Mint : गर्मियों की ‘संजीवनी बूटी’ है पुदीना, जानिए अलग-अलग समस्याओं में इसके फायदे

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Mint Health Benefits (पुदीने के फायदे और पुदीने के औषधीय गुण)

Mint/Pudina ke Fayde

पुदीना (Mint or Pudina) बारहमासी और खुशबूदार जड़ी-बूटी है, जिसका इस्तेमाल खाने-पीने की चीजों में एक सुगंधित मसाले के रूप में किया जाता है. चटनी, सब्जी, छाछ आदि में स्वाद और सुगंध को बढ़ाने के लिए पुदीने का इस्तेमाल किया जाता है. खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ यह सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है. इसे गर्मी और बरसात की ‘संजीवनी बूटी’ कहा जाता है.

पुदीना दुनिया की लगभग सभी बीमारियों से रक्षा करने वाली एक जड़ी-बूटी के समान माना गया है. यह रुचि को बढ़ाता है और मुंह का जायका सुधारता है. यह पेट से जुड़ीं कई समस्याओं को बिल्कुल ठीक कर देता है. गर्मियों में तो पुदीने का सेवन किसी न किसी रूप में करते ही रहना चाहिए. तुलसी की ही तरह पुदीने की पत्तियां भी देखने में बड़ी सुंदर होती हैं. स्वाद, सौंदर्य, सुगंध और फायदों का ऐसा मेल बहुत कम पौधों में देखने को मिलता है.

पुदीने का पौधा! घर में उगाएं पुदीना

पुदीना मुख्य रूप से एक पहाड़ी किस्म का पौधा है. यह ज्यादातर देशों में उगाया जाता है. भारत में तो यह लोगों के घरों के बगीचों या गमलों में भी आसानी से देखा जा सकता है. पुदीने के लिए अच्छी निथार वाली जमीन ज्यादा अनुकूल रहती है. इसके छोटे-छोटे पौधे जमीन पर या गमले में फैलते जाते हैं. इसकी टहनियों का रंग लाल होता है. इसके पत्ते तुलसी के पत्तों की तरह ही कुछ छोटे और गोल होते हैं.

पुदीने की बोआई कभी भी की जा सकती है, फिर भी बारिश का मौसम इसे बोने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है और गर्मियों में यह अच्छी तरह फलता-फूलता है. इसके पौधों से एक अलग तरह की खुशबू आती है. कहते हैं कि जहां पुदीने का पौधा लगा होता है, वहां के आसपास बीमारियां नहीं फटक पातीं और वहां से वात और शीत रोग तो दुम दबाकर भाग जाते हैं, आसपास का वातावरण अच्छा बना रहता है.

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ताजे पुदीने का इस्तेमाल करने के लिए पुदीने को तुलसी की ही तरह घर में ही उगाना चाहिए, फिर भी अगर हरा-ताजा पुदीना उपलब्ध ना हो सके, तो उसके पत्तों को सुखाकर भी रखा सकता है और जरूरत पड़ने पर कभी भी इस्तेमाल में लिया जा सकता है.

पुदीने के गुण और इस्तेमाल

पुदीने के बहुत सारे गुण अजवायन से मिलते-जुलते हैं. पुदीना पेट से जुड़ीं कई समस्याओं को मिटा देता है. यह जमा हुआ कफ आसानी से बाहर निकाल देता है. पुदीने में विटामिन-A अच्छी मात्रा में पाया जाता है, इसलिए इसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) बढ़ती है, साथ ही यह पाचक रसों को भी बढ़ाता है.

विटामिन-A के साथ-साथ पुदीने में विटामिन-C, थायमोल, एनर्जी, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, नियासिन, सोडियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम और कैल्शियम भी पाया जाता है. आयुर्वेद में पुदीना स्वादिष्ट, पचने मे हल्का, उल्टी और अपच को दूर करने वाला, कफ को बाहर निकालने वाला, घावों या जख्मों को भरने वाला, मुंह का स्वाद सुधारने और मन को प्रसन्न करने वाला माना गया है.

