Gayatri Mantra Benefits in Hindi-
मंत्रों (Mantra) में असीम शक्ति होती है. मंत्र कुछ विशेष प्रकार के शब्दों की संरचना होते हैं, एक खोज हैं, जिनका विधिपूर्वक जप करने से सृष्टि की समस्त उपलब्धियां प्राप्त की जा सकती हैं. मंत्रों को इस तरह बनाया जाता है, जिससे ये अंदर और बाहर की शक्तियों को प्रकट करने का साधन बन जाते हैं. मंत्रों की शक्ति हमारी प्राण ऊर्जा को जगाने की कोशिश करती है. व्यक्ति कई तरह की परेशानियों से मुक्ति प्राप्त कर लेने में सक्षम हो पाता है.
एकाग्र मन से भगवान का लगातार नाम जपने से या उनके किसी सिद्ध मंत्र का जाप करने से भगवान तक हमारी आवाज या प्रार्थना पहुंचने लगती है. जिस स्थान पर रोज पवित्र मन से मंत्र-जाप या साधना होती है, वहां के आसपास एक सुरक्षा कवच सा बन जाता है. उस स्थान के पास बुरी या नकारात्मक शक्तियां नहीं फटक पातीं. आज बात करते हैं सबसे अद्भुत मंत्र गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra) की, जिसे महामंत्र भी कहा जाता है.
ब्रह्मर्षि विश्वामित्र ने की थी गायत्री मंत्र की रचना
शक्तिशाली गायत्री मंत्र की रचना भगवान श्रीराम जी के गुरु ब्रह्मर्षि विश्वामित्र (Brahmarishi Vishwamitra) ने की थी. महर्षि विश्वामित्र ने गायत्री मंत्र की रचना और उसका जप करके गायत्री माता (Gayatri Mata) का आवाहन किया था, जिससे गायत्री माता प्रकट हुईं. गायत्री माता को सभी शक्तियों का समावेश या सभी अपार शक्तियों का सम्मिलित रूप कहा जाता है.
महर्षि विश्वामित्र ने गायत्री माता की नहीं, गायत्री मंत्र की रचना कर उसका लगातार जप करके उन्हें प्रकट करने की कुंजी बनाई, यानी गायत्री माता के रूप में सभी अपार शक्तियों की कृपा प्राप्त करने का माध्यम या रास्ता बनाया.
महर्षि विश्वामित्र का नाम पहले ‘विश्वरथ’ था. गायत्री मंत्र की रचना करने के कारण ही उनका नाम ‘विश्वामित्र’ पड़ा, क्योंकि गायत्री मंत्र की रचना करके विश्वरथ ने संसार को सुख, शांति और समृद्धि का उपहार दिया, जिस वजह से गायत्री माता ने ही विश्वरथ को ‘विश्वामित्र’ (विश्व के मित्र) का नाम दिया था.
गायत्री मंत्र की महिमा
(Gayatri Mantra Benefits)-
गायत्री मंत्र की महिमा ‘ॐ’ के लगभग बराबर मानी गई है. यह एक ऐसा अद्भुत मंत्र है, जिस पर आज बड़े-बड़े वैज्ञानिक भी रिसर्च करने में जुटे हुए हैं. फिलहाल विदेशी वैज्ञानिक भी इस बात की पुष्टि कर चुके हैं कि गायत्री मंत्र, योग और प्राणायाम से कई तरह की शारीरिक और मानसिक बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है. इस मंत्र का जप करने से भौतिक और आध्यात्मिक उपलब्धियां प्राप्त की जा सकती हैं. व्यक्ति का तेज बढ़ता है, साथ ही बौद्धिक क्षमता और स्मरणशक्ति बढ़ती है.
गायत्री मंत्र कहां से लिया गया है-
गायत्री मंत्र वेदों (Vedas) की एक ऋचा (वेदों के मंत्र या श्लोक) है. यह ऋग्वेद के तीसरे मंडल के 62वें सूक्त में मौजूद 10वां श्लोक है. इस ऋचा को जिस छंद में लिखा गया है, उस छंद का नाम ‘गायत्री’ है, इसलिए भी इस मंत्र को ‘गायत्री मंत्र’ कहा जाता है. यह ऋचा मुख्य रूप से ऋग्वेद और यजुर्वेद के दो भागों से मिलकर बनी है. इस ऋचा में मुख्य रूप से ईश्वर के प्रकाश की आराधना की गई है.
