Vitamins and Its types in Hindi
स्वस्थ शरीर के लिए विटामिन्स (Vitamins) इतने महत्वपूर्ण हैं कि इन्हें ‘जीवन सत्व’ भी कहा जाता है. विटामिन्स तरह-तरह के भोजन को पचाने, शरीर को ताकत देने और शरीर की अलग-अलग रासायनिक प्रक्रियाओं को सही तरह से चलाने में मदद करते हैं. इनकी कमी या असंतुलन से शरीर में कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं. विटामिन्स शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताकत देते हैं और हमारे शरीर को इस योग्य बना देते हैं, जिससे भोजन ठीक से पच सके, शरीर को ऊर्जा और ताकत मिल सके और बीमारियों से बचाव किया जा सके.
विटामिन्स क्या हैं (What are Vitamins in Hindi)?
विटामिन एक तरह के कार्बनिक यौगिक तत्व (Organic Compound Element) होते हैं. ये या तो पानी में या वसा (Fat) में घुलनशील होते हैं. पानी में घुलनशील विटामिन्स की तुलना में, फैट में घुलनशील विटामिन्स को शरीर में जमा करना ज्यादा आसान होता है. अब तक 13 विटामिन्स की पहचान की गई है. ये छोटे-छोटे कंपाउंड होते हैं, जो शरीर को ठीक तरह से काम करने में मदद करते हैं.
विटामिन्स हमें अलग-अलग स्रोतों से प्राप्त होते हैं- जैसे भोजन, सूर्य की रोशनी आदि. हमारे शरीर के लिए अलग-अलग तरह के विटामिन्स की जरूरत होती है, जैसे- विटामिन A, B, C, D आदि. इनमें से शरीर में अगर एक भी विटामिन की कमी हो जाए, तो हमारा शरीर अस्वस्थ हो सकता है.
Types of Vitamins in Hindi –
विटामिन A (Types of Vitamins – Vitamin A)
इस विटामिन को रेटिनॉल भी कहते हैं. ये विटामिन फैट में घुलनशील है. ये विटामिन दो तरह का होता है- रेटिनॉइड्स और करॉटिनाइड्स. जिन सब्जियों के रंग जितने ज्यादा हरे होते हैं, उनमें करॉटिनाइड्स उतना ही ज्यादा पाया जाता है. करॉटिनाइड्स के अच्छे स्रोतों में गाजर, टमाटर, आम, खुबानी और आलूबुखारा शामिल हैं.
विटामिन A की जरूरत- अगर आप अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत करना चाहते हैं, तो विटामिन-ए अच्छा विकल्प है. ये आंखों की रोशनी और शरीर के विकास के लिए सबसे जरूरी विटामिन है. इसकी कमी से रतौंधी (अंधेरे में कम दिखाई देना) की समस्या हो जाती है.
शरीर के विकास के लिए विटामिन A बहुत जरूरी है. बच्चों में विटामिन A की कमी से उनका विकास धीरे-धीरे होता है, जिसका असर हाइट पर भी पड़ता है. साथ ही कुछ अंगों में इंफेक्शन की समस्या भी हो सकती है.
विटामिन A शरीर में अनेक अंगों को सामान्य रूप में बनाए रखने में मदद करता है, जैसे- स्किन, बाल, हड्डी, दांत, मसूड़े और नाखून. इसकी कमी से बालों और त्वचा में रूखापन आ जाता है और उनकी चमक चली जाती है.
विटामिन A के स्रोत- हरी पत्तेदार सब्जियां, गाजर, चुकंदर, ब्रोकली, कद्दू, पपीता, आम, दूध, मक्खन, क्रीम आदि. पीले और नारंगी रंग के फल और सब्जियों में विटामिन A सबसे ज्यादा पाया जाता है.
विटामिन B (Types of Vitamins – Vitamin B)
विटामिन-बी पानी में घुलनशील है. यह विटामिन क्षार पदार्थों के साथ मिलाने से ही नष्ट हो जाते हैं और अम्ल यानी एसिड के साथ उबालने पर भी नष्ट नहीं होते. इस विटामिन के कई भागों की खोज की जा चुकी है. ये सभी भाग मिलकर विटामिन-बी ‘कॉन्प्लेक्स’ कहलाते हैं.
