Volcano in Hindi Details
हाल ही में इंडोनेशिया में स्थित माउंट सेमरू ज्वालामुखी (Semeru Volcano) में विस्फोट हो गया, जिसमें कम-से-कम 14 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए. इससे पहले इस ज्वालामुखी में दिसंबर 2020 में विस्फोट हुआ था. माउंट सेमरू ज्वालामुखी को ‘द ग्रेट माउंटेन’ के नाम से भी जाना जाता है. यह जावा का सबसे ऊंचा ज्वालामुखी पर्वत है, साथ ही दुनिया के सबसे सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है. दुनिया के सबसे ज्यादा सक्रिय ज्वालामुखी (Active Volcanoes) इंडोनेशिया में पाए जाते हैं.
ज्वालामुखी क्या है (What is Volcano)– जैसा कि नाम से ही पता चलता है, ज्वालामुखी (जिस मुख से ज्वाला निकलती हो) का मतलब धरती के उस प्राकृतिक छेद या दरार या ऐसे पर्वत से होता है, जिसके जरिए पृथ्वी के आंतरिक भागों में स्थित गर्म और तरल पदार्थ, जिसे हम लावा या मैग्मा कहते हैं, बाहर निकल आता है. लावा के अलावा इस छेद से बड़ी मात्रा में गैस, राख, जल, शैलखंड आदि भी बाहर आ जाते हैं.
ठंडा हो जाने पर यही लावा जमकर ठोस चट्टान (आग्नेय चट्टानें) या मैदान बन जाता है. भारत का दक्कन का पठार (प्रायद्वीपीय पठार) ज्वालामुखी के लावा से ही बना है, जहां कपास की खेती अच्छी होती है. इसीलिए यहां की मिट्टी को ‘लावा मिट्टी’ भी कहा जाता है.
ज्वालामुखी विस्फोट क्यों होता है?
(Why do volcanic eruptions happen)
हम जानते हैं कि धरती के अंदर बहुत गर्मी है. इतनी गर्मी कि वहां पाए जाने वाले सभी पदार्थ जैसे चट्टानें आदि ठोस अवस्था (Solid state) में नहीं, बल्कि पिघलकर तरल अवस्था (Liquid state) में होते हैं, जिससे उनका आयतन (Volume) भी बढ़ता रहता है. धरती के अंदर हलचल होने से पड़ने वाले दबाव या भाप और गैसों के दबाव से ये तरल चट्टानें इस तरह बाहर निकलने की कोशिश करती हैं, कि अपने ऊपर की बड़ी चट्टानों की परत को भी भेदकर पृथ्वी की ऊपरी सतह तक एक छेद या दरार बना देती हैं.
इसी छेद या मुख से धरती के अंदर का तरल पदार्थ, जो लगातार बाहर निकलने की कोशिश करता रहता है, विस्फोट के साथ बाहर निकल आता है, जिसे ही ज्वालामुखी विस्फोट कहा जाता है… और जिस छेद या मुख से ये तरल पदार्थ या लावा बाहर निकल आता है, उसे विवर या क्रेटर (Crater) कहा जाता है. अगर इस मुख का आकार ज्यादा बड़ा होता है तो इसे काल्डेरा (Caldera) कहते हैं.
नोट- जब तरल पदार्थ पृथ्वी के अंदर होता है तब उसे मैग्मा कहा जाता है और जब वही मैग्मा ज्वालामुखी विस्फोट के साथ पृथ्वी के बाहर आ जाता है, तब उसे लावा कहते हैं.
ज्वालामुखी कहां पाए जाते हैं?
(Where are volcanoes found)
ज्वालामुखी ज्यादातर ऐसे क्षेत्रों में पाए जाते हैं, जहां भूपटल (Crust) कमजोर होता है. ज्वालामुखी केवल धरती पर ही नहीं, समुद्र में भी होते हैं. जब समुद्री ज्वालामुखी का विस्फोट होता है, तो समुद्र में भयंकर लहरें उठती हैं. वैसे, दुनिया के ज्यादातर ज्वालामुखी समुद्र तटों के पास मौजूद हैं, जो जल और ज्वालामुखी के बीच कोई संबंध होने की तरफ इशारा करते हैं.
सबसे ज्यादा ज्वालामुखी क्रियाएं प्रशांत महासागर के तट पर होती हैं, जिस कारण इस क्षेत्र को अग्नि वलय (Ring of Fire) भी कहा जाता है. ‘रिंग ऑफ फायर‘ की लंबाई लगभग 40,000 किलोमीटर है. पृथ्वी के 75 प्रतिशत यानी 450 से भी ज्यादा ज्वालामुखी ‘रिंग ऑफ फायर’ के किनारे ही मौजूद हैं. पृथ्वी के 90 प्रतिशत भूकंप इसके क्षेत्र में आते हैं.
