What is Climate and Weather
मौसम क्या है (What is the Weather)– किसी स्थान पर वायुमण्डल की आर्द्रता (नमी), तापमान, वायु की गति, वर्षा आदि तत्वों के आधार पर दिन-प्रतिदिन की दशाओं को उस स्थान का मौसम (Weather) कहते हैं. मौसम बादल, धूप, बरसात, तूफानी या साफ हो सकता है. यह प्राकृतिक घटना का एक हिस्सा है जो वातावरण में संतुलन बनाए रखता है.
लेकिन कई बार स्थितियां खराब हो जाती हैं. जब वायुमंडलीय स्थितियां अत्यधिक या तीव्र होती हैं जिससे संपत्ति की हानि या जीवन की हानि हो सकती है, तो ऐसे मौसम को गंभीर मौसम (Severe Weather) कहा जाता है. ये ऊंचाई, अक्षांश, क्षेत्र और दबाव के अंतर के अनुसार अलग-अलग होता है. बवंडर, चक्रवात, भारी वर्षा, कोहरा, शीतलहर इसी कैटेगरी में आते हैं.
मौसम के तत्व (Elements of Weather)-
• हवा की गति
• नमी
• तापमान
• वर्षा
• बिजली
• बर्फ
• बिजली चमकना
मौसम को प्रभावित करने वाले कारक (Factors affecting weather)-
मौसम में होने वाले सभी बदलावों की मुख्य वजह सूर्य है, क्योंकि सूर्य ही पृथ्वी के लिए ऊष्मा और प्रकाश का मुख्य स्रोत है. यह ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत भी है और इसलिए मौसम को मुख्य रूप से प्रभावित करता है.
पृथ्वी की सतह, महासागरों और वायुमंडल द्वारा परावर्तित और अवशोषित ऊर्जा के साथ-साथ मीथेन, जलवाष्प और कार्बन डाइऑक्साइड जैसी गैसें भी किसी भी स्थान पर मौसम के निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
मौसम के घटकों को मापने के लिए प्रयुक्त उपकरण –
थर्मामीटर (Thermometer) द्वारा किसी स्थान का तापमान मापा जाता है. अधिकतम-न्यूनतम थर्मामीटर (MMT) का इस्तेमाल करके किसी स्थान का उच्चतम और निम्नतम तापमान मापा जाता है.
वर्षामापी (Rain gauge) का उपयोग वर्षा को मापने के लिए किया जाता है. वर्षामापी को ओमरियोमीटर या पुलियोमीटर के नाम से भी जाना जाता है. इसे यूनिट्स मिलीमीटर या सेंटीमीटर का इस्तेमाल करके व्यक्त किया जाता है.
एनीमोमीटर (Anemometer) का उपयोग हवा की गति और दिशा को मापने के लिए किया जाता है. किसी स्थान की आर्द्रता को हवा में नमी की मात्रा के रूप में परिभाषित किया जाता है और इसे हाइग्रोमीटर (Hygrometer) का उपयोग करके मापा जाता है.
किसी स्थान की जलवायु से क्या अभिप्राय है –
मौसम विज्ञानियों द्वारा हर दिन मौसम रिकॉर्ड किया जाता है और ये रिकॉर्ड दशकों तक सुरक्षित रखे जाते हैं. इन रिकॉर्ड्स की सहायता से मौसम का पैटर्न निर्धारित किया जाता है. लंबे समय तक लिए गए मौसम के औसत पैटर्न को उस स्थान की जलवायु (Climate) कहा जाता है. जैसे भारत की जलवायु उष्णकटिबंधीय मानसूनी (Tropical Monsoon) है.
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मौसम और जलवायु में क्या अंतर है?
(What is the difference between weather and climate)
मौसम और जलवायु के बीच के अंतर को बोलने के तरीके से समझिये-
• आज मौसम कैसा है? कल की तुलना में आज मौसम बहुत अच्छा है.
