Purvanchal Expressway : जानिए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की खास बातें

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Purvanchal Expressway Lucknow-Ghazipur (पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 17 नवंबर 2021 को सुल्तानपुर जिले के करवर खीरी में लगभग 341 किलोमीटर (340.824 किलोमीटर) लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (Poorvanchal Expressway) का उद्घाटन किया. यह एक्सप्रेस-वे लखनऊ-सुल्तानपुर रोड (NH-731) पर स्थित चौदसराय (लखनऊ) से शुरू होता है और उत्तर प्रदेश-बिहार सीमा से 18 किलोमीटर से पहले, NH-31 पर स्थित हैदरिया गांव (गाजीपुर) पर समाप्त होता है.

पूर्वी और पश्चिमी UP को जोड़ने वाले इस पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की वजह से अब केवल उत्तर प्रदेश में ही नहीं, बल्कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिलों की दिल्ली से भी दूरी कम हो गई है. इस एक्सप्रेस-वे से गाजीपुर से दिल्ली पहुंचने में अब केवल 10 घंटे लगेंगे, जबकि इससे पहले केवल लखनऊ से गाजीपुर तक पहुंचने में ही लगभग 8 घंटे लगते थे.

यमुना एक्सप्रेस-वे (165 किलोमीटर) नोएडा को आगरा से जोड़ता है, जिसे तय करने में 2 से ढाई घंटे लगते हैं. इसके बाद आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को तय करने में 3 से साढ़े तीन घंटे का समय लगता है. फिर लखनऊ से गाजीपुर को जोड़ने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को तय करने में करीब साढ़े तीन से साढ़े चार घंटे लग सकते हैं. यानी अब उत्तर प्रदेश के इन तीनों एक्सप्रेस-वे के जरिए 800 किलोमीटर से भी ज्यादा की दूरी अब केवल 9-10 घंटों में पूरी की जा सकती है.

22,500 करोड़ रुपये की लागत से 3 सालों में बनकर तैयार

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की आधारशिला प्रधानमंत्री मोदी ने जुलाई 2018 में आजमगढ़ से रखी थी. उत्तर प्रदेश सरकार के मुताबिक, इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य अक्टूबर 2018 से शुरू हुआ था और 3 सालों में ही बनकर तैयार हो गया. इस एक्सप्रेस-वे को बनाने में लगभग 22,500 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. यह एक्सप्रेस-वे 6 लेन का है, लेकिन भविष्य में इसे 8 लेन में भी बदला जा सकता है. इस एक्सप्रेस-वे को Q4 क्वालिटी से बनाया गया है.

UP के इन 9 शहरों से होकर गुजरता है पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के 9 जिलों से होकर गुजरता है- लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर. इस तरह यह एक्सप्रेस-वे इन सभी जिलों के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा. जरूरत पड़ने पर वायुसेना भी इस एक्सप्रेस-वे का इस्तेमाल लैंडिंग और उड़ान भरने के लिए कर सकती है, इसके लिए इस एक्सप्रेस-वे पर 3.2 किलोमीटर लंबी एक हवाई पट्टी (Airstrip) भी बनाई गई है. इस एक्सप्रेस-वे पर लड़ाकू विमान (Fighter Aircraft) भी उतर सकेंगे.

Poorvanchal Expressway

बता दें कि उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां दो एक्सप्रेस-वे आधारित हवाई पट्टियां हैं- एक लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर और दूसरी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर.

किन बातों का रखा गया ध्यान और क्या-क्या बनाया गया

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की स्पीड डिजाइन 120 किलोमीटर/घंटा है, लेकिन स्पीड लिमिट 100 किलोमीटर प्रति घंटे रखी गई है. एक्सप्रेस-वे के चारों तरफ क्रैश बैरियर भी बनाए गए हैं. इस एक्सप्रेस-वे को 100 सालों के हिसाब से तैयार किया गया है. इस एक्सप्रेस-वे पर 18 फ्लाईओवर, 7 रेलवे ओवर ब्रिज, 7 बड़े पुल, 118 छोटे पुल, 13 इंटरचेंज, 8 टोल प्लाजा, 5 रैम्प प्लाजा, 271 अंडरपास और 503 पुलिया बनाए गए हैं. गाजीपुर जाने के लिए जब हम लखनऊ की तरफ 9 किलोमीटर तक जाएंगे, तो हमें पहला टोल प्लाजा मिलेगा.

एक्सप्रेस-वे में कुल 13 कट, साथ ही गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे में कुल 13 कट दिए गए हैं, जहां से इस एक्सप्रेस-वे पर चढ़ा और उतरा जा सकता है. जैसे- इस एक्सप्रेस-वे पर 80 किलोमीटर तक जाने पर एक कट अयोध्या (Ayodhya) के लिए बनाया गया है, जहां से अयोध्या केवल 50 किलोमीटर दूर है. यहां से केवल एक घंटे में अयोध्या तक पहुंचा जा सकता है.

इसी के साथ, इस एक्सप्रेस-वे से गोरखपुर को जोड़ने के लिए भी 91.35 किलोमीटर लंबी एक लिंक एक्सप्रेस-वे (Gorakhpur Link Expressway) बनाई जा रही है, जो दिसंबर 2022 में बनकर तैयार हो जाएगी. इसके एक तरफ 3.75 मीटर चौड़ाई की सर्विस रोड बनाई जा रही है, जिससे एक्सप्रेस-वे के किनारे रहने वाले ग्रामीण आसानी से आ जा सकेंगे. यानी बेहतर कनेक्टिविटी पर पूरा काम चल रहा है.

इस एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ इंवेस्टमेंट पार्क और कारखाने भी बनाए जाएंगे. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे बनने से किसानों और स्थानीय उद्यमियों को बड़ी सहायता मिलेगी. खेती-किसानी के लिए कारोबार के नए रास्ते खुलेंगे और युवाओं के लिए रोजगार के भी अवसर पैदा होंगे. इसी के साथ, लॉजिस्टिक और इंडस्ट्रियल टूरिज्म सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा.

मुख्य पॉइंट्स-

पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे- UP की राजधानी लखनऊ से गाजीपुर (लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर)

लंबाई- 340.824 किलोमीटर (लगभग 341 किलोमीटर)

लखनऊ-सुल्तानपुर रोड (NH-731) पर चंदसराय गांव से शुरू

UP-बिहार सीमा से 18 किमी से पहले, NH-31 पर स्थित हैदरिया गांव (गाजीपुर) पर समाप्त

6 लेन का बनाया गया है और भविष्य में 8 लेन तक बढ़ाया जा सकता है

18 फ्लाईओवर, 7 रेलवे ओवरब्रिज, 8 टोल प्लाजा, 5 रैम्प प्लाजा, 271 अंडरपास

एक्सप्रेस-वे पर 3.2 किलोमीटर लंबी एक हवाई पट्टी भी तैयार

एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियों की स्पीड लिमिट 100 किलोमीटर प्रति घंटा

आधारशिला- PM मोदी ने जुलाई 2018 में आजमगढ़ से

22,500 करोड़ रुपये की लागत से 3 सालों में बनकर तैयार

लाभ- गाजीपुर से दिल्ली पहुंचने में लगेंगे केवल 10 घंटे.

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