अलग-अलग ज्वालामुखी से अलग-अलग तरह से निकलता है लावा
ये जरूरी नहीं कि ज्वालामुखी से लावा हमेशा विस्फोट के साथ ही बाहर निकले. किसी-किसी ज्वालामुखी से बड़ी शांति से लावा बाहर निकलता है. ऐसा लावा पतला होता है और उसके निकलते समय गैसों की मात्रा भी कम होती है. जैसे हवाई द्वीप का किलाविया ज्वालामुखी. इसी तरह, किसी-किसी ज्वालामुखी से रुक-रुककर गैसें निकलती रहती हैं और विस्फोट कम ही होते हैं, जैसे- लिपारी द्वीप का स्ट्राम्बोली ज्वालामुखी.
वहीं, जिस ज्वालामुखी से बड़े विस्फोट के साथ और तेजी से लावा बाहर निकलता है, वह लावा गाढ़ा होता है, साथ ही गैसें भी ज्यादा मात्रा में बाहर निकलती हैं. जैसे लिपारी द्वीप पर स्थित वल्कैनो ज्वालामुखी.
किसी-किसी ज्वालामुखी से तो बड़ी मात्रा में गैसों के साथ भयंकर विस्फोट और बड़ी तेज आवाज के साथ लावा बाहर निकलता है… और पदार्थ बड़ी ऊंचाई तक उछलकर दूर-दूर तक जा गिरते हैं और आकाश में फूलगोभी की तरह बादल छा जाते हैं. ऐसे ज्वालामुखी बड़ा विनाश करते हैं, जैसे- इटली का माउंट विसुवियस ज्वालामुखी और सुमात्रा द्वीप के पास स्थित क्राकाटोआ ज्वालामुखी.
बड़ा धोखा देते हैं ये ज्वालामुखी, अचानक ही फट पड़ते हैं
इटली का माउंट विसुवियस और जापान का फ्यूजीयामा ज्वालामुखी ऐसे ज्वालामुखी हैं, जिनमें विस्फोट के बाद ऐसी शांति छा जाती है, कि लगता है कि अब इनमें विस्फोट कभी नहीं होगा और ये हमेशा के लिए शांत हो चुके हैं. ये सोचकर लोगों की आबादी उपजाऊ जमीन के लालच में इनके पास बसने लगती है, लेकिन फिर किसी दिन अचानक ही इनमें बड़ी तेजी के साथ विस्फोट हो जाता है, जिससे बड़ा विनाश होता है. ऐसे ज्वालामुखी को प्रसुप्त ज्वालामुखी (Dormant volcano) कहा जाता है, यानी जो कुछ समय के लिए सो जाते हैं और फिर अचानक जाग जाते हैं.
कुछ ज्वालामुखी हमेशा ही फटते रहते हैं
दुनिया के कुछ ज्वालामुखी में हमेशा ही विस्फोट होता रहता है और उनसे लावा, गैसें, तरल पदार्थ आदि निकलते ही रहते हैं. ऐसे ज्वालामुखी को सक्रिय या जाग्रत ज्वालामुखी (Active volcano) कहते हैं. जैसे- लिपारी द्वीप का स्ट्राम्बोली ज्वालामुखी (Stromboli volcano), जो लगभग हर 15 मिनट बाद फटता है. इसमें से रुक-रुककर लावा और गैसें निकलते रहते हैं. इसी कारण इससे हमेशा रोशनी भी निकलती रहती है और इसी से इसे भूमध्यसागर का ‘प्रकाश का मीनार’ (Tower of Light) भी कहा जाता है.
दुनिया के प्रमुख एक्टिव ज्वालामुखी-
इक्वाडोर में एंडीज पर्वत पर स्थित कोटोपैक्सी ज्वालामुखी (Cotopaxi Volcano) दुनिया का सबसे ऊंचा (5,897 मीटर) एक्टिव ज्वालामुखी है. वहीं, दक्षिणपूर्व एशिया के फिलिपीन्ज देश के लूजोन द्वीप पर स्थित माउंट ताल संसार का सबसे छोटा एक्टिव ज्वालामुखी है. इनके आलावा, हवाई द्वीप पर स्थित मोनालोआ और इटली के सिसली में स्थित एटना ज्वालामुखी भी एक्टिव ज्वालामुखी हैं. भारत का एकमात्र एक्टिव ज्वालामुखी अंडमान निकोबार में स्थित बैरन ज्वालामुखी (Barren volcano) है.
