मेहनत या भाग्य : पुरुषार्थ या प्रारब्ध? दोनों में कौन है अधिक बलवान?
रघुनन्दन! पूर्वजन्म के तथा इस जन्म के पुरुषार्थं (कर्म) दो भेड़ों की तरह आपस में लड़ते हैं. उनमें जो भी बलवान् होता है, वही दूसरे को क्षणभर में पछाड़ देता है. इस जन्म में किया गया प्रबल पुरुषार्थ अपने बल से पूर्वजन्म के पौरुष या दैव को नष्ट कर देता है और पूर्वजन्म का प्रबल पौरुष इस जन्म के पुरुषार्थ को अपने बल से दबा देता है. उन दोनों में जो अधिक बलवान् होता है, वही विजयी होता है. […]