Saturn : सौरमंडल के दूसरे सबसे बड़े और सुंदर ग्रह शनि के बारे में रोचक तथ्य

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सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह शनि

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शनि (Saturn) सूर्य से छठा ग्रह है और बृहस्पति के बाद हमारे सौरमंडल (Solar System) का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है. शनि बृहस्पति की तरह एक गैस दानव ग्रह (Gas Giant) है. बृहस्पति की तरह, यह ज्यादातर हाइड्रोजन और हीलियम से बना है. शनि का वातावरण घना है. शनि को प्राचीन काल से ही जाना जाता है क्योंकि प्राचीन समय में इसे बिना किसी दूरबीन की सहायता से भी देखा जा सकता था. अपने सुंदर वलयों के कारण शनि एक सुंदर ग्रह है.

शनि के दिन और और वर्ष : शनि ग्रह का एक दिन मात्र 10.7 घंटे में बीत जाता है (यानी जितना समय शनि को अपनी धुरी पर घूमने में या एक चक्कर लगाने में लगता है). शनि ग्रह का एक वर्ष पृथ्वी के 29 वर्षों (10,756 पृथ्वी दिवस) के बराबर है (यानी जितने समय में शनि सूर्य की एक परिक्रमा करता है).

शनि की सूर्य से दूरी और शनि के उपग्रह

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शनि सूर्य से छठा ग्रह है, इस प्रकार बृहस्पति और यूरेनस शनि के पड़ोसी ग्रह हैं. शनि की सूर्य से लगभग 886 मिलियन मील (1.4 बिलियन किलोमीटर) या लगभग 9.5 खगोलीय इकाई (AU) है (One AU is the distance from Earth to the Sun).

शनि के अब तक 83 चंद्रमा (उपग्रह) ज्ञात हैं, जिनमें से 63 चंद्रमाओं की पुष्टि और नामकरण किया जा चुका है. इनमें से भी 20 चंद्रमा ऐसे हैं जिनके बारे में वैज्ञानिकों को अभी और जानने की जरूरत है. शनि का सबसे बड़ा उपग्रह टाइटन है, जिसका आकार पृथ्वी के चंद्रमा और बुध ग्रह से भी बड़ा है. टाइटन हमारे सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा उपग्रह है (सबसे बड़ा उपग्रह बृहस्पति का गैनीमेडे है).

शनि के वलय किससे बने हैं?

शनि के पास सात मुख्य वलयों (Rings) का एक सुंदर समूह है, जिनके बीच रिक्त स्थान हैं. हालांकि शनि एकमात्र ऐसा ग्रह नहीं है जिसके छल्ले हैं, लेकिन निश्चित रूप से इसके छल्ले सबसे सुंदर हैं. शनि के छल्ले बर्फ और चट्टान के टुकड़ों से बने हैं. शनि के छल्लों को धूमकेतुओं, क्षुद्रग्रहों, या टूटे हुए चंद्रमाओं के टुकड़े माना जाता है, जो ग्रह पर पहुंचने से पहले ही टूट गए और शनि के शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण से अलग हो गए.

ये वाले बर्फ और चट्टान के अरबों छोटे-छोटे टुकड़ों से बने होते हैं, जिन पर धूल जैसी अन्य सामग्री की परत चढ़ी होती है. वलय के कण ज्यादातर छोटे, धूल के आकार के बर्फीले दानों से लेकर एक घर जितने बड़े टुकड़े तक होते हैं. कुछ कण पहाड़ों जितने बड़े होते हैं. शनि की वलय प्रणाली (Ring System) ग्रह से 175,000 मील (282,000 किलोमीटर) तक फैली हुई है.

शनि का आकार और झुकाव

36,183.7 मील (58,232 किलोमीटर) की माध्य त्रिज्या (Mean Radius) के साथ, शनि पृथ्वी से 9 गुना चौड़ा है. शनि की धुरी (अक्ष) सूर्य के चारों ओर अपनी कक्षा के संबंध में 26.73 डिग्री झुकी हुई है, जो पृथ्वी के 23.5 डिग्री झुकाव के लगभग समान है. इसका अर्थ है कि पृथ्वी की तरह शनि भी ऋतुओं (मौसमों) का अनुभव करता है. लेकिन शनि का वातावरण जीवन के अनुकूल नहीं है.

कैसे हुआ शनि ग्रह का जन्म

खगोल वैज्ञानिकों का मानना है कि शनि ने तब आकार लिया, जब लगभग 4.5 अरब साल पहले शेष सौरमंडल का निर्माण हुआ, तब गुरुत्वाकर्षण ने घूमते हुए गैस और धूल को खींचकर इस विशाल गैस का रूप ले लिया. लगभग 4 अरब साल पहले, शनि बाहरी सौरमंडल में अपनी वर्तमान स्थिति में स्थापित हो गया.

शनि के केंद्र में लोहे और निकल जैसी धातुओं का एक घना कोर है जो चट्टानी सामग्री से घिरा हुआ है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, कल्पना करना मुश्किल है, लेकिन शनि हमारे सौर मंडल का एकमात्र ऐसा ग्रह है जिसका औसत घनत्व पानी से कम है.

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LLB (Bachelor of Law). Work experience in Mahendra Institute and National News Channel (TV9 Bharatvarsh and Network18). Interested in Research. Contact- sonagarwal00003@gmail.com

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