Mountains Formation Types
पर्वतों को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा गया है-
(1) मौलिक या विवर्तनिक पर्वत
(Original or Tectonic mountain)
(2) अवशिष्ट या घर्षित पर्वत
(Residual or Subsequent mountain)
(1) मौलिक या विवर्तनिक पर्वत
(Original or Tectonic mountain)
अलग-अलग प्रकार की भू-हलचलों (दबाव, तनाव, उभार आदि) के कारण बने पर्वतों को इस वर्ग में रखा जाता है. इनके निर्माण में पटल विरूपणी (Plate Deformation) और ज्वालामुखी क्रिया का भी विशेष योगदान होता है. इन्हें भी 5 भागों में बांटा गया है-
(A) वलित या मोड़दार पर्वत
(B) अवरोधी या ब्लॉक पर्वत
(C) गुम्बदाकार पर्वत
(D) संग्रहीत पर्वत
(E) मिश्रित या जटिल पर्वत
(A) वलित या मोड़दार पर्वत (Folded Mountain)
पृथ्वी की आंतरिक शक्तियों द्वारा धरातलीय चट्टानों में लहरदार मोड़ या वलन के कारण धरातल पर अपनतियों और अभिनतियों का एक क्रम बन जाता है (वलन के ऊपर उठे भाग को ‘अपनति’ और धंसे हुए भाग को ‘अभिनति’ कहते हैं).
भूगर्भिक हलचलों (Geologic Movements) की तीव्रता के साथ ये मोड़ या वलन इतने ऊंचे हो जाते हैं कि इन्हें ही वलित पर्वत (Fold Mountains) कह दिया जाता है. पृथ्वी पर वलित पर्वत ही ज्यादा हैं. इनकी ऊँचाई और क्षेत्र सबसे ज्यादा होता है, जैसे हिमालय.
अन्य उदाहरण हैं- आल्पस (यूरोप), रॉकी (उत्तरी अमेरिका), एंडीज (दक्षिणी अमेरिका), यूराल (एशिया-यूरोप), अरावली (भारत), विंध्यांचल (भारत), स्कॉटलैंड और स्केण्डनेविया के पर्वत, एटलस (मोरक्को, अफ्रीका).
(B) अवरोधी या ब्लॉक पर्वत (Block Mountain)
तनाव बल (Tension Force) के कारण भू-पटल (क्रस्ट) भ्रंश या दरारें बढ़ जाती हैं, जिसके कारण स्थल खंड (Land Section) का कुछ भाग नीचे धंस जाता है, या कुछ भाग ऊपर उठ जाता है.
आसपास के धंसे हुए भाग के बीच ऊंचा उठा भाग भ्रंश पर्वत (Fault Mountain) कहलाता है. भ्रंश पर्वत का ऊपरी भाग सपाट होता है और दोनों ओर की ढाल तीव्र और एकदम खड़ी होती है. इन पर्वतों को ‘होर्स्ट’ (Horst) भी कहा जाता है.
जब किसी स्थलखंड के बीच का भाग नीचे बैठ या धंस जाता है, तो उसके दोनों ओर ब्लॉक पर्वत (Block Mountain) बन जाते हैं. बीच में बैठे हुए भाग को दरार या भ्रंश घाटी (Rift or Fault Valley) कहा जाता है.
या जब दो भ्रंशों के बीच का स्तंभ जैसा का तैसा रहे और किनारे के भाग नीचे धंस जाएं, तो ब्लॉक पर्वत बन जाता है.
उत्तरी अमेरिका (कैलिफोर्निया) का सियारा नेवादा पर्वत विश्व का सबसे बड़ा ब्लॉक पर्वत है. इसके अलावा भारत का सतपुड़ा, यूरोप के ब्लैक फॉरेस्ट और वास्जेस (जर्मनी), पाकिस्तान स्थित साल्ट रेंज, जर्मनी का हेज (यूरोज) भी इसी प्रकार के पर्वत हैं.
(C) गुम्बदाकार पर्वत (Dome Mountain)
धरातल पर चापाकार रूप में आया उभार गुंबदाकार पर्वत कहा जाता है. इनका निर्माण ज्वालामुखी क्रियाओं के कारण स्थल भाग में आए उभार के कारण होता है.
जब पृथ्वी के आंतरिक भाग का मैग्मा बाहर निकलने की कोशिश में धरातल की ऊपरी परतों पर ही दबाव डालता है, जिसके कारण चट्टानों की ऊपरी परतों में कुछ उभार बन जाते हैं, इन्हें ही गुम्बदाकार पर्वत (Dome Mountain) कहा जाता है.
USA का सिनसिनाती उभार (Cincinnati Mountain) एक लघु और निम्न गुम्बद है, जबकि यहीं के हेनरी बिगहार्न्स और ब्लैक हिल्स विस्तृत और दीर्घ गुम्बद हैं.
(D) संग्रहीत पर्वत (Mountain of Accumulation)
किसी भी साधन द्वारा धरातल पर मिट्टी, कंकड़, पत्थर, बालू आदि का धीरे-धीरे जमाव होने से कालांतर बनी बड़ी पर्वताकार आकृति को संग्रहीत पर्वत कहा जाता है. जैसे ज्वालामुखी विस्फोट के दौरान निकले पदार्थों के जमाव से बनने वाले पर्वत.
ज्वालामुखी विस्फोट के दौरान निकले पदार्थों के जमाव से बनने वाले पर्वतों को भी ज्वालामुखी पर्वत (Volcanic Mountains) कहा जाता है. मैग्मा सतह पर पहुंचकर अक्सर एक ज्वालामुखी पर्वत का निर्माण करता है (वहीं, जमीन के नीचे जमा मैग्मा गुंबदाकार पर्वत बना सकता है, जैसे कि अमेरिका में नवाजो पर्वत).
जैसे- फिलीपींस के मयान, जापान का फ्यूजीयामा, इटली का विसूवियस और एटना, चिली का एकांकागुआ, इक्वाडोर का कोटोपैक्सी आदि ज्वालामुखी पर्वत के प्रमुख उदाहरण हैं.
(E) मिश्रित या जटिल पर्वत (Complex Mountains)
मिश्रित पर्वतों का निर्माण अलग-अलग प्रकार की चट्टानों के सम्मिलित स्वरूप से होता है. इसमें बनावट और संरचना संबंधी अनेक जटिलताएं पायी जाती हैं. इसीलिए इन्हें जटिल पर्वत कहा जाता है. जैसे- USA में सियरा नेवादा पर्वत और पाइक पीक व्हाइट पर्वत.
(2) अवशिष्ट या घर्षित पर्वत
(Residual or Subsequent mountain)
अवशिष्ट पर्वत उन पूर्व निर्मित पर्वतों को कहा जाता है, जो अपरदन या अनाच्छादन के कारण अपने शुरुआती स्वरूप को खो चुके हैं. उच्च पर्वतीय भागों पर अपरदन के कारकों जैसे नदी, हिमनद (ग्लेशियर), वायु, ओस, वर्षा, आदि के ज्यादा प्रभावी रहने के कारण ऊंचे-ऊंचे पर्वत कटकर या घिसकर कालांतर में अवशेष के रूप में बच जाते हैं.
भारत में विंध्यांचल, अरावली, सतपुड़ा, महादेव, पारसनाथ, पश्चिमी घाट, पूर्वी घाट, USA में एप्लेशियन, ओजर्क, आदि अवशिष्ट पर्वतों के उदाहरण हैं.
Mountains (1) : पर्वत क्या हैं और ये कैसे बनते हैं? पर्वत कितने प्रकार के होते हैं?
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