Mi-17V5 हेलीकॉप्टर की क्या हैं खासियतें, क्या है विमान का ब्लैक बॉक्स और कैसे करता है काम?

mi-17v5 helicopter black box
MI-17v5 Helicopter Black Box

MI-17v5 Helicopter Black Box (What is black box in airplane)

8 दिसंबर 2021 को तमिलनाडु के नीलगिरी जिले के कुन्नूर (Coonoor, Nilgiris, Tamil Nadu) में हुए एक हेलीकॉप्टर हादसे में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत जी (General Bipin Rawat) का निधन पूरे राष्ट्र के लिए एक बड़ा आघात है. जनरल बिपिन रावत के साथ इस हेलीकॉप्टर में उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 12 अन्य लोग सवार थे. इस हादसे में हेलीकॉप्टर में सवार जनरल रावत और उनकी पत्नी समेत 13 लोग शहीद हो गए. इस हादसे से आज पूरा देश दुखी है और नम आंखों से सभी शहीदों को याद और नमन कर रहा है.

मामूली नहीं था ये हेलीकॉप्टर, सबसे एड्वांस्ड में होती है गिनती

जनरल रावत के साथ हुए इस अचानक दर्दनाक हादसे को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. ज्यादातर लोगों को इस हादसे के पीछे किसी न किसी बड़े षड्यंत्र के होने का ही संदेह है, क्योंकि जनरल रावत जी जिस हेलीकॉप्टर (Mi-17V5 हेलीकॉप्टर) में सवार थे, वह कोई मामूली हेलीकॉप्टर नहीं था. इस हेलीकॉप्टर की गिनती दुनिया के सबसे एड्वांस्ड हेलीकॉप्टरों में होती है. MI सीरीज के ये हेलीकॉप्टर रूस में बनाए गए हैं और इस समय इस सीरीज के 150 हेलीकॉप्टर भारत के पास हैं, जो कि ज्यादा पुराने भी नहीं हैं. ये नई पीढ़ी के ही हेलीकॉप्टर हैं.

दुनिया के 60 देश कर रहे इसी सीरीज के हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल

आज दुनिया के 60 देश इसी सीरीज के 12 हजार से भी ज्यादा हेलीकॉप्टर इस्तेमाल कर रहे हैं, जिनमें चीन, श्रीलंका और इंडोनेशिया जैसे देश भी शामिल हैं. प्रधानमंत्री भी अपनी घरेलू उड़ानों के लिए इसी हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा, सेना में भी बड़े-बड़े मूवमेंट के लिए इन्हीं हेलीकॉप्टरों को इस्तेमाल में लिया जाता है. इन हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल रेस्क्यू ऑपरेशन, सर्च ऑपरेशन (तलाशी अभियान), ट्रांस्पोर्टेशन और बड़े-बड़े या महत्वपूर्ण कामों और अभियानों में किया जाता है.

mi-17v5 helicopter

तकनीकी खराबी आने या इंजन खराब होने पर बन जाता है पैराशूट

इस हेलीकॉप्टर में एक बार में 3 क्रू मेम्बर्स के साथ-साथ 36 अन्य लोग भी बैठ सकते हैं. इसके अलावा, ये एक बार में 13 हजार किलोग्राम तक का वजन उठाकर उड़ सकता है. इस हेलीकॉप्टर की अधिकतम रफ्तार 250 किमी/घंटा है और यह 6,000 मीटर तक की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. एक बार के ईंधन में यह 580 किलोमीटर का सफर कर सकता है. यह हेलीकॉप्टर खराब मौसम और मुश्किल हालातों में भी ऑपरेट कर सकता है. इसे लैंडिंग के लिए हैलिपेड की भी जरूरत नहीं होती.

