‘निहारिका’ या ‘नेबुला’ (Nebula or Niharika) शब्द लैटिन भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है- धुंध या बादल. इस तरह ‘निहारिका’ या ‘नेबुला’ धूल और गैसों से बने बादल (Clouds of Dust and Gases) होते हैं. निहारिका वह स्थान होते हैं, जहां किसी नए तारे (Star) का जन्म होता है और इसीलिए निहारिकाओं को ‘स्टार नर्सरी’ भी कहा जाता है. जब निहारिका की गैसें और धूल गुरुत्वाकर्षण बल (Gravity) के कारण अपने केंद्र पर इकठ्ठा होने लगती हैं, तो वही निहारिका या बादल एक गोल पिंड का रूप लेने लगता है, और यहीं से शुरू हो जाता है एक नए तारे का जीवन चक्र.
जानिए- तारे और ब्लैक होल के बनने की पूरी प्रक्रिया
निहारिका या नेबुला कैसे बनते हैं
(How are nebulae formed)?
निहारिका (Nebula) के बनने के अब तक दो मुख्य कारण बताए गए हैं- पहला, वैज्ञानिकों के अनुसार जब ब्रह्मांड की उत्पत्ति के लिए महाविस्फोट हुआ (Big Bang Theory), तो उस महाविस्फोट से धूल और गैसों के कुछ बादलों या निहारिकाओं का भी निर्माण हुआ. निहारिकाओं से सूर्य जैसे कुछ तारे बने, फिर ग्रहों-उपग्रहों और अन्य तरह के पिंडों का निर्माण हुआ. इस तरह वैज्ञानिक निहारिका को ही हमारे सौरमंडल (Solar System) का जनक मानते हैं. हमारा सौरमंडल, हमारा सूर्य, हमारी पृथ्वी, इंसान-प्राणी और यहां तक कि हमारी नसों में बह रहा खून भी नेबुला या निहारिका की वजह से है.
अब जैसे पृथ्वी पर मनुष्य जन्म लेते और मरते रहते हैं, उसी तरह ब्रह्मांड में भी हजारों तारे जन्म लेते और खत्म होते रहते हैं. आमतौर पर कोई भी तारा एक विस्फोट (या सुपरनोवा) के साथ खत्म होता है. जब ये विस्फोट होता है, तब उस तारे से निकले पदार्थों, धूल और गैसों आदि से नई निहारिकाओं का जन्म हो जाता है (यानी विस्फोट से नए बादल बन जाते हैं) और फिर उन निहारिकाओं से फिर से किसी नए तारे का जन्म होने लगता है. यानी तारों के बीच के स्थान में निहारिकाएं मौजूद रहती हैं.
पृथ्वी के सबसे निकट का नेबुला
(Nearest Nebula to Earth)
तारों के बीच के जिन स्थानों में नीहारिकाएं मौजूद होती हैं, उन्हें अंतरतारकीय स्थान (Interstellar Space) कहा जाता है. हेलिक्स नेबुला (Helix Nebula) को पृथ्वी के सबसे निकट का नेबुला कहा जाता है. यह एक मरते हुए तारे का अवशेष है. अनुमान के मुताबिक, यह तारा सूर्य के जैसा ही हो सकता है. यह पृथ्वी से लगभग 700 प्रकाश वर्ष दूर है. यानी अगर आप प्रकाश की स्पीड (Speed of Light) से चलते हुए इस नेबुला के पास जाएंगे, तब भी आपको वहां तक पहुंचने में 700 साल लग जाएंगे.
निहारिकाओं को 4 कैटेगरीज में बांटा गया है (Nebula Types)-
(1) Diffuse Nebula
(2) Dark Nebula जैसे Horsehead Nebula
(3) Planetary Nebula
(4) Supernovae Nebula जैसे Crab Nebula
(1) What is Diffuse Nebula
डिफ्यूज नेबुला की कोई निश्चित सीमा नहीं होती है.
कैरिना नेबुला (Carina Nebula)– आपने सुना होगा कि NASA के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) ने कैरिना नेबुला (Carina Nebula) की स्पष्ट तस्वीर ली है. यह कैरिना नेबुला, डिफ्यूज नेबुला (Diffuse Nebula) का ही एक प्रकार है. यह विशाल सितारों के लिए एक तारकीय नर्सरी (Stellar nursery) है और यह लगभग 7,600 प्रकाश-वर्ष (Light-years) दूर स्थित है.
कैरिना नेबुला में जिस जगह पर नए तारे का निर्माण हो रहा है, उसे NGC 3324 नाम दिया गया है. वैज्ञानिक इसे कॉस्मिक क्लिफ (Cosmic Cliffs) नाम दे रहे हैं. जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कॉप से इन्फ्रारेड लाइट में कैप्चर की गई यह तस्वीर पहली बार किसी तारे के जन्म के पहले के क्षेत्रों को दिखाती है.
