भारत की भौगोलिक आकृतियों को मुख्य रूप से 6 भागों में बांटा गया है-
(1) हिमालय पर्वत श्रृंखला (Himalayan mountain range)
(2) उत्तरी मैदान (Northern plains)
(3) प्रायद्वीपीय मैदान (Peninsular plain)
(4) भारतीय मरुस्थल (Indian desert)
(5) तटीय मैदान (Coastal Plain)
(6) द्वीप समूह (Islands).
हिमालय पर्वत श्रृंखला (Himalayan mountain range)
हिमालय और काराकोरम (Himalaya and Karakoram) पर्वतमाला दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखलाएं (Mountain Ranges) हैं. इन दो पर्वत श्रृंखलाओं में 14 सबसे ऊंचे पर्वतों की ऊंचाई 8,000 मीटर या 29,000 फीट से ज्यादा है, इसलिए इन पर्वतों को ‘आठ हजार’ (Eight-thousanders) के नाम से भी जाना जाता है.
हिमालय (Himalayas) लगभग 2,400 किमी लंबी पर्वतों की श्रृंखला या पर्वतमाला है. संसार की ज्यादातर ऊंची पर्वत चोटियां हिमालय में ही स्थित हैं. इन पर्वतों को कोई दर्रा (दो पर्वतों के बीच की जगह, जिससे होकर पर्वतों को पार किया जा सकता है) या घाटी इन्हें एक-दूसरे से अलग करती है.
♦ हिमालय को ‘गिरिराज’ या ‘पर्वतराज’ यूं ही नहीं कहते. लगभग 5,95,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैले हिमालय के गुण और विशेषताएं ही इसे पर्वतों का राजा बनाते हैं. प्राकृतिक सम्पदाओं से भरपूर और बर्फ से ढके हिमालय में प्रकृति अपने सभी ऐश्वर्य और खूबसूरती के साथ विद्यमान है. हिमालय रत्नों या खनिजों की खान है, जीवनदायनी औषधियों का भंडार है, कई प्रकार के पशु-पक्षियों का घर है, गंगा-यमुना-ब्रह्मपुत्र जैसी नदियों के साथ भारतीय उपमहाद्वीप के एक बड़े हिस्से में जल का मुख्य स्रोत है.
हिमालय प्राचीन श्रेष्ठ ऋषि-मुनियों का निवास स्थान और तपोभूमि रहा है. और इन सबसे हिमालय को आध्यात्मिक शक्तियों का ध्रुव केंद्र भी कहा जाता है. गोमुख, कैलाश, मानसरोवर, हरिद्वार, बद्रीनाथ, केदारनाथ, देव प्रयाग, ऋषिकेश, अमरनाथ और शाकम्भरी आदि जैसे पवित्र स्थान हिमालय के ही भाग हैं. प्राकृतिक, पर्यावरणीय, सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से हिमालय हमारे भारत के रक्षक के रूप में खड़ा हुआ है.
हिमालय का निर्माण (Formation of Himalaya)-
भारत के लगभग सभी प्राचीन ग्रंथों में हिमालय का उल्लेख मिलता है. जैसे- भगवान शिव की पत्नी माता पार्वती जी को हिमालय की पुत्री (गिरिराज किशोरी) बताया गया है. हिमालय का निर्माण कैसे हुआ, ये किसी ने नहीं देखा. आज के कुछ भू-वैज्ञानिक इसकी संरचनाओं का अध्ययन कर इसके निर्माण के बारे में केवल अनुमान लगाते हैं.
वैज्ञानिकों के मुताबिक, आज से लगभग 50 मिलियन वर्ष पहले भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट के बीच टकराव के परिणामस्वरूप हिमालय पर्वत श्रृंखला और तिब्बती पठार का निर्माण शुरू हुआ और यह आज भी जारी है.
Himalayas in which countries- हिमालय की लंबाई लगभग 2400 किलोमीटर और चौड़ाई पश्चिम में 400 किलोमीटर और पूर्व में 160 किलोमीटर तक है. हिमालय पर्वत श्रृंखला मुख्य रूप से 5 देशों- भारत, नेपाल, भूटान, चीन और पाकिस्तान में फैली हुई है, और इसका कुछ भाग अफगानिस्तान और म्यांमार में भी है.
