology) ने बहुत प्रगति की है, जो ऑन्कोलॉजिस्ट को, नए और उन्नत उपकरणों और तकनीकों के साथ, रोगी के उपचार के लिए सटीक उपचार क्षेत्रों का पता लगाने में मदद करते हैं। इमेजिंग (Imaging) एक मरीज के शरीर की संरचना के साथ-साथ उसके सभी अंगों की विस्तार से एक तस्वीर तैयार करने की प्रक्रिया है। ये इमेजिंग ऐसी तकनीकें हैं जिसका उपयोग असामान्यताओं का पता लगाने, ट्यूमर का पता लगाने, रोग की सीमा निर्धारित करने और इलाज के विकल्पों का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है। इमेजिंग का उपयोग सर्जरी से पहले और बाद में, उपचार से पहले और बाद में भी किया जाता है। आवश्यकता के अनुसार रोगियों की इमेजिंग के लिए विभिन्न प्रकार के उपकरण उपलब्ध हैं।
रोगियों की इमेजिंग के लिए कुछ प्रकार के उपकरणों के नाम निम्नलिखित हैं:
- एक्स-रे इमेजिंग (X-Rays Imaging),
- कंप्यूटेड टोमोग्राफी स्कैन (Computed Tomography (CT) Scan),
- चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग (Magnetic Resonance Imaging (MRI)),
- अल्ट्रासाउंड (Ultrasound),
- पॉज़िट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी – कंप्यूटेड टोमोग्राफी (Positron Emission Tomography – Computed Tomography (PET-CT)),
- मैमोग्राफी (Mammography).
(iii) एंडोस्कोपिक परीक्षण (Endoscopic Exam):
एंडोस्कोपिक परीक्षण एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें एक लंबी लचीली ट्यूब (एंडोस्कोप) को गले के नीचे और अन्नप्रणाली में डाला जाता है। इस एंडोस्कोप में, ऑन्कोलॉजिस्ट के माध्यम से मूल्यांकन के लिए, अन्नप्रणाली या ग्रासनली (esophagus), पेट और छोटी आंत की शुरुआत (beginning of small intestine), की जानकारी इकठ्ठा करने के लिए एक छोटा कैमरा जुड़ा हुआ होता है। एंडोस्कोप कई प्रकार के होते हैं, जो निम्नलिखित है –
- सिस्टोस्कोपी (Cystoscopy),
- कोलोनोस्कोपी (Colonoscopy),
- Endoscopic Retrograde Cholangiopancreatography (ERCP),
- Esophagogastroduodenoscopy,
- सिग्मोइडोस्कोपी (Sigmoidoscopy)
(iv) आनुवंशिक परीक्षण (Genetic Test):
जेनेटिक टेस्ट अर्थात आनुवंशिक परीक्षण, शरीर में कैंसर के विकास की संभावनाओं का अनुमान लगाने में और इसके जोखिम की जांच करने में, मदद करता है। जेनेटिक टेस्ट म्यूटेशन की पहचान करके पूरा किया जाता है, जो जीन, क्रोमोसोम (गुणसूत्र) या प्रोटीन में उत्पन्न परिवर्तन होते हैं।
म्यूटेशन, किसी जीव के डीएनए अनुक्रम में बदलाव या परिवर्तन को कहते है
(v) ट्यूमर बायोप्सी (Tumor Biopsy):
बायोप्सी, कैंसर (घातक या किसी भी प्रकार के संक्रमण) की पुष्टि के लिए सबसे महत्वपूर्ण और विश्वसनीय परीक्षणों में से एक है। बायोप्सी एक प्रक्रिया है, जो एक माइक्रोस्कोप के तहत जांच के लिए शरीर से ऊतक या कोशिकाओं को निकालने के लिए की जाती है। सबसे सामान्य बायोप्सी के नाम निम्नलिखित हैं-
- इंडोस्कोपिक बायोप्सी (Endoscopic Biopsy),
- बोन मैरो बायोप्सी (Bone Marrow Biopsy),
- एक्सिसनल या इंसिज़नल बायोप्सी (Excisional or Incisional Biopsy),
- फाइन नीडल एस्पिरेशन बायोप्सी (Fine Needle Aspiration Biopsy),
- पंच बायोप्सी (Punch Biopsy),
- शेव बायोप्सी (Shave Biopsy),
- स्किन बायोप्सी (Skin Biopsy).
ये सभी तरीके सामान्य तरीके हैं, जिसके द्वारा एक ऑन्कोलॉजिस्ट (या डॉक्टर) पुष्टि करता है कि रोगी को कैंसर है या नहीं।
Fighting Cancer is Our Goal. Early detection saves lives.
Tags: what tests are done to check for cancer? early cancer detection test, can a doctor tell if you have cancer, how to detect cancer early, how do doctors tell patients they have cancer, what is biopsy test, can cancer be cured completely, benefits of early cancer detection, early cancer detection test, early diagnosis and treatment is which prevention. does early detection of cancer save lives, early cancer detection test? importance of early diagnosis, diagnosed with cancer, how is cancer diagnosed, how to diagnose cancer, how to detect cancer in early stage, cancer diagnosing, how can we diagnose cancer, कैंसर का पता कैसे लगाया जाता है? कैंसर से कैसे बच सकते है? कैंसर के लिए कौन सा टेस्ट होता है?
Copyrighted Material © 2019 - 2024 Prinsli.com - All rights reserved
All content on this website is copyrighted. It is prohibited to copy, publish or distribute the content and images of this website through any website, book, newspaper, software, videos, YouTube Channel or any other medium without written permission. You are not authorized to alter, obscure or remove any proprietary information, copyright or logo from this Website in any way. If any of these rules are violated, it will be strongly protested and legal action will be taken.
Be the first to comment