Hampi Karnataka History in Hindi
हम्पी (Hampi) शब्द ‘पम्पा’ (Pampa) नाम से लिया गया है, जो देवी पार्वती जी का एक नाम है और पवित्र तुंगभद्रा नदी (Tungabhadra River) का पुराना नाम भी है. हम्पी मध्यकालीन समृद्धशाली और शक्तिशाली राज्य विजयनगर साम्राज्य (Vijayanagara Empire) की राजधानी थी. तुंगभद्रा नदी के तट पर स्थित यह नगर अब ‘हम्पी’ नाम से ही जाना जाता है. हम्पी यूनेस्को (UNESCO) की विश्व धरोहर स्थल है.
आज हम्पी में भव्य मंदिरों, उत्कृष्ट कलाकृतियों और उनके खंडहर बचे हैं, जिन्हें देखने से साफ पता चलता है कि किसी समय यहां कितनी समृद्धशाली सभ्यता निवास करती थी. हम्पी के खंडहरों में प्रवेश करने वाला कोई भी व्यक्ति विजयनगर राजवंश के साम्राज्य में मौजूद बीते युग की शक्ति, लोकप्रियता और समृद्धि या धन-सम्पदा से अपरिचित नहीं रह सकता. आज हम्पी के नाम से जाने जाने वाले इस स्थान की उत्पत्ति रामायण के युग से हुई है. उस समय यही स्थान किष्किंधा (Kishkindha) नाम से प्रसिद्ध था.
रामचरितमानस सहित अन्य प्राचीन शास्त्रों में हम्पी क्षेत्र (Hampi) को किष्किंधा यानी वानरों का राज्य बताया गया है. कहा जाता है कि हम्पी में स्थित हनुमान मंदिर (Hanuman temple in Hampi) वह गुफा थी जहां भगवान हनुमान, उनकी मां देवी अंजना, केसरी और माता शबरी निवास करते थे. पवित्र तालाब पंपासरोवर में वह गुफा है, जहां वानरों के राजा सुग्रीव (Sugriva) ने अपना घर बनाया था.
रामचरितमानस (Ramcharitmanas) के एक प्रसंग में माता शबरी द्वारा भगवान श्रीराम जी को पम्पा नामक स्थान के बारे में बताने का उल्लेख है.
माता शबरी श्रीराम जी से कहती हैं-
पंपा सरहि जाहु रघुराई। तहँ होइहि सुग्रीव मिताई॥
सो सब कहिहि देव रघुबीरा। जानतहूँ पूछहु मतिधीरा॥6॥
अर्थात- (शबरी ने श्रीराम जी से कहा-) हे रघुनाथजी! आप पंपा नामक सरोवर को जाइए. वहां आपकी मित्रता सुग्रीव से होगी. हे देव! हे रघुवीर! वह सब हाल बतावेंगे. हे धीरबुद्धि! आप सब जानते हैं, फिर भी पूछते हैं!
पम्पा सरोवर (Pampa Sarovar, Hampi)- तुंगभद्रा नदी से दक्षिण में हनुमान मंदिर से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर पहाड़ियों के बीच पम्पा सरोवर (Pampa Sarovar) स्थित है, जहां का पता माता शबरी ने भगवान श्रीराम जी को बताया था. कहा जाता है कि इस स्थान पर भगवान शिव तपस्या कर चुके हैं. इस सरोवर का उल्लेख भागवत पुराण में भी मिलता है. इस सरोवर के आसपास बड़ी संख्या में सुंदर कमल के फूल देखने को मिलते हैं.
कहां है हम्पी (Where is Hampi)- हम्पी भारत के दक्षिणी भाग में कर्नाटक (Karnataka) के मध्य भाग में स्थित है. यह बैंगलोर से लगभग 353 किमी और होसपेट से करीब 13 किमी दूर है. यह ऊबड़-खाबड़ इलाके के ऊपर स्थित है और समुद्र तल से लगभग 467 मीटर ऊपर है. तुंगभद्रा नदी हम्पी से होकर बहती है.
विजयनगर साम्राज्य और राजा कृष्णदेव राय
(Vijayanagara Empire and Krishnadeva Raya)
♦ विजयनगर भारत के सबसे बड़े साम्राज्यों में से एक था. हम्पी विजयनगर साम्राज्य की राजधानी थी और इसलिए इसे विजयनगर के नाम से भी जाना जाता था. इस साम्राज्य के स्थापना हरिहर प्रथम और बुक्का ने 1336 में की थी, जिन्हें संगम बंधुओं के नाम से जाना जाता है. इतिहासकारों के मुताबिक, ये दोनों भाई होयसल सेना में कमांडर थे. श्रृंगेरी मठ के एक संत श्री विद्यारण्य ने उन्हें संरक्षण और समर्थन दिया था. उनका मुख्य उद्देश्य दक्षिण के क्षेत्रों पर मुस्लिम आक्रांताओं के हमलों को विफल करना था.