पुदीने का सेवन खांसी, हैजा, अजीर्ण, त्वचा के रोग, श्वास के रोग, सर्दी-जुखाम, ब्लड प्रेशर आदि में फायदेमंद बताया गया है. औषधि के रूप में पुदीने का इस्तेमाल पेट की गैस और अपच को दूर करने, दस्त, पेचिश, बुखार, पेट के रोग, लिवर आदि को ठीक करने, दर्द मिटाने और गठिया आदि में किया जाता है. पुदीने का शरबत पीने से लू से बचाव होता है.

गर्मियों के लिए पुदीने का स्वादिष्ट शरबत (Pudina ka sharbat)

पुदीने की ताजी पत्तियों को सिलबट्टे पर पीसकर पानी में मिला लीजिए. उसमें भुना जीरा, काला नमक, काली मिर्च और नींबू का रस मिलाकर छान लीजिए. पुदीने का स्वादिष्ट शरबत तैयार हो जाएगा. गर्मियों में इस शरबत को पीने से गर्मी से होने वाली बेचैनी दूर होती है, मुंह का स्वाद अच्छा हो जाता है, साथ ही पेट की गैस या पेट की गड़बड़ी, अपच, अफारा, बदहजमी आदि में भी आराम होता है.


पुदीने के फायदे और अलग-अलग समस्याओं में इसका इस्तेमाल-

पेट के लिए-

पुदीने की पत्तियों में भुना जीरा मिलाकर पीस लीजिए, फिर इसे पानी में डालकर छान लीजिए. इस पानी में थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाइए. इसे पीने से लू लगने से होने वाली बेचैनी खत्म होती है.

ताजे मट्ठा या छाछ में पुदीने की पत्तियां मिलाकर पीने से पेट की जलन और अपच दूर होती है. यह काफी स्वादिष्ट भी होता है.

पुदीने की पत्तियों को कच्चे आम के साथ पीसकर उसमें हल्का सेंधा नमक मिलाकर पीने से पेट की जलन दूर होती है.

पुदीने की चटनी- पुदीने की ताजी पत्तियों में काली मिर्च, सेंधा नमक, हींग, काली द्राक्ष और जीरा मिलाकर उसकी चटनी बनाएं और उसमें नींबू का रस निचोड़ें. इस चटनी को खाने से मुंह का स्वाद अच्छा होता है, रुचि बढ़ती है, पेट की गैस दूर होती है और पाचनशक्ति तेज होती है.

पुदीना, तुलसी, काली मिर्च और अदरक आदि का काढ़ा पीने से गैस की समस्या दूर होती है और भूख बढ़ती है. यानी दुर्बल या शारीरिक रूप से कमजोर लोगों के लिए पुदीने का सेवन काफी अच्छा माना जाता है.

पुदीने का ताजा रस शहद के साथ मिलाकर सेवन करने से आंतों की खराबी और पेट की समस्याएं दूर होती हैं. जिन लोगों को आंतों से संबंधित कोई शिकायत रहती है, उनके लिए पुदीने का ताजा रस बहुत फायदेमंद माना गया है.

पुदीने का ताजा रस पीने से खांसी, उल्टी, अतिसार (दस्त) और हैजा में आराम मिलता है, साथ ही पेट की गैस और कीड़े खत्म होते हैं.

पुदीने का रस पीने या उसकी पत्तियां चबाने से पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं.

पुदीने के रस में अदरक का रस और सेंधा नमक मिलाकर पीने से पेट दर्द में आराम होता है.

गर्मियों के मौसम में अगर खाना ज्यादा हो गया हो, जिससे अजीर्ण या अपच की समस्या हो गई हो, तो पुदीने की पत्तियों को पीसकर उसे पानी में मिलाइए. उसमें थोड़ा सा काला नमक मिलाकर, छानकर पीने से जल्द आराम होता है. आप इसमें थोड़ा सा नींबू का रस भी मिला सकते हैं.

