DRDO ने ओडिशा में हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट ‘अभ्यास’ का किया सफल परीक्षण

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फोटो क्रेडिट- ट्विटर

DRDO successfully tests ABHYAS –

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने हाल ही में ओडिशा में बंगाल की खाड़ी के तट पर चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज (Integrated Test Range-ITR) से अलग-अलग मिसाइल सिस्टम्स के मूल्यांकन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ‘अभ्यास’ (ABHYAS) नाम के ‘हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट’ का सफल परीक्षण किया है. इस वाहन का इस्तेमाल अलग-अलग मिसाइल सिस्टम्स के मूल्यांकन के लिए हवाई लक्ष्य के रूप में किया जा सकता है.

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इसे लेकर रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना (Notification) के अनुसार, ‘अभ्यास’ को DRDO के बेंगलुरु में स्थित वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (Aeronautical Development Establishment-ADE) की तरफ से डिजाइन और तैयार किया गया है. एक बार पूरी तरह से तैयार होने के बाद यह स्वदेशी विमान भारतीय सशस्त्र बलों की ‘हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट’ (HEAT) की जरूरतों को पूरा करेगा.

विशेषताएं-

इस एयर व्हीकल को ट्विन अंडर-स्लंग बूस्टर का इस्तेमाल करके लॉन्च किया जाता है, जो वाहन को शुरुआती रफ्तार देते हैं. यह गैस टर्बाइन इंजन से चलाया जाता है, जो सबसोनिक गति से लंबी उड़ान भर सकता है. इसे रास्ता दिखाने और इसे कंट्रोल करने के लिए उड़ान नियंत्रण कंप्यूटर (Flight Control Computer-FCC) के साथ नेविगेशन के लिए MEMS (माइक्रो-इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सिस्टम) आधारित जड़त्वीय नेविगेशन सिस्टम (Inertial Navigation System-INS) से लैस किया गया है. लैपटॉप आधारित ग्राउंड कंट्रोल स्टेशन (GCS) का इस्तेमाल करके इसकी उड़ानों का चेक-आउट किया जाता है.

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हाल के घटनाक्रम

सितंबर 2021- DRDO ने ओडिशा में बंगाल की खाड़ी के तट पर चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज (Integrated Test Range-ITR) से आकाश मिसाइल के नए संस्करण ‘आकाश प्राइम’ (Akash Prime) का परीक्षण किया. आकाश प्राइम एक मध्यम दूरी की मोबाइल सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAM) सिस्टम है, जिसे DRDO की तरफ से तैयार किया गया और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) की तरफ से बनाया गया है.

जुलाई 2021- DRDO ने दो मिसाइल सिस्टम्स का परीक्षण किया, जिसमें भारतीय सेना के लिए एक मैन पोर्टेबल एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (MPATGM) और आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल- आकाश-NG का एक नया संस्करण शामिल है. आकाश-NG मिसाइल सिस्टम की मारक क्षमता 60 किलोमीटर के करीब है और यह ध्वनि की गति से 2.5 गुना (2.5 मैक) की गति से यात्रा कर सकती है.

जून 2021- DRDO की तरफ से नई पीढ़ी की परमाणु सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-पी (प्राइम) का सफल परीक्षण किया गया. अग्नि-पी, मिसाइलों की अग्नि कैटेगरी का नया वर्ज़न है. इसकी मारक क्षमता 1,000 से 2,000 किलोमीटर के बीच है.

फरवरी 2021- भारत ने स्वदेशी रूप से तैयार की गई एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम ‘हेलिना’ (सेना) और ‘ध्रुवस्त्र’ (भारतीय वायुसेना) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया. हेलिना और ध्रुवास्त्र तीसरी पीढ़ी के एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (नाग मिसाइल सिस्टम) के हेलीकॉप्टर-लॉन्च वर्ज़न हैं. इस मिसाइल सिस्टम का प्रक्षेपण किसी भी समय (चाहे दिन हो या रात) किया जा सकता है और ये बड़े से बड़े और भारी टैंक को भी नष्ट कर सकती है.

अक्टूबर 2020- DRDO ने ओडिशा के तट पर व्हीलर द्वीप से सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (SMART) का सफल परीक्षण किया.

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