लगभग 7,600 प्रकाश-वर्ष दूर स्थित NGC 3324, कैरिना नेबुला (NGC 3372) के उत्तर-पश्चिमी कोने में स्थित है, जो कैरिना तारामंडल या कैरिना नक्षत्र (Carina Constellation) में स्थित है. 12 जुलाई 2022 को नासा द्वारा जारी यह खूबसूरत तस्वीर पहली बार स्टार (Star Birth) जन्म के पहले अनदेखे क्षेत्रों को प्रकट करती है. चमकदार सितारों से घिरे ‘पहाड़ों’ और ‘घाटियों’ का यह दृश्य वास्तव में युवा सितारा-गठन क्षेत्र (Young Star-Formation Region) का किनारा है, जिसका नाम ही NGC 3324 रखा गया है.
तस्वीर में नजर आ रहे ये टेढ़े-मेढ़े पहाड़ वास्तव में NGC 3324 के भीतर विशाल, गैसीय गुहा का किनारा है (या कॉस्मिक क्लिफ्स, NGC 3324 के भीतर एक विशाल, गैसीय गुहा के किनारे पर एक क्षेत्र है). इस तस्वीर में सबसे ऊंची ‘चोटियाँ’ लगभग 7 प्रकाश-वर्ष ऊँची हैं. उभरती तारकीय नर्सरी (Stellar Nurseries) और अलग-अलग तारे इन दृश्य-प्रकाश छवियों (Visible-Light Images) में छिपे हुए हैं.
आकाशीय ‘पहाड़ों’ से उठने वाली ‘भाप’ वास्तव में गर्म आयनित गैस और गर्म धूल है, जो लगातार हो रहे विकिरण (Radiation) के कारण नेबुला से दूर जा रही है. तारों के विकास के इस शुरुआती स्टेज में सितारे धूल और गैस के बादलों के अंदर छिपे हुए हैं. इनमें से कई प्रोटोस्टार हमारे सूर्य की तरह कम द्रव्यमान वाले तारे बनने की राह पर हैं.
ओरियन नेबुला क्या है (What is Orion Nebula)-
ओरियन नेबुला भी एक डिफ्यूज नेबुला है, जिसे मेसियर 42, या M42, या NGC 1976 के रूप में भी जाना जाता है. यह नेबुला हमारी आकाशगंगा ‘मिल्की वे’ (Milky Way) में स्थित है. यह सबसे चमकीली निहारिकाओं में से एक है और रात में नंगी आंखों से भी देखा जा सकता है… और इसीलिए इसे ‘सृष्टि की ब्रह्मांडीय अग्नि’ भी कहा जाता है. इस नेबुला के 24 प्रकाश वर्ष क्षेत्र में फैले होने का अनुमान है और इसका द्रव्यमान सूर्य से लगभग 2,000 गुना ज्यादा है. यह नेबुला लगभग 1,500 प्रकाश-वर्ष दूर है, और यह पृथ्वी के निकट का सबसे बड़ा तारा-निर्माण क्षेत्र (Star-forming region) कहलाता है.
डिफ्यूज नेबुला को भी मुख्य रूप से दो भागों में बांटा गया है-
(A) एमिशन नेबुला और (B) रिफ्लेक्शन नेबुला.
(A) What is Emission Nebula
एमिशन नेबुला या उत्सर्जन निहारिका ज्यादातर आयनित गैसों (Ionized Gases), खासकर आयोनाइज्ड हाइड्रोजन से बने होते हैं, जिसकी कई वजहें हैं- जैसे पास के किसी गर्म तारे से निकलने वाले हाई-एनर्जी अल्ट्रावॉयलेट फोटॉन, और एक खत्म होते हुए तारे का अपनी बाहरी परतों (धूल-गैसों आदि) को फेंकना और फिर उन गैसों का आयोनाइज्ड होना.
ये नेबुला सुंदर और चमकीले दिखाई देते हैं क्योंकि ये नेबुला अलग-अलग तरंग दैर्ध्य (Wavelengths) के प्रकाश को बाहर निकालते रहते हैं. इन नेबुला में आयोनाइज्ड हाइड्रोजन होने के कारण ही इन्हें ‘HII क्षेत्र’ (HII Region) भी कहा जाता है. एक अनुमान के मुताबिक, इन नेबुला से बनने वाले तारों का तापमान 20,000 केल्विन से ज्यादा हो सकता है.
