अजवायन के फायदे : अलग-अलग रोगों और परेशानियों में कैसे करें अजवायन का इस्तेमाल

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अजवायन

अजवायन के फायदे (Ajwain or Ajowan Benefits for Health)

घरेलू औषधि के रूप में अजवायन (Ajwain or Ajowan) का इस्तेमाल भारत में हमेशा से ही होता रहा है. यह भारतीय मसाला लगभग हर रसोई में होता है और भारत के हर क्षेत्र में इसका उत्पादन किया जाता है. आयुर्वेद के अनुसार वात, गैस, कफ, दांतों के रोग, त्वचा के रोग, पेट या पाचन से जुड़ी समस्याओं या हृदय रोगों में, सभी में अजवाइन काफी फायदेमंद है. इसे हर तरह के अन्न को पचाने वाली औषधि भी कहा जाता है. महिलाओं के लिए भी अजवाइन बहुत फायदेमंद मानी जाती है. अजवाइन में कीटनाशक या सड़न को रोकने की क्षमता होती है. आज हम अजवाइन के कई बड़े फायदे बताने जा रहे हैं.

अजवायन का पेड़

अजवायन की खेती छोटे पैमाने पर की जाती है. इसके पौधे झाड़ीनुमा होते हैं. अजवाइन के लिए अच्छी तरह से जोती गई सेंद्रिय जमीन ज्यादा अनुकूल मानी जाती है. इसके पौधे करीब एक से डेढ़ हाथ ऊंचे होते हैं. इनमें निकलने वाले बीजों को ही अजवायन कहा जाता है. एक एकड़ जमीन में लगभग तीन सौ पौंड अजवाइन पैदा होती है. अजवाइन की कई किस्में है, जैसे- मुंडित अजमोद और किरमाणी अजवायन. अजवायन में पाया जाने वाला थाइमोल जब जम जाता है, तो इसे ही अजवायन का फूल या सत कहा जाता है.

अजवायन के फायदे

अजवाइन का इस्तेमाल मसाले, चूर्ण, काढ़े या अर्क आदि के रूप में किया जाता है. अजवायन का प्रमुख गुण उसके तेल में ही होता है और अजवायन को ज्यादा उबालने से उसका तेल उड़ जाता है और उसका गुण भी कम हो जाता है. इसलिए ज्यादातर नई और ताजी अजवायन का ही इस्तेमाल करना चाहिए.

ठंड लगने पर या सर्दी-जुकाम होने पर एक गर्म तवे पर अजवायन के दाने डालें और उनकी भाप लें या, अगर सर्दियों में आप गर्म कोयले के पास बैठकर अपने हाथ-पैर सेंक रहे हैं, तो उस जलते हुए कोयले में अजवायन के कुछ दाने भी डाल दें. उससे निकलने वाली सुगंध फायदेमंद होती है.

सर्दियों में सरसों के तेल में अजवायन को पकाकर, ठंडा करके उससे मालिश करने से-
ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और त्वचा के रोग दूर होते हैं,
बुखार, संक्रमण, सर्दी-जुकाम और दर्द आदि दूर होते हैं,
जोड़ों के दर्द से छुटकारा मिलता है,
हड्डियों में मजबूती आती है और शरीर ताकतवर बनता है.
इस तेल की दो-दो बूंदें कान में डालने से कान का दर्द दूर होता है और मैल भी बाहर निकल आता है.
इस तेल से पेट की मालिश करने से ठंड से होने वाले पेट दर्द में तुरंत आराम होता है.
सर्दियों में रात को सोते समय इस तेल से पैरों के तलवों की मालिश बहुत फायदेमंद होती है.
सर्दियों में इस तेल की मालिश छाती में करने से जुकाम, कफ और खांसी में राहत मिलती है और सांस फूलने और ठंड लगने में भी आराम होता है.

अजवायन के तेल की मालिश करने से जोड़ों के दर्द में आराम होता है.

अजवायन का सत, देसी कपूर और पिपरमेंट (पुदीने का सत) मिलाकर अमृतधारा (Amrit Dhara) बनाई जाती है, जो कई रोगों की एक दवा मानी जाती है.

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अजवायन खाने से पेट के कीड़े दूर होते हैं. अजवायन के चूर्ण में काला नमक मिलाकर खाने से भी पेट के कीड़े दूर हो जाते हैं.

अजवायन के चूर्ण में थोड़ा सा गुड़ मिलाकर खाने से पेट के कीड़े दूर हो जाते हैं. ताजे छाछ या मट्ठा में अजवायन का बघार लगाकर पीने से भी पेट के कीड़े दूर होते हैं और पेट की तमाम समस्याओं में आराम होता है. यह काफी स्वादिष्ट भी होता है.

रात में थोड़ी सी अजवायन को गुनगुने पानी के साथ चबाकर सो जाएं. इससे सुबह पेट साफ हो जाता है.

अजवायन के इस्तेमाल से जमा हुआ कफ आसानी से बाहर निकलता है और बैक्टीरिया का बढ़ना रुक जाता है.

