बुध (Mercury) : सौरमंडल का सबसे छोटा और सूर्य के सबसे निकट का ग्रह, जानिए कुछ रोचक बातें

budh grah, mercury planet facts in hindi, mercury planet colour, mercury planet temperature, mercury planet facts, mercury planet images, mercury planet meaning, बुध ग्रह के बारे में, बुध ग्रह की जानकारी, बुध ग्रह की फोटो
बुध ग्रह (Mercury planet)

Mercury Planet facts in Hindi

हमारे सौर परिवार यानी सौरमंडल (Solar System) में मुख्य रूप से सूर्य, 8 ग्रह और उनके उपग्रह हैं. सूर्य सौरमंडल के केंद्र में है और यही सौरमंडल का सबसे बड़ा पिंड (Largest Body in Solar System) है. सभी आठों ग्रह इसकी परिक्रमा करते रहते हैं. सभी ग्रहों में बुध सबसे छोटा ग्रह है और बृहस्पति सबसे बड़ा. बात करते हैं अपने सौर परिवार के इसी सबसे छोटे से ग्रह बुध (Mercury) की. सबसे छोटा है तो परिवार के मुखिया यानी सूर्य (Sun) के सबसे पास ही रहता है और तेजी से उसके चारों तरफ घूमता रहता है.

बुध ग्रह से जुड़ीं कुछ महत्वपूर्ण बातें-

पृथ्वी की ही तरह बुध भी एक चट्टानी पिंड है. बुध ग्रह का आकार पृथ्वी के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा (Moon) से कुछ हद तक बड़ा है. बुध ग्रह की त्रिज्या (Radius) 2,439.7 किलोमीटर (1,516 मील) है. बुध का अपना कोई उपग्रह नहीं है, यानी इस नन्हें से ग्रह की परिक्रमा करने वाला कोई नहीं.

बुध की सूर्य से दूरी- बुध की कक्षा (Mercury’s orbit) सभी ग्रहों में सबसे ज्यादा चपटी है. बुध की सूर्य से दूरी लगभग 5,80,00,000 किलोमीटर तक रहती है. (पृथ्वी की सूर्य से दूरी लगभग 15 करोड़ किलोमीटर है).

अगर हम बुध पर खड़े होकर सूर्य को देखेंगे, तो सूर्य हमें (जितना पृथ्वी से दिखाई देता है, उसकी तुलना में) तीन गुना ज्यादा बड़ा दिखाई देगा और यहां सूर्य का प्रकाश सात गुना ज्यादा तेज होगा. सूर्य के प्रकाश को बुध तक जाने में 3.2 मिनट का समय लगता है.

सूर्य का एक चक्कर- चूंकि बुध सूर्य के सबसे निकट का ग्रह है, इसलिए इसे सूर्य का एक चक्कर लगाने में सबसे कम समय, करीब 88 दिन लगते हैं. जबकि सूर्य से सबसे दूर के ग्रह वरुण को सूर्य का एक चक्कर लगाने में लगभग 165 साल लग जाते हैं, वहीं सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति (Jupiter) को सूर्य का एक चक्कर लगाने में करीब 12 साल लगते हैं.

बुध हमारे सौर मंडल का सबसे तेज ग्रह है. यह अंतरिक्ष में लगभग 29 मील (47 किलोमीटर) प्रति सेकंड की गति से यात्रा करता है (कोई ग्रह सूर्य के जितना करीब होता है, वह उतनी ही तेजी से यात्रा करता है). लेकिन बुध अपनी धुरी पर धीरे-धीरे घूमता है और हर 59 पृथ्वी दिनों में एक चक्कर पूरा करता है.

बुध का एक दिन-रात- बुध के दो सालों में तीन दिन होते हैं, यानी बुध सूर्य की दो परिक्रमाओं में अपने अक्ष या धुरी पर तीन बार घूमता है. बुध का एक दिन पृथ्वी के 90 दिनों के बराबर और लगभग इतने ही अवधि की एक रात होती है. बुध सौर दिवस (Mercury solar day) यानी एक पूर्ण दिन-रात चक्र 176 पृथ्वी दिनों के बराबर होता है.

बुध का तापमान- बुध ग्रह पर दिन बेहद गर्म और रातें बर्फीली होती हैं. बुध का तापान्तर (Temperature Difference) 600 डिग्री सेल्सियस है, जो कि सभी ग्रहों में सबसे ज्यादा है. बुध पर दिन का तापमान 800°F (430°C) के हाई लेवल तक पहुंच सकता है. रात में तापमान -290°F (-180°C) तक कम हो सकता है.

सूर्य के सबसे निकट होने के बाद भी बुध हमारे सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह नहीं है.