जैसे ओमेगा नेबुला (Omega Nebula or M17) एक प्रकार का एमिशन नेबुला है, जिसमें बड़ी मात्रा में आयोनाइज्ड हाइड्रोजन है. यह नेबुला तारों के निर्माण होने वाले सबसे बड़े क्षेत्रों में शामिल है. यानी ऐसे इलाके जहां तारों का जन्म होता रहता है और इन्हीं तारों की मदद से यह नेबुला प्रकाश का उत्सर्जन करता रहता है यानी चमकता रहता है. यह नेबुला हमारी पृथ्वी से लगभग 5000 से 6000 प्रकाश वर्ष दूर है.
(B) What is Reflection Nebula
रिफ्लेक्शन नेबुला या परावर्तन निहारिकाएं, एमिशन नेबुला की तरह कोई लाइट रेडिएशन नहीं निकालते हैं, लेकिन फिर भी चमकते हैं, क्योंकि ये अपने आसपास के तारों की रोशनी को रिफ्लेक्ट करते हैं. दूसरे शब्दों में ये नेबुला तारों के बीच मौजूद ऐसे धूल-गैस के बादल हैं, जो अपने पास के तारे या तारों के प्रकाश को प्रतिबिंबित (Reflect) कर सकते हैं. ये नेबुला मुख्य रूप से नीले रंग के नजर आते हैं, क्योंकि इसमें मौजूद पार्टिकल्स नीले रंग को काफी अच्छी तरह से फैला सकते हैं.
(2) What is Dark Nebula
डार्क नेबुला या अंधेरी निहारिका (Dark Nebula) न तो किसी तरह की कोई लाइट निकालते हैं और न ही किसी तारे से आने वाली रोशनी को रिफ्लेक्ट करते हैं. यानी ये तारों के बीच में मौजूद धूल और गैस के ऐसे विशाल बादल होते हैं, जिनमें धूल की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, यानी ये काफी घने (Dense) होते हैं, जिससे ये किसी भी तारे से आने वाली रोशनी को भी ब्लॉक कर देते या रोक देते हैं. यानी ये नेबुला अपने पीछे मौजूद ऑब्जेक्ट्स के प्रकाश को अपने पार नहीं जाने देते हैं.
लेकिन डार्क नेबुला इंफ्रारेड रेडिएशन के बड़े सोर्स होते हैं. एक डार्क नेबुला के अंदर का औसत तापमान लगभग 10 से 100 केल्विन के बीच हो सकता है, जिससे हाइड्रोजन अणु बनते हैं और तारे का निर्माण होता है. डार्क नेबुला के कारण हम ब्रह्मांड के एक हिस्से को पूरी तरह नहीं देख पाते हैं, क्योंकि ये इतने डार्क या घने होते हैं कि हमारे टेलीस्कोप इसके पार नहीं देख पाते.
(3) What is Planetary Nebula
आसान शब्दों में कहें तो जब कोई कम द्रव्यमान वाला तारा या हमारे सूर्य जैसा तारा अपनी जिंदगी के आखिरी स्टेज पर आता है, तो वह रेड जाइंट या लाल दानव तारा (Red Giant) बनने लगता है. उस समय वह तारा अपनी बाहरी परतों को खोने लगता है. तारे से निकली उसकी बाहरी परतें धूल और गैसों के बड़े ग्रुप यानी बादल बनाने लगती हैं. ये बादल हाइड्रोजन, हीलियम, ऑक्सीजन, सल्फर और अन्य भारी तत्वों से मिलकर बने होते हैं. यही बादल नए नेबुला बन जाते हैं, जिन्हें ग्रहीय निहारिका (Planetary Nebula) कहा जाता है… और उस तारे का बचा हुआ कोर (Core) श्वेत वामन तारा या व्हाइट ड्वार्फ स्टार (White Dwarf Star) बन जाता है.
जैसे कैट आई नेबुला (Cat’s Eye Nebula), जिसके बीच में एक श्वेत वामन तारा या व्हाइट ड्वार्फ स्टार है, जो कभी हमारे सूर्य (Sun) जैसा ही एक तारा रहा होगा.
(4) What is Supernovae Remnant Nebula
नाम से ही पता चल रहा है कि ये नेबुला सुपरनोवा यानी महाविस्फोट से बनते हैं. जब सूर्य से भी कई गुना बड़े तारे अपने जिंदगी के आखिरी स्टेज पर पहुंचते हैं, तो वे एक विस्फोट के साथ खत्म होते हैं, जिसे सुपरनोवा (Supernovae) कहा जाता है. ऐसे में उस तारे की बाहरी परतें अंतरिक्ष में उड़ जाती हैं… और उस तारे का बचा कोर (Core) न्यूट्रॉन तारा या ब्लैक होल बन जाता है. जो परतें अंतरिक्ष में उड़ जाती हैं, वे नए नेबुला का निर्माण करती हैं, जिन्हें सुपरनोवा नेबुला कहा जाता है.
जानिए- ब्रह्मांड और उसकी उत्पत्ति के बारे में कुछ महत्वपूर्ण और रोचक बातें
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