ईश्वर के प्रकाश को ‘सविता’ भी कहते हैं और इसीलिए गायत्री मंत्र का एक और नाम ‘सावित्री’ भी है. हम कह सकते हैं कि गायत्री मंत्र में मुख्य रूप से भगवान सूर्य की आराधना है, क्योंकि धरती पर (ईश्वर के) प्रकाश का माध्यम भगवान सूर्य हैं.
गायत्री ऋग्वेद के 7 प्रसिद्ध छंदों में एक है, जो 24 मात्राओं 8+8+8 के योग से बना है. ये 24 अक्षर चौबीस शक्तियों और सिद्धियों के प्रतीक हैं… और इसी कारण ऋषियों ने गायत्री मंत्र को सभी तरह की मनोकामनाओं को पूरा करने वाला बताया है. गायत्री मंत्र के जरिए ईश्वर का वरदान पाया जा सकता है. गायत्री मंत्र का अर्थ है-
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।
अर्थ- “उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अपने अंतःकरण (या अपनी अंतरात्मा) में धारण करें. वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करें (या हमारे सोए हुए मस्तिष्क को जगाएं)”.
गायत्री मंत्र का सही उच्चारण समझने के लिए-
Om bhur bhuvah swah tat savitur varenyam bhargo devasya dheemahi dhiyo yo nah prachodayat.
गायत्री मंत्र का जाप करने की विधि-
(Gayatri Mantra jaap karne ki vidhi)-
किसी भी मंत्र का जप शुद्ध मन से ही किया जाना चाहिए. कहा जाता है कि जिसकी जैसी बुद्धि और भावना होती है, गायत्री मंत्र के जप से उसे वैसा ही फल या उपलब्धि प्राप्त होती है. शिक्षा, एकाग्रता, ज्ञान और बुद्धि के लिए गायत्री मंत्र सर्वश्रेष्ठ मंत्र है.
• गायत्री मंत्र का जप सुबह या शाम के समय, यानी जब सूर्य उदित हो रहे होते हैं, या अस्त हो रहे होते हैं, तब पीले वस्त्र पहनकर करना चाहिए.
• गायत्री मंत्र का जप रुद्राक्ष, चन्दन या हल्दी आदि किसी भी माला से किया जा सकता है. लेकिन अगर आप विवाहित जीवन की कामना के लिए गायत्री मंत्र का जप कर रहे हैं, तो चंदन या हल्दी की माला का प्रयोग करें.
• किसी भी मंत्र का जप करने से पहले गुरु की वंदना जरूर करनी चाहिए. अगर आपका कोई गुरु नहीं है, तो गायत्री माता को ही अपना गुरु मानकर पहले उनकी वंदना करें और फिर गायत्री मंत्र का जप शुरू करें.
• मंत्र जप करने से पहले जो भी इच्छा आपके मन में है, उसे मन में एक बार दोहरा लें. उसके बाद आप गायत्री मंत्र का जप कम से कम 27 बार या 108 बार करें. अपनी क्षमता के अनुसार इस मंत्र का जप 11 माला या 21 माला किया जा सकता है.
• जितने दिनों तक गायत्री मंत्र का जप कर रहे हैं, उतने दिनों तक अपने खानपान और आचरण में सावधानी बनाए रखें. सात्विक भोजन ही खाएं और मांस-मदिरा आदि से तो बिल्कुल दूर रहें.
• अगर आप शिक्षा, ज्ञान या बुद्धि में विकास या उपलब्धि चाहते हैं, तो गायत्री मंत्र का जप सुबह के समय करना बहुत लाभदायक होता है.
• गायत्री मंत्र का जप आराम से धीरे-धीरे बोलकर करना चाहिए, यानी जप करते समय भागना नहीं चाहिए. जप करते समय चंदन की सुगंध का प्रयोग करना बहुत लाभदायक होता है. गायत्री मंत्र का जप करने के बाद भगवान को पीले फूल चढ़ाना अच्छा होता है.
• घर की नेगेटिव एनर्जी दूर करने के लिए- सुबह स्नान करके पूजा स्थान पर बैठें. सामने एक पात्र में जल भरकर रखें. इसके बाद कम से कम 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करें और मंत्र जप करने के बाद इस जल को पूरे घर में छिड़क दें.