• भारत की जलवायु कैसी है? कई दशकों में भारत की जलवायु में परिवर्तन आया है.
मौसम वह वायुमंडलीय दशा है जो किसी क्षेत्र विशेष में किसी समय पर वास्तव में उपस्थित होती है. जबकि जलवायु वह वायुमंडलीय दशा है जो वहां अपेक्षित होती है. मौसम का अध्ययन मीटीअरोलॉजिस्ट (Meteorologists) द्वारा किया जाता है, जबकि जलवायु का अध्ययन क्लाइमेटोलॉजिस्ट (Climatologists) द्वारा किया जाता है.
मौसम (Weather) से तात्पर्य है कि जीवन और मानव आदतों पर इसके प्रभावों के संदर्भ में पर्यावरण किस प्रकार व्यवहार करता है. तापमान, आर्द्रता, वर्षा, चमक, बादल, दृश्यता, हवा और वायुमंडलीय दबाव सभी कारक हैं जो दैनिक आधार पर मौसम को प्रभावित करते हैं. मौसम मिनटों या एक घंटे के भीतर बदल जाता है और यह बदलाव दिनों या काल (एक दिन या सप्ताह के भीतर) के भीतर अलग-अलग हो सकते हैं.
जबकि, एक जलवायु (Climate) कुछ वर्षों में एक से अधिक जगह में औसत मौसम है (A climate is the average weather in an exceeding place over a few years). जलवायु एक बड़े क्षेत्र में लंबी अवधि (30 वर्ष से अधिक) के लिए मौसम की स्थिति और विविधताओं के कुल योग को दर्शाती है.
मौसम में बदलाव महज कुछ ही घंटों में होगा. मौसम की स्थिति में परिवर्तन बहुत बार देखा जा सकता है, जबकि जलवायु में परिवर्तन होने में अधिक समय लगता है. वहीं, पर्यावरण (Environment) को बदलने में हजारों साल लग जाते हैं.
मौसम किसी भी क्षेत्र में वायुमंडलीय स्थिति में परिवर्तन की दिन-प्रतिदिन की सूचना है, जबकि जलवायु सांख्यिकीय मौसम की जानकारी है जो एक लंबी अवधि में किसी विशेष स्थान की औसत मौसम स्थिति के बारे में जानकारी देती है.
मौसम विभाग द्वारा मौसम की भविष्यवाणी की जाती है, जबकि जलवायु विज्ञान (Climatology) जलवायु का वैज्ञानिक अध्ययन है, जिसे समय के साथ मौसम की स्थिति के औसत के रूप में वर्णित किया जाता है.
मौसम तापमान, दबाव, आर्द्रता, बादल से प्रभावित होता है, जबकि किसी भी स्थान पर वायुमंडलीय स्थिति जैसे आर्द्रता, तापमान, धूप, हवा आदि जलवायु से प्रभावित होते हैं.
वायुमंडल क्या है (What is Atmosphere)
वायुमंडल गैसों की एक सुरक्षात्मक परत है जो पृथ्वी को जीवन के योग्य बनाता है, तापमान को अपेक्षाकृत कम सीमा के भीतर रखता है और सूर्य के प्रकाश की हानिकारक किरणों को रोकता है. पृथ्वी का वायुमण्डल किसी स्थान विशेष पर समाप्त नहीं होता. हम जितना ऊपर जाते हैं, वातावरण उतना ही पतला होता जाता है.
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ओजोन परत क्षरण क्या है और यह कैसे होता है?
(Ozone layer depletion)
ऊपरी वायुमंडल में मौजूद ओजोन परत का पतला होना ओजोन परत का क्षरण कहलाता है. कुछ रासायनिक यौगिक (Chemical Compounds) क्लोरीन और ब्रोमीन छोड़ते हैं, जो उच्च पराबैंगनी प्रकाश के संपर्क में आने से ओजोन की कमी का कारण बनते हैं.
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