सर्दियों में हर तीन-चार दिनों में थोड़ी-थोड़ी सी अजवायन चबाते रहने से पाचन से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं और दांतों के रोगों में भी फायदा होता है.

दाद, खाज या कीड़ों वाले घाव पर अजवायन का उबला हुआ पानी लगाने से जल्द आराम मिलता है.

महिलाओं में मासिक अवरोध (Menstrual Blockage) होने पर, अजवायन को पुराने गुड़ और पानी के साथ पकाकर सुबह-शाम पीने से गर्भाशय की गंदगी दूर होती है.

अलग-अलग बीमारियों में अजवायन का इस्तेमाल

आयुर्वेद के अनुसार, अजवायन में पेट दर्द, गुल्म, पेचिश, दस्त और अजीर्ण की समस्या को दूर करने की क्षमता होती है.

अजवायन खाने से ठंड के कारण आने वाले बुखार में आराम मिलता है.

अजवायन को पीसकर उसकी छोटी सी पोटली बनाकर उसे बार-बार सूंघने से जुकाम दूर होता है. आप इसकी छोटी सी पोटली बनाकर अपने गले में भी लटका सकते हैं, जब तक आपको जुकाम या सर्दी की समस्या है.

अजवायन की पोटली बनाकर उसे तवे पर गर्म करें. उससे हाथ-पैरों की सिकाई करने से हैजा, अस्थमा या ठंड लगने की समस्या में आराम होता है. इससे पेट की सिकाई करने कर ठंड के कारण होने वाले पेट दर्द में आराम होता है.

अजवायन का अर्क हैजे में फायदेमंद है.

अजवाइन की फंकी लेने से जुकाम और खांसी में आराम होता है.

अजवायन के फूल को शहद में मिलाकर लेने से कफ में आराम होता है.

अजवायन के फूल या सत को शहद और शुद्ध घी के साथ मिलाकर खाने से कफ कम होता है और खांसी मिटती है.

अजवायन को थोड़ा उबालकर उसका पानी पीने से अस्थमा में आराम होता है. इसमें अजवायन का अर्क भी फायदेमंद है.

अजवायन के कुछ दानों को मुंह में रखकर ऊपर से गुनगुना पानी पी जाने से पेट दर्द, जुकाम, लार की अधिकता और अजीर्ण आदि में आराम मिलता है.

अजवायन को तवे पर गर्म करके उसमें थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाकर पीसिये. इस चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लेने से पेट की गैस दूर होती है. अगर अफारा की समस्या है तो अजवायन में काला नमक मिलाकर उसे गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए.

अगर खाना खाने के बाद गैस बनने की शिकायत हो, या पेट में भारीपन या गुड़गुड़ाहट महसूस हो रही हो, या उल्टी-सीधी डकारें आती हों, तो थोड़ी सी अजवायन को मुंह में रखकर उसके ऊपर गुनगुना पानी पीने से ये सभी समस्याएं दूर होती हैं.

गैस के कारण पेट में दर्द हो रहा हो तो थोड़ी सी अजवायन में काली मिर्च और सेंधा नमक मिलाकर पीसकर गर्म करें. इसे खाने से पेट दर्द दूर हो जाता है और पाचन शक्ति मजबूत होती है.

थोड़ी सी अजवायन में छोटी हरड़ का पाउडर, थोड़ा-सा सेंधा नमक, हींग पाउडर मिलाकर और पीसकर रख लें. इसे पानी के साथ लेने से पेट दर्द, जलन, अफारा और पाचन की समस्याएं दूर होती हैं.

अजवायन में थोड़ा सा सेंधा नमक और हींग को पीसकर मिलाकर खाने से गुल्म रोग में आराम होता है.

अजवायन में गुड़ मिलाकर खाने से शीतपित्त मिटता है.

अजवायन खाने से प्रसूता की भूख खुलती है, खाना पचता है, कमर का दर्द दूर होता है और गैस की समस्या में भी राहत मिलती है. (गर्भवती महिलाओं को अजवायन का सेवन करने से पहले किसी डॉक्टर या जानकार की सलाह ले लेनी चाहिए).

अजवायन में तिल पीसकर मिलाकर खाने से बहुमूत्र रोग में आराम मिलता है.

अजवायन को जलाकर उसके चूर्ण में थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाकर उससे मंजन करने से दांतों की कई समस्याएं दूर होती हैं.

रात में एक छोटी चम्मच अजवाइन को एक गिलास पानी में भिगो दें. सुबह इस पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से मोटापा कम होता है.

चुटकी भर अजवायन को सेंककर रोज चबाने से शराब की लत छूट जाती है.

नोट- इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और कई किताबों पर आधारित है. इन पर अमल करने से पहले डॉक्टर या जानकार की सलाह ले लें. अजवायन की तासीर गर्म होती है. ये शरीर में गर्मी को बढ़ाती है. इसलिए गर्मियों में इसका सेवन सीमित मात्रा में ही किया जाना चाहिए. जिन लोगों को अंदर से गर्मी बढ़ी रहती है, उन्हें औषधि के रूप में इसका इस्तेमाल किसी जानकार की सलाह से करना चाहिए.

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