पुदीने की पत्तियों को मुनक्का के साथ चबाने से बदहजमी दूर होती है.

पुदीने का रस पीने से जी मिचलाना बंद हो जाता है. पुदीने के रस के सेवन से खांसी, उल्टी, दस्त आदि में आराम होता है, पेट की गैस और कीड़े खत्म हो जाते हैं.

पुदीने की चटनी पेट से जुड़ीं कई बीमारियों में राहत देती है.

पुदीना पेट की समस्याओं को दूर करता है, इसलिए यह एक्स्ट्रा फैट घटाने में भी मदद कर सकता है.

सर्दी-जुकाम, कफ और खांसी के लिए

पुदीने का ताजा रस या अर्क सर्दी-जुकाम और खांसी आदि में फायदेमंद होता है.

पुदीने के रस में अदरक का रस और थोड़ा सा शहद मिलाकर चाटने से खांसी में आराम होता है.

पुदीने का रस गर्म पानी के साथ मिलाकर पीने से खांसी-जुकाम, कफ और श्वांस रोगों या अस्थमा में आराम होता है.

पुदीने की चाय पीने से खांसी-जुखाम और सिरदर्द में आराम होता है.

पुदीना और तुलसी का काढ़ा पीने से बुखार दूर होता है. पुदीना शरीर से पसीना निकालकर बुखार को दूर करता है.

पुदीने और अदरक का रस या काढ़ा पीने से सर्दियों में आने वाला बुखार दूर होता है. इससे पसीना निकल आता है, जिससे बुखार उतर जाता है. इसी के साथ यह गैस और जुकाम में भी फायदेमंद है.

त्वचा और मुंह के लिए-

दाद-खाज पर पुदीने का रस लगाने से फायदा होता है.

किसी जहरीले कीड़े के काटने पर उस जगह पर पुदीने का रस लगाने से जल्द आराम होता है.

पुदीने के ताजे पत्तों के रस में थोड़ा-सा नींबू का रस और गुलाबजल मिलाकर चेहरे पर लगाने से पिंपल्स खत्म हो जाते हैं और चेहरे पर निखार आता है.

पुदीने की पत्तियां चबाना दांतों और मसूढ़ों के लिए भी अच्छा माना जाता है. पुदीने की पत्तियां चबाने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है और मसूढ़े भी स्वस्थ बनते हैं.

पुदीने के रस के सेवन से मुंह के छाले दूर होते हैं.

अन्य समस्याओं के लिए-

पुदीने की पत्तियों को पीसकर तलवों पर लगाने से तलवों में होने वाली जलन दूर होती है.

पुदीना और तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से या पुदीना और अदरक के रस का काढ़ा बनाकर पीने से मलेरिया में राहत मिलती है.

पुदीने के रस में थोड़ा सा नींबू का रस मिलाकर पीने से लिवर से जुड़ी समस्या दूर होती है.

पुदीने के पत्तों को चूसने से या चबाकर खाने से हिचकी दूर होती है. पुदीने के पत्तों को नींबू के रस के साथ मिलाकर भी चबाया जाता है.

पुदीना और तुलसी के रस में चुटकी भर चीनी मिलाकर पीने से टाइफाइड में आराम होता है.

पुदीने के बीज से निकलने वाला तेल कीटाणुनाशक होता है. इस तेल की सुगंध से मच्छर भाग जाते हैं.

नोट- हर अच्छी चीज का सेवन भी उचित मात्रा में ही करें. इस लेख में दी गई जानकारी कई किताबों और खुद के अनुभव पर आधारित है.

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About Sonam Agarwal 237 Articles
LLB (Bachelor of Law). Work experience in Mahendra Institute and National News Channel (TV9 Bharatvarsh and Network18). Interested in Research. Contact- sonagarwal00003@gmail.com

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