बुध का वातावरण- बुध की सतह पर तापमान 90 डिग्री केल्विन से 700 डिग्री केल्विन तक होता है. बुध ग्रह सूर्य से सबसे निकट होने के कारण बेहद गर्म ग्रह है, लेकिन यह हमेशा गर्म नहीं रहता, जबकि शुक्र ग्रह हमेशा गर्म ही रहता है, इसलिए वह बुध से भी ज्यादा गर्म ग्रह है.

पृथ्वी और शुक्र के विपरीत बुध का वातावरण बदलता रहता है. यहां का वातावरण हल्का है, जो मुख्य रूप से सौर पवनों (Solar Wind) से आए परमाणुओं से बना है. बुध की गर्मी से ये परमाणु उड़कर अंतरिक्ष में चले जाते हैं.

सीधा खड़ा होकर करता है सूर्य की परिक्रमा- सभी ग्रहों में बुध का अपने अक्ष या धुरी (Axis) पर झुकाव (2 डिग्री) सबसे कम है (जैसे पृथ्वी अपनी धुरी पर साढ़े 23 डिग्री झुकी हुई है). इसका अर्थ है कि यह लगभग पूरी तरह सीधा (खड़ा) घूमता है और इसलिए बुध पर मौसम का अनुभव नहीं होता है जैसा कि कई अन्य ग्रहों पर होता है.

mercury axis tilt

सूर्योदय होने के करीब दो घंटे पहले दिखाई देता है बुध

बुध की कक्षा पृथ्वी की कक्षा के अंदर ही है, इसलिए यह पृथ्वी के आसमान में सुबह या शाम के समय ही दिखाई दे सकता है. इसीलिए बुध को ‘सूर्योदय का तारा’ या ‘सूर्यास्त का तारा’ भी कहा गया है. बुध ग्रह पृथ्वी पर सूर्य के निकलने के करीब दो घंटे पहले दिखाई देता है, लेकिन सूर्य से बहुत निकट होने के कारण इसे देख पाना बहुत मुश्किल ही होता है (जैसे तेज प्रकाश के पास रखी चीज आसानी से नहीं दिखाई देती).

अगर बुध पृथ्वी से दिखाई दे, तो यह चंद्रमा की ही तरह चमकता हुआ और कलाओं समेत दिखाई दे सकता है. सूर्य के काफी पास होने के कारण अत्यधिक प्रकाश और चकाचौंध की वजह से हबल दूरबीन (Hubble Telescope) भी बुध के बाकी क्षेत्र का नक्शा नहीं बना सकी है (मालूम हो कि बुध ग्रह की सतह के 45 प्रतिशत हिस्से का नक्शा बनाया जा चुका है).

क्या है हबल और जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप?

नोट- (हबल दूरबीन- हबल एक खगोलीय दूरदर्शी (Astronomical Telescope) है, जिसे 25 अप्रैल 1990 में अमेरिकी अंतरिक्ष यान ‘डिस्कवरी’ (Discovery) के जरिए इसकी कक्षा में स्थापित किया गया था. हबल टेलीस्कोप को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने यूरोपियन अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) की सहायता से तैयार किया था. इसका नाम अमेरिकी खगोल वैज्ञानिक एडविन पोंवेल हबल के नाम पर रखा गया है. नासा की प्रमुख वेधशालाओं में से एक हबल को अंतरिक्ष में ही सर्विसिंग के हिसाब से डिजाइन किया गया था.

ये दूरबीन अंतरिक्ष में रहते हुए लगभग 15 लाख ऑब्जर्वेशन कर चुकी है. 25 दिसंबर 2021 को हबल दूरबीन की जगह जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (James Webb Space Telescope) ने ले ली है, जिसे बनाने में 10 हजार वैज्ञानिकों ने काम किया है. जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप को भी NASA ने यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) की मदद से लॉन्च किया है.).

solar system

बुध एक स्थलीय या चट्टानी ग्रह है

बुध, शुक्र, पृथ्वी और मंगल को स्थलीय ग्रह (Terrestrial Planets) भी कहा जाता है, क्योंकि ये मुख्य रूप से पत्थर और धातु से बने हैं. इन ग्रहों पर ज्वालामुखी, घाटियां, पहाड़ आदि पाए जाते हैं. इन ग्रहों के प्राकृतिक उपग्रहों की संख्या बहुत कम है. जैसे पृथ्वी का एक ही उपग्रह चंद्रमा है और बुध और शुक्र के तो कोई उपग्रह ही नहीं हैं. बुध ग्रह करीब 70 प्रतिशत धातु और 30 प्रतिशत सिलिकेट पदार्थ से बना है.

