Surdas Ji : वात्सल्य और शृंगार रस के सम्राट भक्तकवि सूरदास
वृंदावन में श्रीकृष्ण और गोपियों का संपूर्ण जीवन क्रीड़ामय है. इसमें श्रीकृष्ण और राधाजी के अंग-प्रत्यंग की शोभा का अनेकानेक पदों में अत्यंत चमत्कारपूर्ण वर्णन सूरदास जी ने किया है. इसके बाद सूरदास जी वृंदावन की करील कुंजों, सुंदर लताओं, हरे-भरे कछारों के बीच खिली हुई चांदनी और कोकिल-कूजन … […]