♦ कृष्णदेवराय (1509-1529) विजयनगर साम्राज्य के सबसे महान और प्रतापी शासक थे. वे तुंगभद्रा नदी के दक्षिण में लगभग सभी प्रायद्वीपीय भारत को नियंत्रित करते थे. उनकी सेना बहुत विशाल थी. राज्य में प्रजा भी सुख से रहती थी. यहां के व्यापारी हीरे, मोती, घोड़े, महीन रेशमी और ब्रोकेड का व्यापार करते थे. महान कवि, सलाहकार और भगवान के भक्त तेनालीरामा (Tenalirama) राजा कृष्णदेवराय के दरबार के अष्टदिग्गजों में से एक थे. स्वयं कृष्णदेवराय भी ‘आंध्रभोज’ के नाम से विख्यात थे.
♦ कृष्णदेव राय (Krishnadevaraya) के शासनकाल के दौरान यह साम्राज्य अपने विकास के चरम पर पहुंचा. विजयनगर वास्तुकला चालुक्य, पांड्या, होयसल और चोल शैलियों का मिश्रण थी. विजयनगर साम्राज्य पूरे भारत में मंदिरों के जीर्णोद्धार/पुनर्निर्माण के साथ भारतीय संस्कृति की पुन: स्थापना, संगीत, कला और साहित्य के समर्थन के लिए भी प्रसिद्ध हुआ. लोगों की देखभाल और उनके कल्याण के मुख्य उद्देश्य के साथ यह साम्राज्य भौतिक रूप से कर्नाटक, आंध्र और महाराष्ट्र तक फैला और स्वर्ण शासन का एक पर्याय बन गया.
♦ कृष्णदेव राय के शासन काल में लगभग सम्पूर्ण दक्षिण भारत (South India) को इस साम्राज्य के अधीन कर लिया गया था. उनकी सेना ने बीजापुर, गोलकुंडा, अहमदनगर, बीदर और बरार के दक्कन सल्तनत के हमलों का मुकाबला किया. साम्राज्य ने उत्तर और पूर्वी क्षेत्रों में दक्कन सल्तनत से क्षेत्रों को फिर से प्राप्त किया. दुख की बात ये रही कि कृष्णदेव राय की मृत्यु के बाद साम्राज्य की समृद्धि कम होने लगी.
♦ कृष्णदेवराय की मृत्यु के साथ कमजोर शासन के चलते पांच मुस्लिम राज्यों- बीदर, बीजापुर, गोलकुंडा, अहमदनगर और बरार की संयुक्त सेनाओं ने 1565 में इस शक्तिशाली साम्राज्य को लूटकर नष्ट कर दिया. सल्तनत आक्रमणकारियों ने बर्बर नरसंहार के बीच इस समृद्धशाली राज्य को लूटकर खंडहर में बदल दिया.
♦ आज हम्पी क्षेत्र विजयनगर के तत्कालीन मध्ययुगीन साम्राज्य से संबंधित अपने खंडहरों के लिए प्रसिद्ध है. इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है. यहां के मंदिर, अखंड मूर्तियां और स्मारक हम्पी पर्यटन का एक प्रमुख हिस्सा हैं और अपनी उत्कृष्ट कारीगरी के कारण यात्रियों को आकर्षित करते हैं. हम्पी में पाई जाने वाली हिंदू शैली की वास्तुकला विजयनगर साम्राज्य की भव्यता को दर्शाती है. हम्पी में हर चट्टान, हर पथ और हर स्मारक एक ही भाषा बोलते हैं- महिमा और सुंदरता की भाषा.
♦ ‘हम्पी के खंडहर’ या ‘हम्पी परिसर’ में कई धार्मिक इमारतें हैं. परिसर के अंदर के महत्वपूर्ण मंदिर, जो महान साम्राज्य की आध्यात्मिकता का अनुभव कराते हैं, वे हैं- विरुपाक्ष मंदिर, विट्ठल मंदिर, रामचंद्र मंदिर, भूमिगत शिव मंदिर, कोडंदरामा मंदिर, कृष्ण मंदिर और चंद्रमौलेश्वर मंदिर, अच्युतराय मंदिर, अंजयनाद्री पहाड़ी आदि.
