जनसंख्या और जीवनांक दरों का परिकलन या गणना (Calculation of Population and Vital Rates in Hindi)
♦ जनसंख्या का निर्धारण (Determination of population) –
एक निश्चित समय पर किसी देश की जनसंख्या का आकार जानने के लिए अथवा दो जनगणनाओं के बीच किसी वर्ष के लिए कुल जनसंख्या का आगणन करने (अनुमान लगाने) हेतु यद्यपि अनेक विधियाँ अपनाई जाती है लेकिन इस सम्बन्ध में निम्न विधि अधिक प्रचलित है –
Pt = P0 + ( B – D) + (I – E)
जहाँ,
Pt = निश्चित समय बिंदु पर कुल जनसंख्या
P0 = पिछली तिथि अथवा जनगणना के समय कुल जनसंख्या
B = उस अवधि में जन्म की कुल संख्या
D = उस अवधि में मृत्यु की कुल संख्या
I = देशांतरवास अर्थात आप्रवास किये लोगों (immigrants) की कुल संख्या
E =परदेशगमन अर्थात उत्प्रवास करने वालों (emigrants) की कुल संख्या
इस प्रकार, व्यापक अर्थ में, एक व्यक्ति के (i) जीवन में प्रवेश (पदार्पण) यानी जन्म, (ii) जीवन से प्रस्थान यानी मृत्यु, और (iii) उसकी नागरिक स्थिति में होने वाले परिवर्तन से सम्बंधित सभी घटनायें मिलकर जनसंख्या की वृद्धि या कमी का संकेत देती हैं, और इन घटनाओं को जीवन – घटनायें (vital events) कहते हैं। लेकिन व्यवहार में, जनसंख्या के आकलन (आगणन) के लिए केवल जन्म और मृत्यु ही, दो प्रमुख जीवन – घटनायें मानी जाती हैं।
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♦ जीवनांक – दर (Vital Statistical Rate)
जॉर्ज बार्कले के अनुसार, “जनसंख्या में घटित होने वाली विशिष्ट या महत्वपूर्ण जीवन – घटनाओं की आवृत्ति को ‘जीवन – समंक दर (vital statistics rate)’ या प्रायः इसे ‘जीवनांक – दर (vital rate)’ कहते हैं।”
दूसरे शब्दों में, “जनसंख्या में घटित होने वाली विशिष्ट जीवन – घटनाओं की आवृत्ति ‘जीवन – समंक दर’ से मापी जाती है, जिसे अक्सर केवल ‘जीवनांक – दर’ कहते हैं।”
According to George Barclay, “The frequency of vital events in a population is measured by a vital statistics rate, often called simply a vital rate.”
जीवनांक – दरों को अधिकतर प्रति हजार के रूप में व्यक्त किया जाता है ताकि तुलना करने में सुविधा बनी रहे। ध्यान रहे, जीवनांक दरें सदैव एक निश्चित स्थान और निश्चित समय के आधार पर संगणित की जाती हैं और इनकी गणना के लिए जीवन – घटना से सम्बंधित निरपेक्ष अंकों को, आधार संख्या अर्थात स्थान विशेष की जनसंख्या से विभाजित कर दिया जाता है।
सूत्रानुसार –
जीवनांक – दर = (जीवनांक घटना के प्रकरणों की संख्या)/(घटना की जोखिम से प्रभावित कुल जनसंख्या)
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