वायुदाब क्या है (What is Air Pressure)-
♦ पृथ्वी पर वायु द्वारा लगने वाले दाब को वायुदाब (Air Pressure) या वायुमंडलीय दाब (Atmospheric Pressure) कहा जाता है. आसान शब्दों में कहें तो किसी भी क्षेत्र में वायु की मात्रा का बढ़ जाना वायुदाब को बढ़ाता है और वायु की मात्रा का घट जाना वायुदाब को कम करता है.
♦ वायुदाब को बैरोमीटर (Barometer) से मापते हैं. पृथ्वी का औसत वायुदाब 76 सेमी है.
♦ अगर किसी क्षेत्र में बैरोमीटर का पैमाना 76 सेमी से ऊपर जाए, तो यह साफ मौसम का संकेत होता है. अगर बैरोमीटर का पैमाना धीरे-धीरे 76 सेमी से नीचे जाए, तो यह उस क्षेत्र में बारिश की संभावना को दर्शाता है. और अगर बैरोमीटर का पैमाना तेजी से 76 सेमी से नीचे जाए, तो यह आंधी-तूफान की संभावना का संकेत होता है.
♦ पृथ्वी तल से हजारों किमी तक फैला वायुमंडल दो मुख्य कारणों से पृथ्वी तल पर दाब या दबाव उत्पन्न करता है-
• पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण
• अलग-अलग गैसों के स्वयं के अपने भार से दाब
♦ वायुदाब पर वायु के घनत्व, तापमान, पृथ्वी की घूर्णन गति, जलवायु की मात्रा, और गुरुत्वाकर्षण शक्ति का प्रभाव पड़ता है.
♦ वायुदाब मौसम परिवर्तन का बहुत महत्वपूर्ण कारक है. तापान्तर के कारण वायुदाब में अंतर आ जाता है.
♦ वायु गर्म होने पर फैलती है और ठंडी होने पर सिकुड़ती है. इससे वायुदाब में अंतर आ जाता है.
♦ अलग-अलग स्थानों के वायुदाब में अंतर से वायु में गति आ जाती है. क्षैतिज (Horizontally) रूप से गतिशील वायु (Air) को ‘पवन’ (Wind) कहते हैं और ऊर्ध्वाधर रूप से गतिशील वायु को ‘वायुधारा’ कहा जाता है.
♦ पवन हमेशा उच्च दाब से निम्न दाब की ओर चलती है.
♦ पवन अपने साथ ऊष्मा कर आर्द्रता को एक स्थान से दूसरे स्थान पर शिफ्ट करती रहती है.
♦ वायुदाब यह भी निर्धारित करता है कि कब वायु ऊपर उठेगी और कब नीचे बैठेगी.
♦ ऊपर उठती हुई नम हवा का तापमान कम होता जाता है, जिससे बादल बनते हैं और वर्षा होती है.
♦ पवनें पृथ्वी पर तापमान और आर्द्रता को इधर-से उधर करती रहती हैं, जिससे पूरी पृथ्वी का तापमान स्थिर बना रहता है.
♦ तापमान और वायुदाब में विपरीत संबंध होता है. जब तापमान अधिक होता है तो वायुदाब कम होता है, और जब तापमान कम होता है तो वायुदाब ज्यादा होता है.
♦ पृथ्वी तल के नजदीक वायुदाब सबसे ज्यादा होता है. पृथ्वी तल से जितना ऊपर की ओर जाते हैं, यह दाब कम होता जाता है. लेकिन ऊँचाई के साथ वायुदाब के घटने की दर सब जगह एक समान नहीं होती है.
♦ आमतौर पर हर 10 मीटर की ऊँचाई पर 1 मिलीबार वायुदाब कम हो जाता है.
♦ अत्यधिक ऊँचाई पर वायुदाब की कमी और ऑक्सीजन की कमी के कारण सांस लेने में कठिनाई होने लगती है, नाक से खून बहने लगता है.
♦ वायुदाब की कमी से जल का क्वथनांक बिंदु (उबलने तक का बिंदु या मात्रा) भी कम हो जाता है, जिसके कारण पहाड़ों पर मैदानों की अपेक्षा खाना पकने में ज्यादा समय लगता है.
♦ वायुदाब की इकाई ‘मिली बार’ कहलाती है. समुद्र तल पर औसत वायुदाब 1013.25 मिलीबार या 14.7 पाउंड प्रति वर्ग इंच है.
♦ गुरुत्वाकर्षण के कारण धरातल के निकट वायु सघन होती है, जिस कारण धरातल पर वायुदाब ज्यादा होता है.
देखें –
• वायुदाब की पेटियां (Air Pressure Belts)
• चक्रवात क्या हैं और ये कैसे बनते हैं?
• पवन कैसे और क्यों चलती है?
• पृथ्वी के वायुमंडल की परतें
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