हम्पी जाकर क्या-क्या जरूर देखें-
पूरा हम्पी क्षेत्र मंदिरों, उत्कृष्ट कलाकृतियों और उनके खंडहरों के साथ-साथ आश्चर्यों से भरा पड़ा है. इसलिए यहां देखने और आश्चर्यचकित होने के लिए बहुत कुछ है, जैसे-
विरुपाक्ष मंदिर (Virupaksha Temple)- पवित्र विरुपाक्ष मंदिर हम्पी में 7वीं शताब्दी का शिव मंदिर है. यह मंदिर विजयनगर साम्राज्य की महानता और भव्यता के प्रतीक के रूप में केंद्र में खड़ा है. इस मंदिर के शिवलिंग को 64 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है. इस शिवलिंग को ‘स्वयंभू’ (स्वयं प्रकट होने वाले) माना जाता है. विरुपाक्ष मंदिर विजयनगर क्षेत्र से संबंधित आज भी पूरी तरह से कार्यरत मंदिर है.
जानिए- विरुपाक्ष मंदिर के बारे में विस्तार से
विट्ठल मंदिर (Vitthal Temple, Hampi)- यह मंदिर हम्पी के सबसे लोकप्रिय आकर्षणों में से एक है. इसे 16वीं शताब्दी में बनाया गया था. यह मंदिर अपने संगीतमय पत्थरों के रथ और खंभों के लिए प्रसिद्ध है. मंदिर की वास्तुकला बेहद जटिल और अपने आप में अद्भुत है. यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण के एक रूप भगवान विट्ठल को समर्पित है. विट्ठल मंदिर के खंडहरों में से पत्थरों के रथ (Stone Chariot, Hampi) को भारत के तीन बेहतरीन रथों में से एक माना जाता है, अन्य दो कोणार्क और महाबलीपुरम में हैं.
पहले इस रथ के पहियों को घुमाया जा सकता था, लेकिन पर्यटकों से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए सरकार ने पहियों को मजबूत कर दिया है. इस मंदिर का एक और आश्चर्य मंदिर के 56 संगीतमय स्तंभ हैं, जिन्हें ‘सारेगामा स्तंभ’ भी कहा जाता है. हर एक स्तंभ एक तरह का संगीत निकलता है. मुख्य मंडपम की छत के स्तंभ के चारों ओर सात स्तंभ हैं. इन पर पत्थरों से बजाने पर संगीत के 7 स्वर निकलते हैं.
चकरा तीर्थ (Chakratirtha)- तुंगभद्रा नदी में एक पवित्र तीर्थ चकरा तीर्थ या चक्रतीर्थ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने के लिए एक पवित्र स्थान है. ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव ने उसी स्थान पर भगवान विष्णु को चक्र प्रदान किया था.
चंद्रमौलेश्वर मंदिर (Chandramouleshwara Temple)- भगवान शिव को समर्पित जटिल नक्काशीदार चंद्रमौलेश्वर मंदिर 900 साल पुराना मंदिर है और हम्पी के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है.
बदावी शिवलिंग (Badavi Shivling, Hampi)- यह हम्पी के खंडहरों में सबसे बड़ा शिवलिंग है. यह शिवलिंग एक कक्ष के अंदर स्थित है और गर्भगृह हमेशा पानी से भरा रहता है. इस शिवलिंग पर तीन आंखें खुदी हुई हैं जो भगवान शिव की तीन आंखों का प्रतिनिधित्व करती हैं.
अच्युतराय मंदिर (Achyutaraya Temple)- वास्तुकला का चमत्कार कहा जाने वाला यह मंदिर भगवान विष्णु जी के एक रूप भगवान तिरुवेंगलनाथ को समर्पित है.
कोडंदरामा मंदिर (Kodandarama Temple)- विरुपाक्ष मंदिर के पास यह वह स्थान है, जहां भगवान श्रीराम जी ने सुग्रीव का राजतिलक किया था.
अंजयनाद्री पहाड़ी (Anjanadri hill, Hampi)- भगवान हनुमान जी को समर्पित यह मंदिर हम्पी से करीब 5 किमी की दूरी पर एक पहाड़ी के ऊपर स्थित है. कहा जाता है कि यहां हनुमान जी का जन्म हुआ था. इसलिए यह मंदिर देश में महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है.
हेमकुटा पहाड़ी (Hemakuta Hill)- यह विरुपाक्ष मंदिर के दक्षिण में स्थित है और इसमें प्राचीन खंडहर, जैन मंदिर और भगवान नरसिंह की एक अखंड मूर्ति है, जो भगवान विष्णु जी का एक रूप है. हेमकुटा पहाड़ी हम्पी बाजार का उत्कृष्ट दृश्य प्रस्तुत करती है.
