आसान भाषा में समझिए- द्वैत, अद्वैत, विशिष्टाद्वैत और द्वैताद्वैत क्या हैं और इनके बीच क्या अंतर है
रामानुजाचार्य (Ramanujacharya) या आचार्य रामानुज का मत विशिष्टाद्वैतवाद कहलाता है. आदि शंकराचार्य ने संसार को माया बताते हुए इसे एक भ्रम या मिथ्या बताया है. लेकिन रामानुजाचार्य के अनुसार, संसार भी ब्रह्म ने ही बनाया है, इसलिए यह भ्रम या मिथ्या नहीं हो सकता. […]