होली (Holi) एक अध्यात्मिक पर्व है. होली का त्योहार मुख्य रूप से भक्त प्रह्लाद (Prahlad) की भक्ति और भगवान द्वारा उस भक्त की रक्षा के रूप में मनाया जाता है. भगवान विष्णु जी (Bhagwan Vishnu) ने नन्हे से भक्त प्रह्लाद की रक्षा की थी. यह त्योहार इस बात का प्रतीक है कि अगर भक्त की भक्ति प्रह्लाद की ही तरह निर्मल, निष्कपट और कोमल हो तो भगवान उसकी रक्षा करने जरूर आते हैं.
यह भी माना जाता है कि होली वाले दिन ही कामदेव का पुनर्जन्म हुआ था और मनु का जन्म भी होली वाले दिन ही माना जाता है. ऐसी भी मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण (Shri Krishna) ने राक्षसी पूतना का वध किया था. इस पर्व का संबंध भगवान श्रीकृष्ण और भगवान शिव, दोनों से ही माना जाता है. इस दिन भगवान शिव का भस्माभिषेक किया जाता है और उनका पूर्ण श्रृंगार किया जाता है, तो वहीं भगवान श्रीकृष्ण के साथ फूलों और रंगों की होली खेली जाती है.
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होली का महत्व- होलिका दहन (Holika Dahan) फाल्गुन शुक्ल की पूर्णिमा के दिन किया जाता है. यह दिन भगवान की कृपा पाने के लिए बहुत अच्छा अवसर होता है. होलिका दहन वाले दिन कुछ विशेष प्रयोग या विशेष उपायों को करके मन और जीवन की तमाम समस्याओं को दूर किया जा सकता है. बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है. अगर विरोधी या शत्रु बहुत हैं, तो इन विशेष उपायों से उन्हें भी शांत किया जा सकता है. इसी के साथ, आर्थिक समस्याओं से भी राहत पाई जा सकती है.
होली (होलिका दहन) वाले दिन के कुछ चमत्कारी या महाउपाय
♦ होली की शाम को भगवान शिव के मंदिर में घी का दीपक जलना बहुत अच्छा होता है.
♦ आज रात भगवान शिव के किसी मंत्र या शिव चालीसा या शिवाष्टक, मधुराष्टकम (अधरं मधुरं वदनं मधुरं…) और हनुमान चालीसा या संकटमोचन हनुमानाष्टक का पाठ करना अच्छा होता है.
घर में खुशहाली लाने और मन की शांति के लिए उपाय- होली की शाम को चंद्रमा निकलने के बाद एक लोटे में जल लेकर उसमें कुछ सफेद फूल डालिए. इसी जल से चंद्रमा को अर्घ्य दीजिए और अपने लिए और अपने घरवालों के लिए प्रार्थना कीजिये.
अच्छे स्वास्थ्य के लिए- होली की रात को कोई सफेद कपड़ा या दुपट्टा आदि पहन लें. माथे पर चंदन का टीका या तिलक लगाएं. फिर छत पर या बालकनी में या ऐसी जगह बैठें (किसी आसन पर), जहां चंद्रमा की रोशनी आ रही हो. इसके बाद चंद्रमा के मंत्र “ॐ सोम सोमाय नमः” का 108 बार जप करें. इसके बाद हाथ जोड़कर भगवान से अपने अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना करें.
कारोबार या व्यापार में लाभ के लिए- होली की शाम को गुलाबी कमल पर बैठी हुईं माता लक्ष्मी के चित्र को सफेद फूल और गुलाब का इत्र अर्पित करें और कारोबार में लाभ के लिए प्रार्थना करें. फिर किसी भी शुक्रवार के दिन इस चित्र को अपने काम की जगह पर स्थापित कर दीजिये और रोज इन्हें पूरे आदर के साथ प्रणाम करें और फूल चढ़ाएं.
धन प्राप्ति के लिए- एक स्फटिक की माला को गंगाजल या गुलाबजल से धो लें. फिर इस माला से 108 बार “ॐ श्रीं श्रीयै नमः” मंत्र का जप करें. मंत्र जप करने के बाद इस माला को पूजा स्थान पर ही रख दीजिये. फिर इस माला को शुक्रवार की शाम को गले में धारण कर लें. लेकिन इस माला को पहनकर रात को सोना नहीं है. रात को उतार कर रख दें और सुबह स्नान करने के बाद ही पहनें.
पति-पत्नी या अपनी लव लाइफ में प्रेम बढ़ाने के लिए- होली की रात को राधा-कृष्ण जी को गुलाब के फूलों की एक माला चढ़ाएं या पहनाएं (दोनों को एक ही माला पहनाएं). और फिर उनके सामने बैठकर एक बार मधुराष्टक (अधरं मधुरं वदनं मधुरं…) का पाठ करें… और फिर हाथ जोड़कर अपने जीवन में अपने प्रेम को बनाए रखने की प्रार्थना करें.
वैवाहिक जीवन में प्रेम और मधुर संबंध बनाए रखने के लिए- होली की रात को चावल की सादा खीर बनाएं, यानी उसमें मेवा आदि न डालें. इस खीर का भगवान शिव को प्रसाद लगाएं. इसके बाद पति-पत्नी साथ मिलकर इस प्रसाद को खाएं और इसके बाद उस रात कुछ और न खाएं.
संतान प्राप्ति के लिए- होली की शाम को भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर में या उनके चित्र के सामने घी के दो दीपक जलाएं और उन्हें माखन-मिश्री या नारियल-मिश्री का भोग लगाएं. इसके बाद राधा-कृष्ण के नाम का 108 बार जप करें.
कोई संपत्ति या मकान आदि जल्द पाने के लिए- होली की रात को लाल कपड़े पहनें. उसके बाद हनुमान जी के सामने घी का एकमुखी दीपक जलाएं और कम से कम 9 बार हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का पाठ करें और अपने लिए प्रार्थना करें.
मुकदमे और कर्ज से मुक्ति पाने के लिए- होली की रात को हनुमान जी के सामने एक मुखी वाला मिट्टी का दीपक जलाएं. इसके बाद संकटमोचन हनुमानाष्टक (को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो…) का कम से कम 9 बार पाठ करें…और फिर भगवान से अपने लिए प्रार्थना करें.
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♦ होली वाले दिन रंग या गुलाल या अबीर की होली खेलने से पहले उसे सबसे पहले भगवान को समर्पित जरूर करना चाहिए.
अपनी-अपनी इच्छाओं के हिसाब से या अपनी-अपनी राशि के अनुसार भी भगवान को रंग अर्पित किए जाते हैं. होलिका दहन से जो राख लाए थे, उसे होली वाले दिन भगवान शिव को अर्पित करना अच्छा माना जाता है. फिर उसी राख से खुद का और अपने परिवार वालों का तिलक जरूर करें.
♦ होली के दिन या रात को काले कपड़े न पहनें.
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