समुच्चयों पर मूल संक्रियाएँ (Basic Set Operations in Maths in Hindi)-
Maths में कुछ ऐसी समुच्चय संक्रियाएँ (set operations) होती है, जिन्हें दो समुच्चयों पर करने से दूसरा नया समुच्चय बन जाता है। अब हम कुछ समुच्चय संक्रियाओं (Set Operations in Maths) को परिभाषित करेंगे और उनके गुणधर्मों का परीक्षण करके देखेंगे कि वे कैसे कार्य करते हैं। समुच्चयों का संघ या सम्मिलन, समुच्चयों का सर्वनिष्ठ या प्रतिच्छेद, समुच्चयों का अंतर, समुच्चयों का सममित अंतर, समुच्चय का पूरक, और समुच्चयों का कार्तीय गुणन, समुच्चय संक्रियाओं में शामिल हैं। अब से, हम सभी समुच्चयों का उल्लेख किसी सार्वत्रिक समुच्चय के उपसमुच्चयों के रूप में करेंगे।
1. समुच्चयों का संघ या सम्मिलन (Union of Sets):
मान लीजिए कि A और B कोई दो समुच्चय हैं। A और B के संघ या सम्मिलन को द्वारा निरूपित किया जाता है, यह उन सभी अवयवों का समुच्चय है, जो A में हैं, या B में है, या A और B दोनों में हैं, अर्थात,
= or
उदाहरण के लिए, मान लीजिए A = {1, 2, 3, 4} और B = {3, 1, 6, 8}, तब,
= {1, 2, 3, 4, 6, 8}.
Note: , में हम A के सभी अवयव और B के सभी अवयव लिखते हैं, लेकिन समुच्चय A और B के उभयनिष्ठ अवयवों (common elements) को केवल एक बार ही लिखते हैं, किसी भी अवयव को दोहराते नहीं है।
2. समुच्चयों का सर्वनिष्ठ या प्रतिच्छेदन (Intersection of Sets):
मान लीजिए कि A और B कोई दो समुच्चय हैं। A और B का सर्वनिष्ठ या प्रतिच्छेदन द्वारा निरूपित किया जाता है, यह A और B के सभी उभयनिष्ठ अवयवों (common elements) का समुच्चय है। दूसरे शब्दों में, A और B का प्रतिच्छेदन उन सभी अवयवों का समुच्चय है जो A और B दोनों में हैं, अर्थात्,
= and
उदाहरण के लिए, मान लीजिए A = {1, 2, 3, 4} और B = {3, 1, 6, 8}, तब,
= {1, 3}.
3. समुच्चयों का अंतर (Difference of Sets):
मान लीजिए कि A और B कोई दो समुच्चय हैं। A और B का अंतर उन सभी अवयवों का समुच्चय है जो समुच्चय A में हैं लेकिन समुच्चय B में नहीं हैं। इसे द्वारा दर्शाते है और ‘ A अंतर B (A माइनस B)’ पढ़ते है। तब,
= and
इसी तरह,
= and
इसलिए,
उदाहरण के लिए, मान लीजिए A = {1, 2, 3, 4} और B = {3, 1, 6, 8}, तब,
= {2, 4}, और = {6, 8}.
4. समुच्चयों का सममित अंतर (Symmetric Difference of Sets):
मान लीजिए कि A और B कोई दो समुच्चय हैं। A और B के सममित अंतर को निम्न प्रकार परिभाषित किया गया है,
उदाहरण के लिए, मान लीजिए A = {1, 2, 3, 4} और B = {3, 1, 6, 8}, तब,
= {2, 4}, and = {6, 8},
और इसलिए,
.
5. समुच्चय का पूरक (Complement of Set):
मान लीजिए कि U सार्वत्रिक समुच्चय है और समुच्चय A, U का उपसमुच्चय है। तब समुच्चय A का पूरक, U के उन सभी अवयवों का समुच्चय है जो A में नहीं हैं। इसे या द्वारा दर्शाया जाता है। अर्थात्,
= = and .
जाहिर है,
= = .
उदाहरण के लिए, मान लीजिए U = {0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9} और A = {1, 2, 3, 4}, तब,
= =
= {0, 5, 6, 7, 8, 9}.
6. समुच्चयों का कार्तीय गुणन (Cross Product or Cartesian product of Set):
माना A और B दो अरिक्त समुच्चय हैं। A और B के कार्तीय गुणन, जिसे द्वारा दर्शाया जाता है, को निम्न प्रकार से परिभाषित किया गया है,
and .
इसी तरह,
and .
समुच्चयों का कार्तीय गुणन सभी संभावित क्रमित युग्म का समुच्चय है जहां पहला घटक समुच्चय A का है और दूसरा घटक समुच्चय B का है।
उदाहरण के लिए, मान लीजिए A = {1, 2} और B = {}, तब,
, और,
.
यदि A और B में से कोई भी रिक्त समुच्चय है, तो उनका कार्तीय गुणन भी रिक्त समुच्चय होता है, अर्थात, यदि या , तब,
.
और पढ़ें:
समुच्चय सिद्धांत की उत्पत्ति और जॉर्ज कैंटर
समुच्चय का परिचय और परिभाषा
समुच्चय का निरूपण
Copyrighted Material © 2019 - 2024 Prinsli.com - All rights reserved
All content on this website is copyrighted. It is prohibited to copy, publish or distribute the content and images of this website through any website, book, newspaper, software, videos, YouTube Channel or any other medium without written permission. You are not authorized to alter, obscure or remove any proprietary information, copyright or logo from this Website in any way. If any of these rules are violated, it will be strongly protested and legal action will be taken.
Be the first to comment