अक्षांश रेखाएं (Latitude Lines) क्या हैं? पृथ्वी के अलग-अलग स्थानों के मौसम या तापमान का पता

Latitude lines, akshansh rekha kise kahate hain, akshansh rekha ki sankhya, akshansh rekha aur deshantar rekha, akshansh rekha ka chitra, latitude and longitude in hindi, अक्षांश रेखा क्या हैं
Latitude Lines (अक्षांश रेखाएं)

Latitude and Longitude in hindi

हमारी पृथ्वी इतनी बड़ी है कि गणित (Maths) की सहायता के बिना पृथ्वी पर किसी भी स्थान का पता लगाना या, मापना या, पूरी पृथ्वी पर अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग समय, तापमान या मौसम आदि का पता लगाना संभव ही नहीं है. इसी कारण ग्लोब या मानचित्र (Earth Globe or Map) पर कुछ काल्पनिक रेखाएं (Imaginary Lines) खींची जाती हैं, जिन्हें पृथ्वी की अक्ष रेखा, अक्षांश रेखा या भूमध्य रेखा, कर्क रेखा, मकर रेखा, देशांतर रेखा आदि कहा जाता है. इन रेखाओं की मदद से पृथ्वी के अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग तापमान, मौसम और समय की कैलकुलेशन करने में आसानी होती है.

पृथ्वी की धुरी भी है एक काल्पनिक रेखा

पृथ्वी एक गोले के समान है. यह अपने अक्ष या धुरी (Axis) पर घूमती है. पृथ्वी की धुरी भी एक काल्पनिक रेखा है. पृथ्वी पर इस अक्ष का ऊपरी सिरा उत्तरी ध्रुव (North Pole) और नीचे का सिरा दक्षिणी ध्रुव (South Pole) कहलाता है. दरअसल, गोले का कोई आरंभ या अंत बिंदु (Beginning or end point) तो होता नहीं, इसलिए इन्हीं दोनों ध्रुवों को मिलाते हुए पृथ्वी की धुरी या अक्ष (Earth Axis) निर्धारित किया गया है. ऐसा सभी ग्रहों या उपग्रहों के लिए किया जाता है, ताकि उन सब पर मौसम, तापमान और समय का अध्ययन किया जा सके.

earth axial-tilt

पहले कुछ जरूरी बातें-

पृथ्वी की सूर्य से औसत दूरी लगभग 14,95,98,900 किलोमीटर है. सूर्य से दूरी के आधार पर पृथ्वी सौरमंडल का तीसरा ग्रह है. पृथ्वी सूर्य का एक चक्कर करीब 365 दिनों में पूरा करती है. यह अपने अक्ष या धुरी पर लम्बवत 23.5 डिग्री झुकी हुई है, जिसकी वजह से इस पर अलग-अलग मौसम बनते हैं.

पृथ्वी अपनी धुरी पर 24 घंटों में एक चक्कर लगा लेती है… और इसी से पृथ्वी पर दिन और रात बनते हैं. पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह (Natural Satellite) चंद्रमा है.

(दोनों ही ध्रुवों पर लगभग 6 महीने का दिन और 6 महीने की रात रहती है. इसका कारण ये है कि पृथ्वी अपने अक्ष या धुरी पर साढ़े 23 डिग्री झुकी हुई है…. और पृथ्वी सूर्य का एक चक्कर एक साल में लगाती है, जिससे पृथ्वी का एक ध्रुव 6 महीनों तक सूर्य के सामने रहता है).


अक्षांश रेखाएं किसे कहते हैं?

भूमध्य रेखा पृथ्वी के दोनों ध्रुवों के बीचोबीच जो रेखा खींची जाती है, वह भूमध्य रेखा या विषुवत रेखा (Equator) कहलाती है. चूंकि यह रेखा पृथ्वी को दो बराबर भागों में बांटती है, इसलिए इसे भूमध्य रेखा कहते हैं… और यह रेखा जितने भी देश या इलाकों से होकर गुजरती है, उन सबमें सालभर दिन-रात बराबर होते हैं, क्योंकि इस रेखा पर सूर्य की किरणें सालभर सीधी पड़ती हैं, इसलिए इस रेखा को ‘विषुवत रेखा (Vishuvat Rekha)’ भी कहते हैं.

