Adi Shankaracharya Adwaitwad : आदि गुरु शंकराचार्य का अद्वैतवाद
आदि शंकराचार्य एक महान समन्वयवादी थे. शंकराचार्य के दर्शन में हम सगुण और साकार तथा निर्गुण और निराकार, दोनों ही ब्रह्म का दर्शन कर सकते हैं. […]
आदि शंकराचार्य एक महान समन्वयवादी थे. शंकराचार्य के दर्शन में हम सगुण और साकार तथा निर्गुण और निराकार, दोनों ही ब्रह्म का दर्शन कर सकते हैं. […]
मां दुर्गा से तीनों सर्वोच्च शक्तियां- मां पार्वती (शक्ति), मां लक्ष्मी और मां सरस्वती जी हैं. ये सभी शक्तियां मिलकर दैत्यों, असुरों आदि का संहार करती हैं. मां दुर्गा के रूप में तीनों सर्वोच्च शक्तियों की उपासना की जाती है. […]
भगवती श्री महालक्ष्मी चल और अचल, दृश्य और अदृश्य, सभी शक्तियों, सिद्धियों और निधियों की अधिष्ठात्री देवी या साक्षात् नारायणी हैं. भगवान् श्रीगणेश जी सिद्धि, बुद्धि एवं शुभ और लाभ के स्वामी तथा सभी अमंगलों और विघ्नों के नाशक हैं, ये सत् बुद्धि प्रदान करने वाले हैं. कार्तिक कृष्ण अमावस्या को भगवती श्री महालक्ष्मी एवं भगवान् श्रीगणेश जी का प्रतिष्ठापूर्वक विशेष पूजन किया जाता है. […]
भगवती श्री महालक्ष्मी चल और अचल, दृश्य और अदृश्य, सभी शक्तियों, सिद्धियों और निधियों की अधिष्ठात्री देवी या साक्षात् नारायणी हैं. भगवान् श्रीगणेश जी सिद्धि, बुद्धि एवं शुभ और लाभ के स्वामी तथा सभी अमंगलों और विघ्नों के नाशक हैं, ये सत् बुद्धि प्रदान करने वाले हैं. कार्तिक कृष्ण अमावस्या को भगवती श्री महालक्ष्मी एवं भगवान् श्रीगणेश जी का प्रतिष्ठापूर्वक विशेष पूजन किया जाता है. […]
शोभा की खान, सुशील और विनम्र सीताजी सदा श्रीराम के अनुकूल रहती हैं. यद्यपि घर में बहुत से दास-दासियाँ हैं और सभी सेवा की विधि में कुशल हैं, फिर भी सीताजी घर की सब सेवा अपने ही हाथों से करती हैं. […]
लक्ष्मी का अर्थ केवल धन नहीं होता. धन के साथ-साथ सुख, शांति, बुद्धि, विवेक और आरोग्यता को ही लक्ष्मीवान्, श्रीमान् कहा जाता है. गायत्री की एक किरण लक्ष्मी भी है. […]
सुबह-सुबह या ब्रह्ममुहूर्त (सूर्योदय के डेढ़ घंटा पहले का मुहूर्त) में उठने की बड़ी महत्ता है. ब्रह्ममुहूर्त में उठने वाला मनुष्य सौंदर्य, लक्ष्मी, स्वास्थ्य, आयु, बल, बुद्धि और विद्या आदि को प्राप्त करता है. यहां हम सुबह-सुबह बोले जाने और रोज पूजा के समय बोले जाने कुछ प्रमुख मंत्रों के बारे में बता रहे हैं- […]
“यदि इस समय मैं आपकी आँखों पर बंधी अहंकार की पट्टी खोलकर वास्तविक सत्य के दर्शन न कराऊँ तो मैं अपने कर्तव्य पालन से वंचित रह जाऊंगी, क्योंकि हर पत्नी का यह धर्म है कि कुमार्ग पर भटके पति को सत्य की राह पर ले आये.” […]
जापान, कम्बोडिया, मलेशिया, थाईलैंड, ईराक, इंडोनेशिया, बर्मा, पाकिस्तान, भूटान, बाली, जावा, सुमात्रा आदि अनेक देशों में तो पुरातन भित्ति चित्रों, मंदिरों और संग्रहालयों में रामकथा (Ram Katha) मौजूद है. […]
Bhagwan Shri Krishna : श्रीकृष्ण ने जेल में ही क्यों जन्म लिया? […]
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