नेशनल पार्क में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करे असम सरकार : सुप्रीम कोर्ट CEC

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काजीरंगा नेशनल पार्क (फोटो क्रेडिट- ट्विटर)

Kaziranga National Park

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की तरफ से बनाई गई ‘केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (CEC)’ ने असम सरकार से काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (Kaziranga National Park) और टाइगर रिजर्व के चिन्हित वन्यजीव कॉरीडोरों में अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने के लिए कहा है. 6 अक्टूबर को राज्य के मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र में, CEC के सदस्य-सचिव अमरनाथ शेट्टी ने कहा है कि चार हफ्तों के भीतर पैनल को कार्रवाई की रिपोर्ट सौंपी जानी चाहिए.

इससे पहले, अगस्त 2021 काजीरंगा नेशनल पार्क सेटेलाइट फोन का इस्तेमाल करने वाला देश का पहला नेशनल पार्क बना था, जो आमतौर पर कानून लागू करने वाली एजेंसियों की तरफ से इस्तेमाल किया जाता है.

इससे पहले, 12 अप्रैल 2019 को अदालत के आदेश ने प्राइवेट जमीन पर नए निर्माण की अनुमति नहीं दी थी. कोर्ट ने कहा था कि इस प्राइवेट जमीन पर किसी भी नए निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी, जो 9 पहचाने गए पशु गलियारों (Animal corridors) का हिस्सा है. यह एक सींग वाले गैंडों का दुनिया का सबसे सुरक्षित पता माना जाता है. कोर्ट ने इन गलियारों में सभी तरह के खनन (Mining) पर भी रोक लगा दी थी.

काजीरंगा नेशनल पार्क (Kaziranga National Park)

दुनिया में सबसे ज्यादा एक सींग वाले गैंडे (राइनो प्रजाति का सबसे बड़ा गैंडा) काजीरंगा नेशनल पार्क में ही पाए जाते हैं. इस मामले में पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य (Pobitora Wildlife Sanctuary) दूसरे स्थान पर है. हालांकि, दुनिया में गैंडों का सबसे ज्यादा जनसंख्या घनत्व पोबितोरा अभयारण्य में ही है.

भारतीय उपमहाद्वीप में पाई जाने वाली प्राइमेट्स की 14 प्रजातियों में से 9 प्रजाति काजीरंगा नेशनल पार्क में ही रहती हैं. काजीरंगा नेशनल पार्क में सबसे ज्यादा राइनो, हाथी, रॉयल बंगाल टाइगर और एशियाई जल भैंस के संरक्षण का प्रयास किया जाता है.

इस पार्क का कुल बाघ आरक्षित क्षेत्र (Tiger reserve area) 1,030 वर्ग किलोमीटर है, जिसमें मुख्य क्षेत्र 430 वर्ग किलोमीटर है. साल 2018 की गणना के अनुसार, इस पार्क में हाथियों की संख्या करीब 1,100 और गैंडों की संख्या लगभग 2,413 थी.

यह पार्क असम राज्य में लगभग 42,996 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ ब्रह्मपुत्र घाटी बाढ़ के मैदान में एकमात्र सबसे बड़ा अविभाजित और प्रतिनिधि क्षेत्र है. सर्दियों में यहां साइबेरियन पक्षी प्रवास पर आते हैं.

इस पार्क को साल 1974 में नेशनल पार्क और साल 2007 में टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था. साल 1985 में इसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था. वहीं, बर्ड लाइफ इंटरनेशनल की तरफ से इसे एक महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र के रूप में मान्यता दी गई है.

नेशनल हाईवे-37 इसी नेशनल पार्क से होकर गुजरता है. काजीरंगा नेशनल पार्क में 250 से भी ज्यादा मौसमी जल निकाय (Seasonal water bodies) हैं, इसके अलावा डिप्लू नदी (Diplu river) इसी पार्क से होकर गुजरती है. असम के अन्य प्रमुख नेशनल पार्क डिब्रू-सैखोवा नेशनल पार्क, मानस नेशनल पार्क, राजीव गांधी ओरंग नेशनल पार्क और नामेरी नेशनल पार्क हैं. (असम सरकार ने 1 सितंबर‚ 2021 को राजीव गांधी ओरंग नेशनल पार्क का नाम बदलकर ओरंग नेशनल पार्क कर दिया है).

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