सूर्य (Sun) हमारे सौरमंडल (Solar System) का सबसे बड़ा पिंड है. सौरमंडल के सभी ग्रह, उपग्रह और क्षुद्रग्रह आदि सभी सूर्य की गुरुत्वाकर्षण शक्ति से बंधे हुए हैं. हमारे सौरमंडल के कुल द्रव्यमान का 99.8% भाग सूर्य से बना है. बाकी सभी ग्रहों, क्षुद्रग्रहों और धूमकेतुओं का योग कुल योग का 1% से भी कम है.
सूर्य का प्रभाव दूर के नेपच्यून और प्लूटो की कक्षाओं से कहीं आगे तक, या पूरे सौरमंडल में फैला हुआ है. हमारे सूर्य के निकटतम तारा प्रॉक्सिमा सेंटॉरी (Proxima Centauri) है. यह लगभग 4 प्रकाश वर्ष दूर है.
पृथ्वी पर जीवन सूर्य पर निर्भर है- सूर्य एक तारा है और यूं तो पूरे ब्रह्मांड (Universe) में सूर्य जैसे और सूर्य से भी बड़े अनगिनत तारे हैं, लेकिन हमारी पृथ्वी के जीवन का आधार तो हमारा सूर्य ही है. सूर्य की ऊर्जा और ऊष्मा के बिना पृथ्वी पर जीवन नहीं हो सकता.
सूर्य के प्रकाश के बिना कोई पौधे या जीव नहीं होंगे और इसलिए, कोई भोजन नहीं होगा और हमारा अस्तित्व भी नहीं होगा. हमारे सौरमंडल में सूर्य ही हमारी ऊर्जा की सभी जरूरतों को पूरा करता है और यही हमारे अस्तित्व का कारण भी है. और इसीलिए पृथ्वीवासियों के लिए सूर्य एक पिता की तरह ही पूजनीय है.
सूर्य हमारे सौर परिवार (Solar System) के केंद्र में है और पृथ्वी सहित इसके सभी बच्चे (बाकी ग्रह-उपग्रह) इसकी परिक्रमा करते रहते हैं. सौर परिवार का सबसे नन्हा ग्रह बुध सूर्य के सबसे निकट रहता है और सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति (गुरु ग्रह) बीच में रहकर बाकी भाई-बहनों (बाकी ग्रहों) का ख्याल रखता है.
सूर्य का चुंबकीय क्षेत्र (Sun magnetic field) पूरे सौरमंडल को अपने में समेटे हुए है. हमारे सौर मंडल का नाम सूर्य के नाम पर ही रखा गया है. अपने गुरुत्वाकर्षण बल से यह सौरमंडल को एक साथ रखता है, सबसे बड़े ग्रह से लेकर छोटे से छोटे मलबे तक को अपने चारों ओर अपनी कक्षा में रखता है.
सूर्य हमारी पृथ्वी से इतना बड़ा है कि इसमें 13 लाख पृथ्वियां समा सकती हैं. सूर्य का औसत व्यास करीब 8,64,000 मील (पृथ्वी के आकार का लगभग 109 गुना) है. सूर्य हमारी पृथ्वी से इतना दूर है कि उसके प्रकाश को हम तक पहुंचने में लगभग 8 मिनट और 20 सेकंड लगते हैं, और प्रकाश ब्रह्मांड में सबसे तेज स्पीड से चलने वाली चीज है.
Earth Distance from Sun- पृथ्वी से सूर्य की दूरी लगभग 149 मिलियन किलोमीटर या लगभग 15 करोड़ किमी (14,95,98,900 किमी) है. यह पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी से 400 गुना अधिक है. वहीं, सबसे दूर के ग्रह नेपच्यून (वरुण) की सूर्य से दूरी लगभग 3 बिलियन मील (4.5 बिलियन किमी) है.
औरोरा क्या है (What is Aurora)- सूर्य बहुत सी अन्य ऊर्जा और छोटे-छोटे कण भी पृथ्वी की ओर भेजता है. पृथ्वी का सुरक्षात्मक चुंबकीय क्षेत्र (Protective magnetic field) और वातावरण (Atmosphere) हमें ऐसी ज्यादातर ऊर्जा और कणों से बचाता है. लेकिन कभी-कभी इन कणों की एक बड़ी धारा पृथ्वी तक पहुँचती है और हमारे वायुमंडल के बाहरी छोर पर गैसों के साथ परस्पर क्रिया करती है. इससे आकाश में प्रकाश की धाराएँ बनती हैं, जिन्हें औरोरा (Auroras) कहा जाता है.