विटामिन B की जरूरत- शरीर को ताकत देने के लिए विटामिन-बी बेहद जरूरी है. विटामिन बी की कमी से शरीर अनेक बीमारियों का घर बन जाता है. विटामिन B का मुख्य काम भोजन को पचाना और भूख को बढ़ाकर शरीर को शक्ति देना और उसे स्वस्थ रखना होता है.
विटामिन B की कमी से एनीमिया (खून की कमी), थकान, कमजोरी, भूख में कमी, वजन घटना, ऊर्जा और ताकत की कमी, तनाव या डिप्रेशन आदि समस्याएं हो जाती हैं.
विटामिन B के स्रोत- दूध और दूध से बनी चीजों जैसे- पनीर, मक्खन, दही, सूखे मेवे, अंकुरित अनाज, चावल, साबुत अनाज, पालक, पौधों के बीज, फलियां, मक्का, ताजे फल-सब्जियों, नारियल, खमीर आदि.
विटामिन-B कॉम्प्लेक्स
विटामिन B1 (थायमीन)- इस विटामिन का स्वाद नमकीन होता है. इस विटामिन की कमी से बेरी-बेरी (कुपोषण), शरीर का विकास रुकना, वजन घटना, भूख की कमी, थकान और चक्कर आना, चिड़चिड़ापन और पेट में खराबी जैसे- कब्ज या बदहजमी जैसी समस्याएं हो जाती हैं.
विटामिन B1 के स्रोत- अनाज, फलियां, दालें, अंकुरित बीज, गेहूं, हरी मटर, मूंगफली, खमीर, चावल, संतरा आदि.
विटामिन B2 (राइबोफ्लेविन)- इस विटामिन का रंग पीला होता है. यह विटामिन खाने को ज्यादा पकाने और सूर्य की रोशनी में नष्ट हो जाता है. आंखों, नाक और जीभ को स्वस्थ रखने के लिए यह विटामिन बेहद जरूरी है. इसकी कमी से नजर धुंधली और तेज रोशनी में परेशानी की समस्या हो सकती है. इस विटामिन की कमी और पानी की कमी से जीभ में छाले हो जाते हैं. इस विटामिन की कमी से त्वचा और होंठ भी फटने लगते हैं.
विटामिन B2 के स्रोत- अनाज, दूध, पनीर, दालें, मटर, चावल और खमीर आदि.
विटामिन B3 (नियासिन)- इस विटामिन की कमी से पाचन की खराबी, त्वचा के रोग जैसे- रूखापन, फोड़े-फुंसी, दाद आदि की समस्याएं हो जाती हैं. शरीर के विकास पर भी असर पड़ता है. बालों को सफेद होने से बचाने के लिए ये विटामिन बहुत जरूरी है.
इस विटामिन की कमी से पेलाग्रा बीमारी (दस्त, त्वचा रोग और भ्रम की समस्या) हो जाती है. यानी इस विटामिन की कमी से त्वचा रोग जैसे- खुजली और सूजन, होंठ-जीभ या मसूढ़ों में घाव होना, जिससे खाने-पीने में परेशानी हो सकती है और मानसिक समस्याएं जैसे डिप्रेशन आदि हो सकते हैं.
विटामिन B3 के स्रोत- मेवा, अखरोट, साबुत अनाज, दालें, तिल, जौ, दलिया, दूध, पनीर आदि.
विटामिन B5 (पैंटोथैनिक)- शरीर में ब्लड सेल्स (Blood Cells) को बनाने के लिए ये विटामिन जरूरी है. यह विटामिन त्वचा, आंख, बाल और लिवर और दिमाग की मजबूती के लिए महत्वपूर्ण है. इस विटामिन की कमी से पेशियों में लकवा (Muscle Paralysis) और पैरों में जलन की समस्या भी हो सकती है.