भूमध्य रेखा से ऊपर वाला हिस्सा उत्तरी गोलार्ध (यानी पृथ्वी का आधा भाग) और नीचे वाला हिस्सा दक्षिणी गोलार्ध कहलाता है. इस रेखा के उत्तरी तरफ 23½° में कर्क रेखा और दक्षिणी तरफ 23½° में मकर रेखा है.

earth axis tilt seasons, earth sun rays, latitude and longitude

भूगोल में किसी स्थान की स्थिति (Position of a Place) को बताने के लिए उस स्थान का अक्षांश (Latitude) और देशांतर (Longitude) बताया जाता है. किसी स्थान का अक्षांश, धरती पर उस स्थान की ‘उत्तर-दक्षिण स्थिति’ (North-South position) को बताता है.

उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों का अक्षांश 90 डिग्री उत्तर और 90 डिग्री दक्षिण होता है. इस तरह भूमध्य या विषुवत वृत्त के सभी बिंदुओं का अक्षांश जीरो होता है. यानी भूमध्य रेखा 0° की अक्षांश रेखा है.

अक्षांश रेखाएं इसी भूमध्य रेखा के ऊपर-नीचे समांतर खींची गईं सभी रेखाओं को अक्षांश रेखाएं (Latitude Lines) कहते हैं (भूमध्य रेखा से किसी भी स्थान की उत्तरी या दक्षिणी ध्रुव की ओर की कोणीय दूरी को अक्षांश कहते हैं). भूमध्य रेखा सबसे लंबी अक्षांश रेखा है. जैसे-जैसे हम ध्रुवों की तरफ बढ़ते जाते हैं, ये अक्षांश रेखाएं छोटी होती जाती हैं. (ध्रुवों की ओर बढ़ने पर भूमध्य रेखा से अक्षांश का मान बढ़ता जाता है और ध्रुवों का अक्षांशीय मान 90° है).

अक्षांश रेखाएं भूमध्य रेखा पर 0 डिग्री और उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव पर 90 डिग्री का कोण बनाती हैं. यानी किसी भी स्थान का अक्षांश 90 डिग्री से ज्यादा नहीं हो सकता. अक्षांश रेखाओं की मदद से पृथ्वी पर अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग तापमान आदि का अध्ययन आसानी से किया जा सकता है.

Latitude lines, akshansh rekha kise kahate hain, akshansh rekha ki sankhya, akshansh rekha aur deshantar rekha, akshansh rekha ka chitra, latitude and longitude in hindi, अक्षांश रेखा क्या हैं

दो अक्षांश रेखाओं के बीच की दूरी कितनी होती है-

ग्लोब या मैप पर सभी अक्षांश रेखाएं भूमध्य रेखा से उत्तर या दक्षिण की तरफ कोणीय दूरी बनाती हैं. ये सभी रेखाएं एक-एक डिग्री के अंतर पर खींची जाती हैं. 1 डिग्री अक्षांश रेखा की दूरी लगभग 111 किलोमीटर के बराबर होती है, यानी दो अक्षांश रेखाओं के बीच की दूरी लगभग 111 किलोमीटर होती है.

अक्षांश रेखाओं की संख्या कितनी हैअब अगर हम किसी ग्लोब पर एक-एक डिग्री के अंतर पर 90 डिग्री तक रेखाएं खींचें, तो हम पूरे ग्लोब पर कुल 181 रेखाएं खींच पाएंगे (90 रेखाएं ग्लोब के उत्तरी भाग में और 90 रेखाएं दक्षिणी भाग में, और एक भूमध्य रेखा). यानी हम कह सकते हैं कि अक्षांश रेखाओं की संख्या 90+90+1 = 181 होती है.


कर्क रेखा और मकर रेखा क्या है?

ये दोनों भी अक्षांश रेखाएं हैं. उत्तरी गोलार्ध में 23.5 डिग्री पर स्थित अक्षांश रेखा को कर्क रेखा (Tropic of Cancer) और दक्षिणी गोलार्ध में 23.5 डिग्री पर स्थित अक्षांश रेखा को मकर रेखा (Tropic of Capricorn) कहते हैं. (कर्क रेखा हमारे भारत के बीच में से गुजरती है).