• सुबह-शाम गायत्री मंत्र का 108 बार जप करना, और किसी भी काम को करने से पहले गायत्री मंत्र का जप करना बहुत अच्छा होता है. ऐसा करने से कई तरह की जैसे- आर्थिक, मानसिक, शारीरिक समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है.
• छोटे बच्चों को शुरुआत से ही गायत्री मंत्र का जप करना सिखाना बहुत अच्छा होता है. छोटे बच्चे जितना ज्यादा गायत्री मंत्र के कॉन्टैक्ट में रहेंगे, उनका बौद्धिक विकास उतना ही अच्छे से होगा.
• छोटे-छोटे बच्चों को बगल में बिठाकर उन्हें गायत्री मंत्र सुनाएं या उनके सामने गायत्री मंत्र का जप करें. इससे आपको और बच्चे को, दोनों को ही फायदा होगा.
पढ़ें – मंत्र-जाप करने की विधि और नियम, मंत्रों की शक्ति और मंत्र-जप करने के फायदे
गायत्री मंत्र पर वैज्ञानिक रिसर्च और अनुभव-
(Gayatri Mantra benefits for Brain, Health)-
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर- आज गायत्री मंत्र पर बहुत से वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं, क्योंकि बहुत सारे लोगों ने यह अनुभव किया है कि गायत्री मंत्र का उच्चारण करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है. गायत्री मंत्र को लेकर लोगों की अलग-अलग मान्यताएं हैं, क्योंकि इस मंत्र का जप करके जिसने जैसा अनुभव किया, वैसी ही उसकी मान्यता है. लेकिन सभी मान्यताओं का सार एक ही है कि रोजाना गायत्री मंत्र का जप करने से बहुत पॉजिटिव असर और लाभ देखने को मिलते हैं.
दिमाग की ताकत को बढ़ाया जा सकता है- ज्यादातर लोगों का मानना है कि गायत्री मंत्र का जप करने से घर में सब शुभ होता है, तो वहीं बहुत से लोगों का यह भी मानना है कि गायत्री मंत्र का रोजाना जप करने से कई तरह की बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है, और स्वास्थ्य अच्छा हो जाता है… और अब ये केवल एक मान्यता नहीं, बल्कि इस बात की वैज्ञानिक पुष्टि भी हो चुकी है. AIIMS की एक रिसर्च के मुताबिक, गायत्री मंत्र के रोजाना जप से अपनी बौद्धिक क्षमता का अनंत विकास किया जा सकता है, अपने दिमाग की ताकत को बढ़ाया जा सकता है.
कैसे पड़ता है दिमाग पर असर- गायत्री मंत्र का जप करने से हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत गहरा प्रभाव डालता है. गायत्री मंत्र का जप करने से कंसंट्रेशन पावर बढ़ती है जिससे ज्ञान और बुद्धि में भी सुधार होता है. गायत्री मंत्र को लगातार बोलने से जीभ, होंठ और वोकल कॉर्ड पर दबाव पड़ता है, जिससे इसकी वाइब्रेशन दिमाग तक पहुंचती हैं और दिमाग हाइपोथैलेमस ग्लैंड को उत्तेजित करता है.
शांति के लिए जरूरी- यह ग्लैंड कई शारीरिक क्रियाओं (Bodily Functions) को कंट्रोल करती है और इसी के साथ इम्युनिटी को भी रेग्यूलेट करती है. यह ग्लैंड हमारे दिमाग से हैप्पी हार्मोंस (Happy Hormone) को रिलीज करने में भी काफी मददगार होता है.. और ये हार्मोन शरीर को बहुत ज्यादा प्रभावित करता है. यानी डिप्रेशन को दूर करने और खुश रहने या मन की शान्ति के लिए गायत्री मंत्र का जप करना बहुत जरूरी है.
फेफड़ों और हृदय को स्वस्थ रखने में मददगार- इसके अलावा, गायत्री मंत्र का जप करने से शरीर में मौजूद सभी चक्र एक्टिव हो जाते हैं, जिससे आपकी शरीर को एनर्जी मिलती है और शरीर बीमारियों से लड़ने में और भी सक्षम बन पाता है. ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में छपी एक स्टडी के मुताबिक, गायत्री मंत्र फेफड़ों और हृदय को स्वस्थ रखने में भी मददगार है. रोजाना इस मंत्र का जप करने से दिल से जुड़ी बीमारियां होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं.
पढ़ें – घर से नेगेटिव एनर्जी दूर करने के उपाय
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