विटामिन B5 के स्रोत- साबुत अनाज, गिरीदार फल, दूध, मक्खन, पिस्ता, दाल आदि.
विटामिन B6 (पाइरिडोक्सिन)- हीमोग्लोबिन के निर्माण, त्वचा को स्वस्थ रखने और इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए ये विटामिन बहुत जरूरी है. इस विटामिन की कमी से एनीमिया (खून की कमी) और स्किन डिसीज के साथ-साथ वजन घटने और दिमागी कमजोरी की समस्या हो जाती है.
विटामिन B6 के स्रोत- दूध, गेहूं, चावल, मटर आदि.
विटामिन B7 (बायोटिन)- यह विटामिन त्वचा, बाल, हड्डियों और नाखूनों को स्वस्थ बनाए रखता है. इस विटामिन की कमी से शरीर में दर्द, बालों के गिरने, लकवा और तनाव, डिप्रेशन आदि समस्याएं हो सकती हैं.
विटामिन B7 के स्रोत- गिरीदार फल, ताजा सब्जियां, बाजरा, ज्वार, चावल, सोयाबीन, गेहूं आदि.
विटामिन B9 (फोलासीन या फोलिक एसिड)- इस विटामिन का रंग पीला होता है. यह विटामिन भी खून की कमी की समस्या को दूर करता है, साथ ही डैमेज हो चुकीं सेल्स को रिपेयर करता है. यह विटामिन ब्रेस्ट कैंसर से भी रक्षा करता है.
विटामिन B9 के स्रोत- अंकुरित अनाज, दलिया, मूंगफली, मटर आदि.
विटामिन B12 (कोबालमीन)- शरीर के स्वास्थ्य और ठीक से काम करने के लिए यह विटामिन बेहद जरूरी है, साथ ही यह हृदय रोगों का खतरा भी कम करता है. यह एकमात्र ऐसा विटामिन है, जिसमें कोबाल्ट पाया जाता है. इस विटामिन की कमी से भी खून की कमी, नसों का जमना, थकान, कमजोरी, तनाव और कमजोर याददाश्त की समस्या हो जाती है.
विटामिन B12 के स्रोत- चावल, दूध आदि. खाने को ज्यादा पकाने पर ये विटामिन नष्ट हो जाता है.
विटामिन C (Types of Vitamins – Vitamin C)
इस विटामिन का रासायनिक नाम एस्कॉर्बिक एसिड है. कई बीमारियों में ये विटामिन दवा का काम करता है. यह एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी काम करता है. बीमारियों से लड़ने के लिए ये विटामिन बेहद जरूरी है. विटामिन C खून की नसों और हड्डियों को मजबूत बनाता है, साथ ही सेल्स को जोड़कर रखता है.
इस विटामिन से बाल, दांत और मसूढ़े मजबूत होते हैं, साथ ही त्वचा में चमक आती है. विटामिन C की कमी से इम्युनिटी कम हो जाती है और रोगों से लड़ने की क्षमता खत्म हो जाती है. खून की कमी की समस्या हो जाती है, शरीर का वजन भी घटने लगता है और कमजोरी आने लगती है.
विटामिन-सी की कमी से स्कर्वी रोग हो जाता है, जिसमें जरा सी चोट लगने पर खून निकलने लगता है. थकान और कमजोरी के साथ-साथ जांघों और पैरों में चकत्ते पड़ जाते हैं, दांत कमजोर हो जाते हैं और मसूढ़ों में सूजन भी आ सकती है.
इस विटामिन की कमी से फेफड़े कमजोर हो जाना, जुकाम होना, आंख, कान और नाक के रोग, एलर्जी होना आदि की भी संभावना बनी रहती है.