कुछ ज्वालामुखी हमेशा के लिए शांत हो चुके हैं
कुछ ज्वालामुखी हमेशा के लिए शांत हो चुके हैं. इतने शांत कि अब उनके मुख या छेद में बारिश का पानी भी भर चुका है और अब वे ज्वालामुखी न रहकर झील बन चुके हैं (ऐसी झीलों को क्रेटर झील या काल्डेरा झील कहते हैं). उन्हें देखकर फिलहाल तो यही लगता है कि अब उनमें भविष्य में भी कभी कोई विस्फोट नहीं होगा. हालांकि, इनमें ज्वालामुखी की सभी विशेषताएं मौजूद रहती हैं, इसलिए इन्हें शांत ज्वालामुखी या विलुप्त ज्वालामुखी या मृत ज्वालामुखी कहा जाता है.
जैसे- ईरान का कोह सुल्तान और डेमबंद ज्वालामुखी, म्यांमार का पोपा ज्वालामुखी शांत ज्वालामुखी हैं. अफ्रीका का सबसे ऊंचा पर्वत किलिमंजारो (Kilimanjaro) भी एक शांत ज्वालामुखी है. यह दुनिया का सबसे ऊंचा ज्वालामुखी पर्वत है. [किलिमंजारो दुनिया में सबसे लंबा मुक्त-खड़ा पहाड़ है. यह अफ्रीका का सबसे ऊंचा (5,895 मीटर) और सात शिखरों में चौथा सबसे ऊंचा पर्वत है.]
ज्वालामुखी विस्फोट का क्या-क्या होता है असर?
ज्वालामुखी विस्फोट जब अचानक तेजी के साथ होता है, तो आसपास के क्षेत्रों में मानव जीवन और संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचता है.
ज्वालामुखी विस्फोट से तेजी से आगे बढ़ते हुए बेहद गर्म लावा से आसपास के जंगलों, खेती की जमीनें और रहने वाले लोगों को भारी नुकसान पहुंचता है और एक बड़ा विनाश हो जाता है.
बड़ी मात्रा में निकले धूल, राख, धुंआ और जहरीली गैसों से आसपास के क्षेत्रों में स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा हो जाता है. इन गैसों से आसपास के क्षेत्रों में अम्लीय वर्षा (Acid Rain) भी होती है.
ज्वालामुखी विस्फोट से सुनामी जैसी भयंकर समुद्री लहरें या तूफान भी पैदा होते हैं, जो आसपास के तटीय क्षेत्रों (coastal areas) को नुकसान पहुंचाते हैं.
ज्वालामुखी विस्फोट से केवल नुकसान ही नहीं, कुछ फायदे भी होते हैं जैसे-
ज्वालामुखी विस्फोट से निकले लावा से आसपास की मिट्टी बहुत उपजाऊ हो जाती है, साथ ही कई कीमती पत्थरों का भी निर्माण होता है.
ज्वालामुखी विस्फोट से धरती के अंदर की कीमती चट्टानें और पत्थर लावा के साथ बाहर निकल आते हैं. ठंडे हो जाने के बाद इनसे कीमती धातु और खनिज पदार्थों का भंडार मिलता है.
ज्वालामुखी क्रिया से गेसर (ज्वालामुखी क्षेत्रों में गर्म पानी के स्रोत) और धुआंरों (पृथ्वी की सतह पर एक छिद्र, जिसके सहारे गैसें और वाष्प निकलते रहते हैं) का भी निर्माण हो जाता है, जो कि पर्यटन को बढ़ावा देते हैं, साथ ही इनमें कई ऐसे खनिज पदार्थ और औषधि पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माने जाते हैं.
नोट- दुनिया का सबसे ऊंचा धुआंरा या वाष्पमुख क्षेत्र अलास्का (USA) का कटमई ज्वालामुखी क्षेत्र है. इसे ‘दस हजार धूम्रों की घाटी’ भी कहा जाता है.
Read Also : सामान्य ज्ञान, रोचक तथ्य और जानकारियां
Tags : jwalamukhi ke bare mein, jwalamukhi kahan per hai, jwalamukhi kise kahate hain, jwalamukhi kaise banta hai in hindi, jwalamukhi ke prabhav, jwalamukhi kahan sthit hai, jwalamukhi ka chitra, bharat ke jwalamukhi parvat, volcano in india, Volcano definition geography, volcano formation upsc, volcano types and examples, volcano in hindi details
Copyrighted Material © 2019 - 2024 Prinsli.com - All rights reserved
All content on this website is copyrighted. It is prohibited to copy, publish or distribute the content and images of this website through any website, book, newspaper, software, videos, YouTube Channel or any other medium without written permission. You are not authorized to alter, obscure or remove any proprietary information, copyright or logo from this Website in any way. If any of these rules are violated, it will be strongly protested and legal action will be taken.
Hello Owner, I am Vishal Heer. I am a content writer. From last 5 years I am working as a content writer so I have good experience in it. I can write Hindi content. I will write you a more accurate article without error. Great articles will be made available to you by us. If you are looking for a content writer then your search is over.
Please read carefully the article criteria on https://prinsli.com/contact/