Himalayan states include 10 hill states- हिमालयी राज्यों में 10 पहाड़ी राज्य शामिल हैं- जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय और दो आंशिक पहाड़ी राज्य, असम और पश्चिम बंगाल.
नोट- कृपया समय के साथ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों, उनके नामों आदि में आए बदलावों का ध्यान रखें.
हिमालय पर्वत तंत्र (उत्तर-दक्षिण हिमालय)-
पश्चिम से पूर्व की ओर एक चाप की आकृति में लगभग 2,400 किमी की लंबाई में हिमालय पर्वत तंत्र (Himalayan mountain system) की मुख्य रूप से तीन समानांतर श्रेणियां हैं-
(1) महान या आंतरिक हिमालय (हिमाद्री),
(2) मध्य हिमालय या लघु हिमालय (हिमाचल)
(3) उपहिमालय या बाह्य हिमालय (शिवालिक).
(1) हिमालय के उत्तरी भाग को आंतरिक या महान हिमालय (Great Himalayas or Himadri) कहा जाता है, क्योंकि यह हिमालय की सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखला है (औसत ऊंचाई 6000 मीटर). दुनिया की सबसे ऊंची चोटियां इसी श्रेणी में पाई जाती हैं, जिनमें माउंट एवरेस्ट (नेपाल), नंदा देवी, K2, कंचनजंगा, मकालू, अन्नपूर्णा, नामचा बरवा प्रमुख हैं. गंगा, यमुना, घाघरा, गंडक, तीस्ता, आदि नदियां महान हिमालय से निकलती हैं. महान हिमालय का क्रोड (core) ग्रेनाइट का बना हुआ है.
(2) लघु या मध्य हिमालय (Middle Himalayas or Himachal)), महान हिमालय के दक्षिण में उसके समांतर विस्तृत है. इस श्रृंखला के प्रमुख पर्वत पीर पंजाल, नागटीबा, महाभारत, मंसूरी आदि हैं (3,700 से 4,500 मीटर के बीच). रावी, व्यास, चिनाब, झेलम आदि नदियां इस क्षेत्र से निकलती हैं. कश्मीर घाटी और नेपाल की काठमांडू घाटी महान और लघु हिमालय के बीच स्थित घाटियां हैं.
(3) उपहिमालय या बाह्य हिमालय या शिवालिक (Outer Himalaya or Shivalik) हिमालय की सबसे दक्षिणी श्रेणी है. यह हिमालय का सबसे नया भाग है. इस श्रेणी में कम ऊंचाई के पर्वत हैं (900 से 1,100 मीटर के बीच). इसकी घाटियों को दून कहा जाता है, जैसे- देहरादून, कोटलीदून, पाटलीदून आदि.
ट्रांस हिमालय (Trans Himalaya)- इन तीन मुख्य श्रेणियों के आलावा हिमालय की चौथी और सबसे उत्तरी श्रेणी को पार हिमालय या ट्रांस हिमालय (Trans Himalaya) या तिब्बत हिमालय कहा जाता है, जिसमें कराकोरम और कैलाश श्रेणियां शामिल हैं. इसका मुख्य विस्तार तिब्बत में है.
हिमालय का प्राकृतिक विभाजन
सिडनी बुरार्ड नाम के भूगर्भशास्त्री (Geologist) ने पश्चिम से पूर्व तक के क्षेत्रों के आधार पर नदियों, घाटियों की सीमाओं और प्रादेशिक दृष्टि से हिमालय पर्वतमाला को चार भागों में बांटा है-
(1) पंजाब या कश्मीर हिमालय (सिंधु और सतलुज नदी के बीच स्थित है)
(2) कुमाऊं हिमालय (सतलुज और काली नदी के बीच स्थित है)
(3) नेपाल या मध्य हिमालय (काली नदी से लेकर तीस्ता नदी तक विस्तार)
(4) असम या पूर्वी हिमालय (तीस्ता और ब्रह्मपुत्र नदी के बीच स्थित है).
दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट
(Mount Everest, the world’s highest mountain peak)
हिमालय की माउंट एवरेस्ट चोटी दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी है, जिसे गौरीशंकर चोटी भी कहा जाता है. हालांकि, गौरीशंकर नाम से एक अलग चोटी भी है. इसकी ऊंचाई लगभग 8,848 मीटर है. नेपाल में एवरेस्ट को ‘सागरमाथा’ (आकाश का भाल), तिब्बत में ‘चोमोलुन्गमा’ (पर्वतों की रानी) और चीन में ‘माउंट कोमोलंगमा’ के नाम से जानते हैं. इस पर्वत शिखर का नाम जनरल जॉर्ज एवरेस्ट (George Everest) के नाम पर रखा गया था. एवरेस्ट नेपाल और तिब्बत की सीमा पर स्थित है और दोनों ओर से इसके शिखर पर पहुंचा जा सकता है.
Note- भारत की सबसे ऊंची पर्वत चोटी K2 है.
क्या होना चाहिए था माउंट एवरेस्ट का असली नाम
भारत में ब्रिटिश राज आने से पहले तक एवरेस्ट को ‘Peak 15’ के नाम से जाना जाता था और उस समय कंचनजंगा (Kangchenjunga) को दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माना जाता था. एवरेस्ट की ऊंचाई की गणना सबसे पहले भारतीय गणितज्ञ राधानाथ सिकदार (Radhanath Sikdar) ने साल 1852 में की थी. राधानाथ ने एक विशेष उपकरण की मदद से ‘Peak 15’ की ऊंचाई 8,839 मीटर रिकॉर्ड की थी.
लेकिन ब्रिटिश साम्राज्य में उनका नाम छिपाकर इस महान खोज का श्रेय जॉर्ज एवरेस्ट (George Everest) को दे दिया गया, जो उस समय सर्वे ऑफ इंडिया (Survey of India) के डायरेक्टर थे. जबकि जॉर्ज एवरेस्ट ने खुद माउंट एवरेस्ट को कभी देखा तक नहीं था. इस बात की जानकारी साल 1966 में ‘Indian Journal of History of Science’ में दी गई थी.
क्या माउंट एवरेस्ट ही है दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी?
माउंट एवरेस्ट को दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत इसलिए कहा जाता है, क्योंकि पर्वतों की ऊंचाई समुद्र तल से मापी जाती है. लेकिन अगर पर्वतों की ऊंचाई का आकलन उनके आधार (Base) से (यानी समुद्र तल से भी नीचे से) किया जाए, तो इस तरह दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत माउंट एवरेस्ट नहीं, बल्कि अमेरिका के हवाई का ‘माउना किया’ (Mauna Kea) पर्वत है, जिसकी ऊंचाई (पानी के नीचे के आधार से) लगभग 10,200 मीटर है, लेकिन समुद्र तल से इसकी ऊंचाई करीब 4,207.3 मीटर ही है.
बढ़ रही है माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई
(Mount Everest is increasing in height)-
हिमालय दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखला है और इसकी ऊंचाई अब भी लगातार बढ़ती जा रही है. वैज्ञानिकों के अनुसार, माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई हर साल 2 से 4 सेमी बढ़ जाती है. एवरेस्ट पर चढ़ने का सबसे पहला रिकॉर्ड न्यूजीलैंड के एक पर्वतारोही एडमंड हिलेरी (Edmund Hillary) और उनके तिब्बती गाइड शेरपा तेनजिंग नोर्गे (Tenzing Norgay) के नाम है (29 मई 1953).
देखें-
• ग्लेशियर क्या हैं और ये कैसे बनते हैं?
• भारत की नदियां (Indian Rivers)
• भारत का भूगोल (Geography of India)
• विश्व में सबसे बड़ा, सबसे लम्बा और सबसे ऊंचा
• दुनिया के 5 महासागरों के बारे में
• भारत के सबसे ऊंचे झरने या जलप्रपात
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