लोटस महल (Lotus Mahal, Hampi)- यह महारानी का एयर-कूल्ड समर पैलेस था. यह महल एक दीवार वाले परिसर के भीतर एक जटिल रूप से डिजाइन किया गया मंडप है. इसका नाम इसके गुंबद और उसकी छत पर खुदी हुई कमल की कली से मिलता है.
विजय का घर (House of Victory)- यह तब बनाया गया था जब कृष्णदेव राय उड़ीसा के राजा के खिलाफ अपने विजयी अभियान से वापस आए थे. यहां प्लिंथ-मोल्डिंग की पंक्तियों के बीच के स्थान बहुत बड़े और सुरुचिपूर्ण ढंग से उकेरे गए हैं. विजयनगर के राजा इसमें रखे एक भव्य सिंहासन पर बैठते थे और नौ दिनों के दशहरा उत्सव के साक्षी बनते थे.
‘हाउस ऑफ विक्ट्री’ से पश्चिम की ओर का रास्ता हजारा रामास्वामी मंदिर की ओर जाता है. कहा जाता है कि यह मंदिर शाही परिवार का निजी पूजा स्थल रहा है. मंदिर का मुख्य आकर्षण मंडप की आंतरिक दीवारों में से दो पर उकेरी गई रामायण के दृश्यों की श्रृंखला है.
राजा का संतुलन (King’s Balance)- किंग्स बैलेंस में राजाओं को अनाज, सोने या मुद्राओं से तौला जाता था, जिसे बाद में गरीबों को बांट दिया जाता था. रानी का स्नान,
क्वीन्स बाथ (Queens Bath)- क्वीन्स बाथ एक स्विमिंग पूल है, जिसका इस्तेमाल विजयनगर की रानी द्वारा किया जाता था. यह 50 फीट लंबा और 6 फीट गहरा है. इसमें लगे छज्जे और कमल के आकार के फव्वारे सुगंधित पानी का स्रोत थे.
पुरातत्व संग्रहालय (Archaeological Museum)- कमलापुरम के इस संग्रहालय में विजयनगर साम्राज्य से संबंधित मूर्तियों का अच्छा संग्रह है.
बादामी गुफा मंदिर (Badami Cave Temple, Hampi)- हम्पी से 100 किमी दूर मालाप्रभा नदी के तट पर बादामी के पांच विश्व प्रसिद्ध गुफा मंदिर स्थित हैं. गुफा 1, 2 और 3 भगवान शिव और भगवान विष्णु को समर्पित हैं. चालुक्य शैली को दर्शाते सुंदर गुफा मंदिरों का यह ऐतिहासिक समूह 578 ईस्वी पूर्व का है और उल्लेखनीय वास्तुकला प्रदर्शित करते हैं. ये मंदिर दुनिया के सबसे पुराने ज्ञात मंदिरों में से हैं.
हम्पी कैसे पहुंचें (How to reach Hampi)-
हम्पी बेंगलुरु से करीब 350 किलोमीटर दूर है और यहां सड़क, रेल या हवाई मार्ग से पहुंचा जा सकता है. होसपेट निकटतम रेलवे स्टेशन है, जो कि हम्पी से लगभग 13 किलोमीटर दूर है. हम्पी पहुंचने के लिए बेंगलुरु से कई बसें उपलब्ध हैं. विद्यानगर हवाई अड्डा (VDY) निकटतम हवाई अड्डा (हम्पी से 40 किलोमीटर) है और यहां बेंगलुरु और हैदराबाद से डेली फ्लाइट्स हैं.
हम्पी में किराए पर ली गई टैक्सी या बाइक या साइकिल से विजया विट्ठल मंदिर तक पहुंचा जा सकता है. चुनिंदा आकर्षणों के लिए इलेक्ट्रिक गाड़ियां उपलब्ध हैं. हम्पी और आसपास के होसापेट शहर में सभी बजटों के अनुकूल आवास विकल्प हैं. हम्पी शहर हाल ही में एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण बन रहा है. इसलिए, इन विश्व प्रसिद्ध खंडहरों के आसपास बहुत सारे रेस्टोरेंट्स खोले जा चुके हैं.
कब जाएं हम्पी– हम्पी घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च है, क्योंकि गर्मियों के दौरान यहां का मौसम काफी गर्म हो जाता है. इसलिए यात्रा के लिए हल्के, हवादार सूती कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है.
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