बुध की धरती

बुध की जमीन क्रेटरों (Craters) से भरी पड़ी है और बिल्कुल हमारे चंद्रमा जैसी नजर आती है. बुध की सतह पर काफी गहरे गढ्ढे हैं. कुछ गड्ढे तो सैंकड़ों किलोमीटर लंबे और तीन किलोमीटर तक गहरे हैं. बुध की सतह पर कैलोरीस घाटी का व्यास लगभग 1300 किलोमीटर है, जो कि चंद्रमा की मारीया घाटी की तरह है. वैज्ञानिकों का मानना है कि यह घाटी किसी धूमकेतु या क्षुद्रग्रह (Asteroid) के टकराने से बनी है.

इन गड्ढों के अलावा बुध ग्रह पर कुछ सपाट पठार भी हैं, जो शायद सालों पहले ज्वालामुखी के कारण बने हैं. मैरिनर-10 अंतरिक्षयान से मिले आंकड़ों के मुताबिक, बुध पर कुछ ज्वालामुखी भी हैं, लेकिन अभी इसके लिए और भी खोजें होना बाकी है. इसके आलावा, बुध के उत्तरी ध्रुवों के क्रेटरों में बर्फ के भी प्रमाण मिले हैं, जिसके सबूत रडार से भी मिले थे.

पृथ्वी से ज्यादा शक्तिशाली है बुध- बुध ग्रह का सबसे विशेष गुण इसका चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field) का होना है. मेरिनर-10 अंतरिक्षयान की तरफ से मिले आंकड़ों के अनुसार, यह ग्रह पृथ्वी की तुलना में लगभग 1.1 प्रतिशत ज्यादा शक्तिशाली है. पृथ्वी की तरह बुध का भी चुंबकीय क्षेत्र दो ध्रुवीय (2 Polar) है. बुध का चुंबकीय क्षेत्र ग्रह के आसपास की सौर हवाओं (solar winds) को मोड़ने के लिए पर्याप्त शक्तिशाली है.

बुध के अध्ययन के लिए अभियान (Mercury Mission)

Bepicolombo mission

बुध ग्रह पर अब तक केवल दो अंतरिक्षयान- मैरिनर-10 और मैसेंजर (दोनों ही NASA के) ही पहुंचने में सफल हुए हैं. 20 अक्टूबर 2018 को बुध ग्रह के अध्ययन के लिए यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी ने एक संयुक्त मिशन के तहत, एरियन-5 प्रक्षेपण यान द्वारा बेपिकोलंबो मिशन (Bepicolombo mission) लॉन्च किया है. यह बुध ग्रह के अध्ययन के लिए यूरोप का पहला मिशन है.

यह अंतरिक्ष यान (एरियन-5 प्रक्षेपण यान) पृथ्वी के निकट से एक बार, फिर शुक्र के निकट से दो बार और बुध के निकट से छह बार गुजरकर, दिसंबर 2025 में बुध ग्रह की कक्षा में प्रवेश करेगा. अक्टूबर 2021 में यह यान बुध के निकट से एक बार गुजर चुका है. इसके बाद इस मिशन का अगला फ्लाईबाई जून 2022 में, फिर जून 2023, सितंबर 2024, दिसंबर 2024 और जनवरी 2025 में होगा. इसके बाद यह बुध की कक्षा में रहकर उसकी तस्वीरें भेजता रहेगा.

Read Also : सामान्य ज्ञान, रोचक तथ्य और जानकारियां


Tags : बुध ग्रह की फोटो, बुध ग्रह की इमेज, बुध ग्रह की सूर्य से दूरी, बुध ग्रह के बारे में, बुध ग्रह की जानकारी, बुध ग्रह के कितने उपग्रह हैं, बुध ग्रह की दिशा, mercury planet facts in hindi, mercury planet colour, mercury planet temperature, mercury planet images, mercury planet meaning, 10 lines on mercury planet, essay on mercury, short note on mercury, mercury atmosphere, mercury temperature, mercury surface pressure, mercury distance from sun, mercury radius, mercury rotation period, mercury length of day, mercury revolution around the sun, budh grah in hindi, budh grah ka rang kaisa hai, surya se budh grah ki doori, prithvi se budh grah ki duri



Copyrighted Material © 2019 - 2024 Prinsli.com - All rights reserved

All content on this website is copyrighted. It is prohibited to copy, publish or distribute the content and images of this website through any website, book, newspaper, software, videos, YouTube Channel or any other medium without written permission. You are not authorized to alter, obscure or remove any proprietary information, copyright or logo from this Website in any way. If any of these rules are violated, it will be strongly protested and legal action will be taken.



About Sonam Agarwal 237 Articles
LLB (Bachelor of Law). Work experience in Mahendra Institute and National News Channel (TV9 Bharatvarsh and Network18). Interested in Research. Contact- sonagarwal00003@gmail.com

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*