विटामिन C के स्रोत- ये विटामिन सबसे ज्यादा खट्टे फलों में पाया जाता है. आंवला विटामिन-सी का सबसे बड़ा और सबसे अच्छा स्रोत है. रसदार फलों जैसे- नींबू, संतरा, मौसमी, टमाटर, अमरूद, अंगूर, स्ट्रॉबेरी में भी यह विटामिन अच्छी मात्रा में पाया जाता है. इनके आलावा सेब, केला, बेर, शलजम, पुदीना, मूली के पत्ते, मुनक्का, दूध, चुकंदर, चौलाई, हरा धनिया, पालक, अंकुरित अनाज, हरी सब्जियों, ब्रोकली, गोभी में भी यह विटामिन होता है.
विटामिन D (Vitamin D)
Types of Vitamins: Vitamin D – इस विटामिन को एर्गोकैल्सिफेरॉल और कॉलेकैल्सिफेरॉल भी कहा जाता है. स्वस्थ शरीर के लिए ये विटामिन बेहद जरूरी है. यह विटामिन इम्युनिटी बढ़ाता है, कैल्शियम के लेवल को सही रखता है और हड्डियों को मजबूती देकर उनकी रक्षा करता है. इस विटामिन की कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, मसल्स कमजोर हो जाते हैं और जोड़ों में दर्द होता है. सूखा रोग यानी रिकेट्स, कमजोर दांत और दांतों की सड़न आदि समस्याएं हो जाती हैं.
विटामिन D के स्रोत- इस विटामिन का सबसे अच्छा स्रोत सूर्य की किरणें हैं. सुबह की धूप में बैठने से शरीर में इस विटामिन की कमी दूर हो जाती है. इसके आलावा दूध और उससे बनी चीजें भी इस विटामिन के अच्छे स्रोत हैं.
विटामिन E (Types of Vitamins – Vitamin E)
इस विटामिन को टोकोफेरोल भी कहते हैं. अलग-अलग बीमारियों से लड़ने के लिए यह विटामिन बहुत जरूरी है. यह विटामिन शरीर में खून की कमी की समस्या को दूर करता है. बच्चों में इस विटामिन की कमी से एनीमिया (खून की कमी) हो जाता है.
विटामिन E शरीर की मांसपेशियों और सेल्स को सही बनाए रखने में मदद करता है. यह स्किन सेल्स को रिपेयर करता रहता है, जिससे त्वचा रोगों में कमी आती है, साथ ही स्किन में चमक भी बढ़ती है. इसीलिए कई तरह के अच्छे कॉस्मेटिक्स में विटामिन E का इस्तेमाल किया जाता है.
विटामिन E शरीर की कमजोरी दूर करता है, साथ ही कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल करने में मदद करता है. इस विटामिन की कमी से प्रजनन शक्ति में कमी आ जाती है.
विटामिन E के स्रोत- चोकरयुक्त आटा, सूरजमुखी के बीज, बादाम, सूखे मेवे, आम, हरी मिर्च, कीवी, एवाकाडो, टमाटर, पालक, ब्रोकली, मक्खन.
विटामिन K (Types of Vitamins – Vitamin K)
यह विटामिन वसा में घुलनशील है. इस विटामिन की कमी से ऐंठन और हीमोफीलिया (खून का बहना बंद न होना) की समस्या हो जाती है. यह विटामिन रक्त का थक्का (ब्लड क्लॉटिंग) बनाने में मदद करता है. अगर ऐसा न हो तो चोट लगने पर खून का बहना बंद ही नहीं होगा, जिससे मौत तक हो सकती है.
हालांकि, कभी-कभी रक्त का थक्का बनना भी जानलेवा होता है. इसलिए विटामिन K दो तरह से काम करता है- यह शरीर के अंदर खून को जमने नहींं देता और शरीर के बाहर खून को बहने नहीं देता.
विटामिन K गर्भ में पल रहे शिशु के विकास, बुढ़ापे में भी स्वस्थ और मजबूत हड्डियों, पाचन से जुड़ीं समस्याओं को दूर करने और लिवर को सही बनाए रखने के लिए जरूरी है. इस विटामिन की कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं.
विटामिन K के स्रोत- दूध और दूध से बनी चीजें, सरसों की भाजी, हरी पत्तेदार सब्जियां, पालक, शलजम, धनिया, अंजीर, किशमिश, बादाम आदि.
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