Ramayan : जब श्रीराम पूछते हैं- ‘माँ! क्या अनजाने में मुझसे कोई अपराध हो गया है…?’
“देवी! राम को राज्य का लोभ नहीं है और भरत पर उनका बड़ा ही प्रेम है. मैं ही अपने मन में बड़े-छोटे का विचार करके राजनीति का पालन कर रहा था. मुझे भरत का राज्याभिषेक स्वीकार है, पर राम को वनवास क्यों? राम ने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है…?” […]