How to Weigh Planets : कैसे जानें कि कोई ग्रह कितना भारी है? किस ग्रह पर हमारा वजन कितना होगा?

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Planets Weight and Mass

How to Weigh Planets

अंतरिक्ष में कौन-सा ग्रह कितना भारी है, इसे जानने के लिए हम किसी ग्रह को उठाकर उसे पैमाने पर या तराजू पर नहीं रख सकते. हालाँकि वैज्ञानिकों के पास यह मालूम करने के तरीके हैं कि किसी ग्रह का वजन कितना है. कैसे?

किसी ग्रह का वजन करने के लिए वैज्ञानिकों को दो चीजें जानने की जरूरत है-
पास की वस्तुओं (या पिंडों) को ग्रह की परिक्रमा करने में कितना समय लगता है और वे वस्तुएं ग्रह से कितनी दूर हैं. दूरी के साथ गुरुत्वाकर्षण भी कमजोर होता जाता है. इसलिए वस्तुएं एक-दूसरे के जितनी करीब होंगी, उनका गुरुत्वाकर्षण खिंचाव उतना ही मजबूत होगा.

किसी वस्तु (चाहे वह चंद्रमा हो या अंतरिक्ष यान) को किसी ग्रह की परिक्रमा करने में लगने वाला समय, ग्रह से उसकी दूरी और ग्रह के वजन- दोनों पर ही निर्भर करता है.

उदाहरण के लिए, पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण खिंचाव ही चंद्रमा को हमारे ग्रह की कक्षा में रखता है. चंद्रमा अपने ग्रह के जितना करीब होगा, ग्रह उतना ही अधिक उसे खींचेगा.

वैज्ञानिक गणना कर सकते हैं कि कोई ग्रह अन्य चीजों को कितनी तीव्रता से खींचता है. ग्रह जितना भारी होगा, वह आसपास की वस्तुओं जैसे चंद्रमा या अंतरिक्षयान (Spacecraft) को उतनी ही मजबूती से खींचेगा. उस खिंचाव को हम गुरुत्वाकर्षण खिंचाव (Gravitational Pull) कहते हैं.

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गुरुत्वाकर्षण (Gravity)

गुरुत्वाकर्षण हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है. हम इसके बिना पृथ्वी पर नहीं रह सकते. गुरुत्वाकर्षण वह बल है जिसके द्वारा कोई ग्रह या अन्य पिंड वस्तुओं को अपने केंद्र की ओर खींचता है. गुरुत्वाकर्षण बल सभी ग्रहों को सूर्य के चारों ओर कक्षा में रखता है. यानी गुरुत्वाकर्षण ही हमारी दुनिया को एक साथ बांधे रखता है.

गुरुत्वाकर्षण ही ग्रहों को सूर्य के चारों ओर कक्षा में रखता है और गुरुत्वाकर्षण ही चंद्रमा को पृथ्वी के चारों ओर कक्षा में रखता है. चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण खिंचाव पृथ्वी के समुद्रों को अपनी ओर खींचता है, जिससे समुद्र में ज्वार-भाटा उत्पन्न होता है. गुरुत्वाकर्षण ही तारों और ग्रहों आदि का निर्माण करता है. गुरुत्वाकर्षण न केवल द्रव्यमान को, बल्कि प्रकाश को भी खींचता है. ब्लैक होल बहुत छोटे आकार में बहुत अधिक द्रव्यमान रखते हैं, जिससे उनका गुरुत्वाकर्षण इतना मजबूत हो जाता है कि वे किसी भी चीज, यहां तक ​​कि प्रकाश को भी स्वयं से बाहर निकलने से रोक सकते हैं.

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गुरुत्वाकर्षण का वजन से क्या संबंध है (What does gravity have to do with weight)?

जब आप पैमाने पर या तराजू पर खड़े होते हैं, तो वास्तव में यह मापता है कि पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण आपको कितना जोर से खींच रहा है. यदि आप किसी अन्य ग्रह पर एक पैमाने पर या किसी तराजू पर कदम रखेंगे, तो यही पैमाना पृथ्वी की तुलना में कुछ अलग दिखायेगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि ग्रहों का वजन अलग-अलग होता है, और इसलिए हर ग्रह पर गुरुत्वाकर्षण बल भी अलग-अलग होता है.

उदाहरण के लिए, यदि पृथ्वी पर आपका वजन 100 पाउंड है, तो मंगल ग्रह (Mars) पर आपका वजन मात्र 38 पाउंड होगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि मंगल ग्रह का वजन पृथ्वी से कम है, और इसलिए मंगल का गुरुत्वाकर्षण आपके शरीर पर कम खिंचाव डालेगा. वहीं, यदि आप बृहस्पति ग्रह पर जाएँ (जो कि बहुत भारी है) तो वहां आपका वजन 253 पाउंड हो जाएगा.

वैज्ञानिक भार (Weight) के बजाय द्रव्यमान (Mass) की बात क्यों करते हैं?

जिस भी चीज में द्रव्यमान होता है उसमें गुरुत्वाकर्षण भी होता है. अधिक द्रव्यमान वाली वस्तुओं में अधिक गुरुत्वाकर्षण होता है. किसी वस्तु का वजन इस बात पर निर्भर करता है कि उस वस्तु का द्रव्यमान (Mass) कितना है और गुरुत्वाकर्षण इसे कितनी तीव्रता से खींचता है. गुरुत्वाकर्षण की शक्ति इस बात पर निर्भर करती है कि एक वस्तु दूसरी वस्तु से कितनी दूर है. इसीलिए एक ही वस्तु का वजन अलग-अलग ग्रहों पर अलग-अलग होता है.

माप का उपयोग करके ग्रहों की तुलना करना कभी-कभी आसान होता है. इसीलिए वैज्ञानिक और इंजीनियर अक्सर किसी वस्तु के वजन के बजाय उसके द्रव्यमान को मापते हैं, कि वस्तु में कितना पदार्थ है (how much matter the object contains).

क्योंकि स्थान और गुरुत्वाकर्षण की परवाह किए बिना द्रव्यमान समान रहता है. मंगल या बृहस्पति पर आपका द्रव्यमान उतना ही होगा जितना यहाँ पृथ्वी पर है, बस आपका भार (वजन) बदल जायेगा.

पृथ्वी का द्रव्यमान लगभग 59,70,00,00,00,00,00,00,00,00,00,000 किलोग्राम है.
यह तो बहुत बड़ी संख्या है, जिसे पढ़ने में बहुत कठिनाई होगी. अतः हम इसे छोटे रूप में लिख देते हैं-
पृथ्वी का द्रव्यमान लगभग 5.97 x 10 24 किग्रा है.

पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण उसके संपूर्ण द्रव्यमान से आता है (पृथ्वी पर हर जगह गुरुत्वाकर्षण एक समान नहीं है). पृथ्वी का सारा द्रव्यमान आपके शरीर के सारे द्रव्यमान पर एक संयुक्त गुरुत्वाकर्षण खिंचाव बनाता है, और वही आपको वजन देता है. और यदि आप पृथ्वी से कम द्रव्यमान वाले ग्रह पर जायें, तो वहां आपका वजन यहां से कम होगा.

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