हनुमान जी में कितना बल है : जब जाम्बवान् ने याद दिलाईं हनुमान जी की शक्तियां
‘संसार में कौन सा ऐसा कठिन काम है जो तुमसे न हो सके. तुम युद्ध में किसी अस्त्र-शस्त्र से मारे नहीं जा सकते हो. मृत्यु तुम्हारी इच्छा के अधीन है. जब तुम चाहोगे …’ […]
‘संसार में कौन सा ऐसा कठिन काम है जो तुमसे न हो सके. तुम युद्ध में किसी अस्त्र-शस्त्र से मारे नहीं जा सकते हो. मृत्यु तुम्हारी इच्छा के अधीन है. जब तुम चाहोगे …’ […]
रावण हनुमान जी का उपहास करते हुए कहता है, “बंदरों को अपनी पूँछ से बड़ी ममता होती है. अतः तेल में कपड़ा डुबोकर उसे इसकी पूँछ में बाँधकर आग लगा दो. पूँछ में आग लगाकर इसे … […]
हनुमान जी (Hanuman) की तो सभी मूर्तियां या चित्र शुभ होते हैं. लेकिन संजीवनी के पर्वत को उठाकर लाने वाली उनकी मूर्ति या चित्र को सबसे शुभ माना जाता है. ऐसा क्यों? क्योंकि यह वो समय था, वह कार्य था, जब हनुमान जी ने समय की दिशा पलट दी थी. […]
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