Why do Stars Twinkle : आकाश में तारे क्यों टिमटिमाते हैं जबकि ग्रह नहीं?

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Why do Stars Twinkle

हम सभी को रात के साफ आकाश में तारों को निहारना, उन्हें टिमटिमाते हुए देखना पसंद है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि तारे टिमटिमाते क्यों हैं? दरअसल, तारे नहीं टिमटिमाते, वे पृथ्वी की सतह से देखने पर ही टिमटिमाते हुए दिखाई देते हैं. पृथ्वी के वायुमंडल के प्रभाव के कारण रात के आकाश में तारे टिमटिमाते हुए प्रतीत होते हैं.

जब तारों का प्रकाश वायुमंडल में प्रवेश करता है, तो यह वायुमंडल और अलग-अलग तापमान तथा घनत्व वाले क्षेत्रों में चलने वाली हवाओं से प्रभावित होता है. इससे तारों की रोशनी धरती से देखने पर चमकती हुई दिखाई देती है.

तारे क्यों टिमटिमाते हैं (Why do stars twinkle)?

जब प्रकाश की किरण एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाती है तो वह ‘मुड़’ जाती है. इसे प्रकाश का अपवर्तन (Refraction of Light) कहा जाता है. जब प्रकाश की किरण विरल माध्यम से सघन माध्यम में (Rare medium to Dense medium) जाती है, तो यह अभिलम्ब की ओर झुक जाती है. और जब प्रकाश की किरण सघन माध्यम से विरल माध्यम में (Dense medium to Rarer medium) जाती है, तो यह अभिलम्ब से दूर झुक जाती है.

यह तो हम जानते ही हैं कि प्रकाश की गति अलग-अलग माध्यम में अलग-अलग होती है. प्रकाश की गति निर्वात या खाली स्थान (Vacuum) में सबसे अधिक होती है. यह एक तुलना का विषय है कि कोई माध्यम सघन है या विरल. जैसे पानी की तुलना में हवा अधिक विरल माध्यम है, तो वहीं कांच की तुलना में पानी अधिक विरल माध्यम है.

तो अपवर्तन और टिमटिमाना आपस में कैसे जुड़े हुए हैं?

हम जानते हैं कि पृथ्वी का वायुमंडल (Earth’s Atmosphere) कई परतों से मिलकर बना है. यह हवाओं, अलग-अलग तापमान और अलग-अलग घनत्व से भी प्रभावित होता है. तो जब किसी दूर के स्रोत (जैसे तारे) से प्रकाश हमारे वायुमंडल से गुजरता है, तो यह कई बार अपवर्तन से गुजरता है, यानी हमारे वायुमंडल में आकर प्रकाश की किरण बार-बार मुड़ती है. प्रकाश का कुछ भाग हम तक सीधे पहुंचता है और कुछ हमसे दूर और हमारी ओर झुक जाता है. इससे हमारी आंखों को तारा टिमटिमाता हुआ प्रतीत होता है. यह सब इतनी तेजी से घटित होता है कि झिलमिलाहट जैसा प्रभाव देता है.

यदि आप अंतरिक्ष में ही खड़े होकर तारों को देखेंगे तो आपको तारे टिमटिमाते हुए नहीं दिखाई देंगे, बल्कि किसी बल्ब की तरह सीधे ही चमकते हुए दिखाई देंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि वहां तारों के प्रकाश की निरंतर धारा को बाधित करने के लिए कोई वातावरण नहीं है.

यदि आप एक ऐसे बड़े खाली मैदान में खड़े हो जाएं जहां से आपको क्षितिज (Horizon यानी वह स्थान जहाँ पृथ्वी और आकाश मिलते हुए दिखाई देते हैं) भी दिखाई दे रहा हो, तो आप देखेंगे कि इस क्षेत्र में (क्षितिज में) तारे, आपके ठीक ऊपर के तारों की तुलना में कहीं अधिक टिमटिमाते प्रतीत हो रहे हैं. ऐसा क्यों होता है? ऐसा इसलिए है क्योंकि इस दिशा में (क्षितिज में) आपके और तारों के बीच वायुमंडल की अधिक परतें होती हैं, इसलिए यहाँ अपवर्तन अधिक होता है.

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ग्रह क्यों नहीं टिमटिमाते हैं (Why don’t the planets twinkle)?

कई वायुमंडलीय कारकों के कारण ग्रह (Planets) आमतौर पर नहीं टिमटिमाते हैं, या तकनीकी रूप से ग्रह टिमटिमाते तो हैं लेकिन उस तरह से नहीं कि हम अपनी नग्न आंखों से देख सकें. तो पहली बात कि तारों के विपरीत ग्रहों का स्वयं का कोई प्रकाश नहीं होता, बल्कि वे हमारे सूर्य से पड़ने वाले प्रकाश के कारण चमकते हैं, जैसे कि हमारा चन्द्रमा. इसलिए ग्रहों द्वारा परावर्तित प्रकाश कम तीव्रता और स्थिर प्रकृति का होता है. ग्रहों से प्रकाश एक स्थिर धारा के रूप में आता है, न कि गड़बड़ होती हुई धारा के रूप में, और इसलिए ग्रह हमें टिमटिमाते हुए नहीं दिखाई देते हैं.

दूसरी बात कि तारों की तुलना में ग्रह हमसे अधिक निकट हैं. तारे हमसे बहुत दूर हैं और हमें बिंदु (पिनपॉइंट) आकार के दिखाई देते हैं. इससे ऐसा प्रतीत होता है मानो प्रकाश एक ही बिंदु स्रोत (Point Source) से आ रहा हो. इसके विपरीत, ग्रह हमसे कम दूरी पर हैं. ग्रह पृथ्वी के निकट होने के कारण उनका प्रकाश एक ही बिंदु स्रोत के रूप में आता नहीं दिखाई देता है, वे अधिक उभरे हुए दिखाई देते हैं.

पृथ्वी से देखने पर ग्रह अंतरिक्ष में एक छोटे गोलाकार क्षेत्र को कवर करते हैं, और उनका प्रकाश एक से अधिक बिंदु स्रोतों से आता हुआ प्रतीत होता है. ग्रह आकाश में छोटी डिस्क की तरह दिखाई देते हैं. इन्हें नग्न आंखों की तुलना में दूरबीन से कहीं बेहतर और अधिक स्पष्टता के साथ देखा जा सकता है. यदि आप दूरबीन से देखेंगे तो ग्रह छोटी डिस्क के रूप में दिखाई देंगे जबकि तारे बिंदु के रूप में दिखाई देंगे.

ग्रहों से आने वाला प्रकाश हमारी दृष्टि से पूरी तरह अवरुद्ध नहीं होता और इसलिए वे टिमटिमाते हुए नहीं दिखाई देते हैं. दूसरे शब्दों में, ग्रहों से आने वाली प्रकाश किरण आमतौर पर बिल्कुल भी चलती हुई दिखाई नहीं देती है. ग्रहों से आने वाले प्रकाश पर वायुमंडलीय अपवर्तन (Atmospheric Refraction) बहुत ही कम होता है और इसलिए ग्रह हमें टिमटिमाते हुए प्रतीत नहीं होते हैं. यदि आप रात में आकाश में मंगल ग्रह को देखेंगे तो यह आपको तारों की तरह टिमटिमाता हुआ नहीं दिखाई देगा.

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