इसी तरह उत्तरी गोलार्ध में 66.5 डिग्री पर स्थित रेखा को उत्तरी ध्रुव रेखा, या उत्तरी ध्रुव वृत्त, या आर्कटिक वृत्त कहा जाता है. वहीं, दक्षिणी गोलार्ध में 66.5 डिग्री पर स्थित रेखा को दक्षिणी अक्षांश रेखा, या दक्षिणी ध्रुव वृत्त, या अंटार्कटिक वृत्त कहा जाता है.

latitude and longitude lines, earth axis tilt, earth sun rays
Latitude lines

अक्षांश रेखाओं से तापमान के आधार पर पृथ्वी का विभाजन

ध्यान दें किसी भी स्थान का तापमान इस बात पर निर्भर करता है, कि उस स्थान पर सूर्य की कितनी और कैसी किरणें (सूर्यातप or Insolation) पड़ रही हैं. अक्षांश रेखाओं से हम इसी बात का पता लगाते हैं, कि किस स्थान पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं, और किस स्थान पर तिरछी या टेढ़ी.

जैसे- भूमध्य रेखा पर सूर्य की किरणें सालभर लंबवत या सीधी पड़ती हैं. वहीं, भूमध्य रेखा से ध्रुवों की तरफ जाने पर सूर्य की किरणें टेढ़ी होती जाती हैं, इस कारण भूमध्य रेखा से ध्रुवों की तरफ जाते-जाते तापमान कम होने लगता है. फिर ध्रुवों पर तो इतना कम हो जाता है कि वहां केवल बर्फ ही बर्फ देखने को मिलती है.

उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र क्या हैभूमध्य रेखा के दोनों तरफ कर्क रेखा से लेकर मकर रेखा तक का भाग उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र (गर्म जोन) कहलाता है, क्योंकि इस पूरे भाग पर सूर्य की किरणें सालभर लगभग सीधी पड़ती हैं, यानी कर्क रेखा से लेकर मकर रेखा तक का भाग या उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र सालभर सूर्य के लगभग सामने ही रहता है, इसलिए पृथ्वी के इस पूरे भाग पर बहुत गर्मी पड़ती है.

जैसे- दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान या मरुस्थल (सहारा) अफ्रीका महाद्वीप के उत्तरी भाग में है. अफ्रीका के उत्तरी भाग में बेहद गर्मी पड़ती है, क्योंकि भूमध्य रेखा अफ्रीका के बीच से गुजरती है… और इस रेखा पर सालभर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं.

शीतोष्ण कटिबंधीय क्षेत्र क्या है- कर्क रेखा से उत्तरी ध्रुव रेखा तक का भाग ‘उत्तरी सम शीतोष्ण कटिबंध’ (सम+शीत+उष्ण जोन, यानी वह क्षेत्र जहां सर्दी और गर्मी की मात्रा लगभग बराबर हो, यानी न ज्यादा गर्मी और न ज्यादा सर्दी) कहलाता है. इसी तरह मकर रेखा से दक्षिणी ध्रुव रेखा तक का हिस्सा ‘दक्षिणी सम शीतोष्ण कटिबंध’ कहलाता है. इन दोनों ही स्थानों पर शीतोष्ण (शीत+उष्ण यानी सर्द-गर्म) जलवायु पाई जाती है.

शीत कटिबंधीय क्षेत्र क्या है- उत्तरी ध्रुव रेखा से उत्तरी ध्रुव तक का क्षेत्र ‘उत्तरी शीत कटिबंध’ कहलाता है. इसी तरह दक्षिणी ध्रुव रेखा से दक्षिणी ध्रुव तक का पूरा क्षेत्र ‘दक्षिणी शीत कटिबंध’ कहलाता है. इन दोनों ही क्षेत्रों में सूर्य की किरणें तिरछी पड़ती हैं. यानी यहां किरणें कम गर्म होती हैं, इससे इन दोनों ही स्थानों पर सर्दी (शीत) ज्यादा पड़ती है.

नोट- कटिबंध (Zone) क्या है- ‘कटि’ का मतलब ‘कमर’ होता है, यानी ‘कटिबंध’ का साधारण अर्थ ‘कमरबंद’ है. यानी पृथ्वी पर अलग-अलग दूरी पर बांधी गईं कमरबंद या कटिबंध. भूगोल में इसी शब्द का इस्तेमाल पृथ्वी के मौसम, जलवायु या भौगोलिक विभाजन (Geographical Division) के लिये किया जाता है, जैसे- उष्ण (गर्म) कटिबंध, शीत (ठंड) कटिबंध आदि.


