Fennel Seeds Health Benefits
प्राचीन काल से ही भारत में सौंफ (Fennel or Saunf) का प्रयोग घर-घर मुखशुद्धि, पान में डालने वाले मसाले और औषधि के रूप में होता रहा है. सौंफ आहार के पाचन में भी सहायता करती है. इसे भूनकर खाने से यह और भी ज्यादा फायदे देती है.
लोग सौंफ को अलग-अलग तरीकों से खाते ही रहते हैं. ज्यादातर लोग दिन में दो-तीन बार तो सौंफ ऐसे ही चबाते ही रहते हैं. वहीं, कुछ लोग किसी भी प्रकार की सब्जी और चाय में भी सौंफ डालते हैं. इन तरीकों से सौंफ को खाने के कोई साइड इफेक्ट भी नहीं हैं, बल्कि फायदे ही हैं.
सौंफ कई प्रकार की होती है. सूखी सौंफ (Dry Fennel) के साथ ही मुलायम, हरी, सुगंधित सौंफ भी बहुत स्वादिष्ट और रुचिकर होती है, जिसे सौंफ के मौसम में लोग बड़े चाव से खाते हैं. सौंफ एक औषधि है और आयुर्वेद में इसके बारे में बहुत सारी बातें बताई गई हैं. सौंफ के मधुर गुणों के कारण ही सौंफ को संस्कृत में ‘मधुरी’ भी कहा जाता है.
सौंफ के पौधे (Fennel plant)
सौंफ के लिए अच्छे निथार वाली हल्की रेतीली जमीन अनुकूल रहती है. भारत में इसका उत्पादन हर जगह होता है. उत्तर गुजरात में इसकी बोआई ज्यादा मात्रा में होती है. सौंफ की बोआई सर्दियों में की जाती है. सौंफ के पौधे 2-3 फीट ऊंचे और सुगन्धित होते हैं. इनके पत्ते बारीक होते हैं.
पत्तों की भी भाजी बनाई जाती है, जो बड़ी स्वादिष्ट और रुचिकर होती है. पौधों पर सुंदर बालियां लगती हैं, जिनमे शुरुआत में पीले रंग के फूल दिखाई देते हैं और बाद में उन फूलों में सौंफ के दाने लगते हैं. जैसे-जैसे ये बालियां पकती जाती हैं, उन्हें उतार लिया जाता है.
सौंफ के गुण और फायदे
(Properties and benefits of fennel)
♦ सूखी सौंफ पाचनतंत्र (Digestive system) और श्लैष्मिक कला (वह झिल्ली है जो शरीर के आन्तरिक अंगों को घेरे रहती है) के साथ-साथ कई अंगों पर अच्छा असर डालती है. सौंफ खाने से सूखी खांसी और शरीर की गर्मी शांत होती है.
♦ सौंफ ज्वर, वायु, कफ, व्रण, शूल और नेत्ररोगों को दूर करती है. यह दाह, अर्श, रक्तपित्त, तृषा, कै और अतिसार में भी आराम देती है. रात को पानी में भिगोकर सुबह वह पानी पीने से पेट की गर्मी दूर होती है.
♦ सौंफ को चबाने से बुखार की गर्मी दूर होती है. किसी भी वजह से उल्टी आने के बाद सबसे पहले सौंफ ही दी जाती है.
♦ गर्मियों में कई लोगों को अरुचि और अंदर से गर्मी बढ़ जाती है. तब कोई भी खाना अच्छा नहीं लगता और भूख भी कम लगती है और फिर भी तृप्ति का अनुभव भी नहीं होता. ये सभी समस्याएं सौंफ के सेवन से दूर की जा सकती हैं. ऐसे में सौंफ का शरबत पीने से काफी आराम होता है. स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए सौंफ का शरबत फायदेमंद बताया गया है.
♦ सौंफ हृदय, मस्तिष्क और शरीर के लिए फायदेमंद है. यह वात और पित्त को शांत करती है, भूख बढ़ाती है, भोजन को पचाती है और वीर्य की वृद्धि करती है.
♦ सौंफ बुखार, गठिया, वात रोगों, घावों, दर्द, आँखों के रोग, योनि में दर्द, अपच, कब्ज की समस्या में फायदा पहुंचाती है. इसी के साथ, सौंफ पेट में कीड़े, प्यास, उल्टी, पेचिश, बवासीर, टीबी आदि समस्याओं को दूर करने में भी मदद करती है.
♦ सौंफ के पत्ते भी बड़े सुगन्धित और लाभकारी होते हैं. इनकी भाजी स्वादिष्ट, मधुर, माता का दूध बढ़ाने वाली, रुचिप्रद और पथ्यकारक है. यह वायु, ज्वर, गुल्म और शूल को खत्म करने में मदद करती है. सौंफ के पत्ते नेत्रज्योति को बढ़ाते हैं.
♦ अगर मूत्र त्याग करते समय जलन का अनुभव होता हो, तो सौंफ को गर्म पानी में भिगोकर छोड़ दें और कुछ समय बाद पानी को ठंडा होने पर पी लें.
♦ अगर हाथों में पसीना आता हो तो 50 ग्राम सौंफ को भून लें और उसमें 50 ग्राम बिना भुनी हुई सौंफ मिला दें. दिन में दो-तीन बार इसका नियमित रूप से सेवन करें.
♦ सौंफ के काढ़े में चीनी या मिश्री मिलाकर पीने से पित्तज्वर दूर होता है.
♦ सौंफ और चीनी का चूर्ण मुंह में रखकर बार-बार उसका रस निगलने से गर्मी में होने वाली खांसी मिटती है.
♦ सौंफ को चबाकर खाने और और उसका रस उतारते रहने से उदरशूल और अफारा शांत होता है.
♦ सौंफ को पानी के साथ पीसकर माथे पर लगाने से गर्मी से होने वाले सिरदर्द में आराम होता है. सौंफ खाने से भी सिरदर्द से आराम मिलता है.
♦ सौंफ के पत्ते के रस में रुई को भिगोकर आँखों पर रखें. इससे आँखों की जलन, दर्द तथा लालिमा की परेशानी में आराम होता है.
♦ चार भाग सौंफ पाउडर में एक भाग इलायची पाउडर और पांच भाग मिश्री पाउडर मिला लें. इसे उचित मात्रा में सेवन करने से पेचिश में आराम होता है. भुनी हुई सौंफ में बिना भुनी सौंफ और मिश्री मिलाकर पीसकर सेवन करने से भी पेचिश में आराम होता है.
♦ सौंफ के पत्तों के रस का सेवन करने से मूत्राशय की सूजन ठीक होती है. एक रिसर्च के अनुसार सौंफ की पत्तियां हृदय के लिए भी फायदेमंद बताई गई हैं.
♦ सौंफ शरीर, मस्तिष्क और नसों को बल देती है और याददाश्त को बढ़ाने में भी मदद करती है, साथ ही यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी सहायता करती है. यह शरीर से सभी विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करती है.
नोट- अच्छी चीजों का सेवन भी उचित मात्रा में ही करें.
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