वैज्ञानिकों के अनुमान
सूर्य हाइड्रोजन और हीलियम की एक गर्म चमकदार गेंद की तरह है. वैज्ञानिकों के अनुमान के मुताबिक, सूर्य लगभग 4.5 अरब वर्ष पुराना तारा है. सूर्य का हाइड्रोजन ईंधन 5 अरब से ज्यादा वर्षों तक जीवित रह सकता है. अगले 5 अरब वर्षों में सूर्य एक बड़ा, ठंडा तारा बन जाएगा जिसे लाल दानव या रेड जायंट (Red Giant) कहा जाता है. इसके कुछ अरब साल बाद यह एक छोटा सफेद बौना तारा या व्हाइट ड्वार्फ (White Dwarf) बन जाएगा. तब यह लगभग पृथ्वी के आकार के बराबर सिकुड़ जाएगा, लेकिन इसका वजन 20,000 गुना अधिक होगा.
यह भी अनुमान लगाया गया है कि लगातार तापीय परमाणु प्रतिक्रियाओं (Thermonuclear Reactions) के कारण सूर्य के कोर का तापमान 15 मिलियन केल्विन से भी ज्यादा है, जबकि इसकी सतह का तापमान लगभग 6000 केल्विन है. सूर्य एक गतिशील तारा है, जो लगातार बदल रहा है और अपनी ऊर्जा को लगातार अंतरिक्ष में भेज रहा है. पूरे सौरमंडल में सूर्य और उसके प्रभाव का अध्ययन करने वाले विज्ञान को हेलियोफिजिक्स (Heliophysics) कहा जाता है.
सूर्य वामावर्त दिशा (Anti-clockwise Direction) में घूमता है. सूर्य के वातावरण में हाइड्रोजन और हीलियम के अलावा और भी कई तत्व मौजूद हैं. यह गैसों का एक विशाल जलता हुआ गोला है जिसमें लगभग 70% हाइड्रोजन और 28% हीलियम है, बाकी सब कुछ 2% से कम है. सूर्य अपने कोर में हाइड्रोजन को हीलियम में बदलता रहता है.
सूर्य की बाहरी परतें अलग-अलग घूर्णन (Rotations) दर्शाती हैं. भूमध्य रेखा पर सूर्य की सतह हर 25.4 दिनों में एक बार (अपनी धुरी पर) घूमती है, ध्रुवों के पास यह अवधि 36 दिन है. यह विषम व्यवहार इस तथ्य के कारण है कि सूर्य पृथ्वी की तरह ठोस पिंड नहीं है. इसी तरह के प्रभाव गैसीय ग्रहों जैसे बृहस्पति, शनि आदि में भी देखने को मिलते हैं (हमारी पृथ्वी एक चट्टानी ग्रह है).
हमारा सूर्य करता है मिल्की-वे के केंद्र की परिक्रमा
अब तक ज्ञात ब्रह्मांड में कुछ भी स्थिर नहीं है. सूर्य हमारी आकाशगंगा या गैलेक्सी मिल्की-वे (Milky Way Galaxy) के एक सर्पिल भुजा में स्थित है, जिसे ओरियन स्पर (Orion Spur) कहा जाता है. सूर्य मिल्की वे के केंद्र की परिक्रमा करता है. इस प्रकार यह अपने साथ ग्रहों, उपग्रहों, क्षुद्रग्रहों और अन्य वस्तुओं को साथ लेकर परिक्रमा करता है.
यानी पूरा सौरमंडल मिल्की वे के केंद्र की परिक्रमा करता है. हमारा सौरमंडल 4,50,000 मील/घंटा (720,000 किलोमीटर/घंटा) के औसत वेग से गति कर रहा है और फिर भी मिल्की-वे के चारों ओर एक चक्कर लगाने में लगभग 230 मिलियन वर्ष लग जाते हैं.
Copyrighted Material © 2019 - 2024 Prinsli.com - All rights reserved
All content on this website is copyrighted. It is prohibited to copy, publish or distribute the content and images of this website through any website, book, newspaper, software, videos, YouTube Channel or any other medium without written permission. You are not authorized to alter, obscure or remove any proprietary information, copyright or logo from this Website in any way. If any of these rules are violated, it will be strongly protested and legal action will be taken.
Be the first to comment