ये हेलीकॉप्टर किसी भी ऊबड़-खाबड़ या खराब जगह पर भी आसानी से लैंडिंग कर सकता है यानी उतर सकता है. इस हेलीकॉप्टर में दो इंजन लगे होते हैं. इस हेलीकॉप्टर की सबसे बड़ी खासियत है अगर इसके दोनों ही इंजन फेल हो जाएं, या इस हेलीकॉप्टर में कोई भी तकनीकी खराबी आ जाए, तब भी ये हेलीकॉप्टर एक पैराशूट की तरह आसानी से लैंड कर सकता है. यानी किसी भी स्थिति में इस हेलीकॉप्टर के क्रैश होने की संभावना बेहद कम ही होती है.

क्या होता है विमान या हेलीकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स?

किसी भी विमान हादसे के बाद जांचकर्ता उस विमान के ब्लैक बॉक्स (Black Box of plane) को खोजने की कोशिश करते हैं, क्योंकि यही बॉक्स हादसे की सही वजह उजागर करने में मदद करता है. किसी भी विमान या हेलीकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स वह बॉक्स होता है, जिसमें विमान या हेलीकॉप्टर से जुड़ीं सभी जानकारियां रिकॉर्ड रहती हैं. यह विमान या हेलीकॉप्टर के पिछले हिस्से में लगा होता है, क्योंकि किसी भी हादसे में विमान के पिछले हिस्से को नुकसान पहुंचने की संभावना सबसे कम होती है.

plane black box

ब्लैक बॉक्स नारंगी रंग का बनाया जाता है, ताकि किसी भी दुर्घटना के बाद मलबे के बीच यह दूर से भी आसानी से नजर आ जाए. इस नारंगी रंग के पेंट पर आग या पानी का भी असर नहीं होता. ये बॉक्स बेहद मजबूत धातु टाइटेनियम (Titanium) से बना होता है, जिससे यह बॉक्स बड़े से बड़ा आघात भी सहन कर सकता है और 1000 डिग्री सेल्सियस से भी ज्यादा का तापमान झेल सकता है (टाइटेनियम को ‘भविष्य की धातु’ कहा जाता है). यह बॉक्स समुद्र के खारे पानी से भी खराब नहीं होता.

इतना सुरक्षित रहता है ब्लैक बॉक्स का मेमोरी बोर्ड

ब्लैक बॉक्स का मेमोरी बोर्ड एल्युमिनियम के बोर्ड में बंद होता है, क्योंकि एल्युमिनियम में जंग नहीं लगती. वहीं, एल्युमिनियम के बॉक्स को एक इंच मोटे इंसुलेशन में बंद कर दिया जाता है, जिससे यह बॉक्स 1000 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा के तापमान में भी सुरक्षित रहता है. इस इंसुलेशन के बक्से को टाइटेनियम के बॉक्स में बंद कर दिया जाता है. टाइटेनियम की मजबूत परत इस बॉक्स के मेमोरी बोर्ड को किसी भी बड़ी चोट, आग या पानी से सुरक्षित रखता है.

किस तरह की जानकारियां होती हैं ब्लैक बॉक्स में?

इस ब्लैक बॉक्स में दो डिवाइस होती हैं- पहला कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर, जिसमें कॉकपिट में होने वाली सारी आवाजें, पायलट और उसके सहयोगियों के बीच की सारी बातें रिकॉर्ड होती हैं. यानी कॉकपिट में पायलट्स के बीच क्या-क्या बातें हुईं, या किसी दुर्घटना से पहले विमान या हेलीकॉप्टर में क्या-क्या बातें या आवाजें हुईं, या स्विच और इंजन की आवाज, सब इसमें दर्ज हो जाती हैं.

दूसरा डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर, जिसमें विमान के इंजन, उसके ईंधन, उसकी रफ्तार, विमान के ऊपर-नीचे जाने की रफ्तार, उसकी ऊंचाई, उस समय की हवा की रफ्तार समेत करीब 90 तरह की जानकारियां डेटा के रूप में रिकॉर्ड रहती हैं. इस बॉक्स में 24 घंटे से भी ज्यादा की पूरी जानकारी दर्ज रहती है. अगर यह ब्लैक बॉक्स समुद्र में भी गिर जाए, तो ये वहां की गहराइयों से भी महीनेभर तक इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल भेज सकता है.

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