संक्रांति किसे कहते हैं (What is Sankranti)-

* जब सूर्य कर्क रेखा पर लंबवत सीधा चमकता है, तो उसे कर्क संक्रांति कहा जाता है. यह स्थिति हर साल 21 जून को बनती है. वहीं, जब सूर्य की किरणें मकर रेखा पर सीधी लंबवत पड़ती हैं, तो उसे मकर संक्रांति कहते हैं. यह स्थिति हर साल 22 दिसंबर को बनती है.

* जब सूर्य की किरणें भूमध्य रेखा पर लंबवत सीधी पड़ती हैं, तो इसे ‘विषुव’ कहा जाता है. ऐसे समय में पूरी पृथ्वी पर दिन और रात बराबर (12-12 घंटे के) होते हैं. यह स्थिति साल में दो बार बनती है- वसंत विषुव को और शरद विषुव को.

* वसंत विषुव 21 मार्च को और शरद विषुव 23 सितंबर को होता है. इन दोनों दिनों में पूरी पृथ्वी पर दिन और रात समान होते हैं. भूमध्य रेखा पर पूरे साल दिन-रात लगभग समान ही होते हैं और मौसम भी सालभर एक सा रहता है. फिर जैसे-जैसे हम उत्तर या दक्षिण दिशा की तरफ, या ऊपर-नीचे की तरफ बढ़ते चले जाते हैं, दिन-रात की अवधि बढ़ती जाती है.

देशांतर रेखाएं क्या है?

भूमध्य रेखा के समान्तर खींची गईं रेखाओं को अक्षांश रेखा (Latitude Lines) कहते हैं… जबकि उत्तरी ध्रुव को दक्षिणी ध्रुव से मिलाते हुए जो रेखाएं खींची जाती हैं, जो कि भूमध्य रेखा और अक्षांश रेखाओं को लंबवत काटती हैं, उन्हें देशांतर रेखाएं (Longitude Lines) या मध्यान्ह रेखाएं (Meridian Lines) कहा जाता है.

जैसे अक्षांश रेखाओं से हम अलग-अलग जगहों का तापमान जानते हैं, उसी तरह देशांतर रेखाओं (देशों का अंतर) से हम अलग-अलग जगहों के समय की कैलकुलेशन करते हैं.

आगे पढ़ें – देशांतर रेखाएं क्या है? देशांतर रेखाओं से कैसे करते हैं अलग-अलग स्थानों के समय (Time) की कैलकुलेशन?


  • Tags: akshansh rekha kise kahate hain, deshantar rekha kise kahate hain, akshansh rekha ki sankhya, akshansh rekha aur deshantar rekha, akshansh rekha ka chitra, akshansh rekha ki visheshtaen likhiye, akshansh rekha ki lambai, akshansh rekha kya batati hai, latitude lines on earth, latitude lines in hindi, latitude lines on a globe, latitude lines and longitude lines, difference between latitude and longitude, latitude lines map, latitude and longitude in hindi, दो अक्षांश रेखाओं के बीच की दूरी, ध्रुव पर कितने अंश की अक्षांश रेखा होती है, अक्षांश रेखा कितनी है, अक्षांश रेखा की परिभाषा विशेषता, अक्षांश और देशांतर रेखा किसे कहते हैं


Copyrighted Material © 2019 - 2024 Prinsli.com - All rights reserved

All content on this website is copyrighted. It is prohibited to copy, publish or distribute the content and images of this website through any website, book, newspaper, software, videos, YouTube Channel or any other medium without written permission. You are not authorized to alter, obscure or remove any proprietary information, copyright or logo from this Website in any way. If any of these rules are violated, it will be strongly protested and legal action will be taken.



About Prinsli World 179 Articles
A Knowledge and Educational platform that offers quality information in both English and Hindi, and its mission is to connect people in order to share knowledge and ideas. It serves news and many educational contents.

1 Comment

  1. thodi or jankari mil skti h mujhe eske bare me. jo jankari aap ne hme di uske liye thank you pr thodi jankari or chhiye hme abhi jankari hmari adhuri reh gyi h

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*