जब सीता जी ने दिया अहिंसा धर्म के पालन का उपदेश, तब श्रीराम ने दिया यह उत्तर
श्रीराम की प्रतिज्ञा को सुनकर सीता जी चिंता में पड़ जाती हैं. वे श्रीराम को अपनी चिंता का कारण भी बताती हैं. […]
श्रीराम की प्रतिज्ञा को सुनकर सीता जी चिंता में पड़ जाती हैं. वे श्रीराम को अपनी चिंता का कारण भी बताती हैं. […]
“यदि इस समय मैं आपकी आँखों पर बंधी अहंकार की पट्टी खोलकर वास्तविक सत्य के दर्शन न कराऊँ तो मैं अपने कर्तव्य पालन से वंचित रह जाऊंगी, क्योंकि हर पत्नी का यह धर्म है कि कुमार्ग पर भटके पति को सत्य की राह पर ले आये.” […]
जापान, कम्बोडिया, मलेशिया, थाईलैंड, ईराक, इंडोनेशिया, बर्मा, पाकिस्तान, भूटान, बाली, जावा, सुमात्रा आदि अनेक देशों में तो पुरातन भित्ति चित्रों, मंदिरों और संग्रहालयों में रामकथा (Ram Katha) मौजूद है. […]
“हमारे राक्षस जहां भी जाते हैं, उन्हें हर जगह केवल राम ही राम दिखाई देते हैं.” […]
Shri Ram Sita वनवास की अवधि पूरी होने में एक वर्ष ही शेष रह गया था. श्रीराम-सीताजी और लक्ष्मण जी पंचवटी में एक कुटिया बनाकर शांति से रह रहे थे, कि एक दिन रावण की […]
Shri Ram ki Mahima (Ramayan) रावण ने जब श्रीराम के लिए अपमानजनक भाषा का प्रयोग कर, उनकी पत्नी सीता जी के हरण की योजना मारीच को बताते हुए उससे सहायता करने के लिए कहा, तो […]
Ram naam ki mahima shakti : जिनके विराट स्वरूप में अखिल ब्रह्मांड समाया हुआ है, ब्रह्मलोक जिनका शीश और पाताल जिनके चरण हैं, सूर्य-चंद्र जिनके नेत्र और मेघमंडल जिनके काले केश हैं, भयंकर काल जिनके भृकुटी संचालन मात्र से गतिमान होता है, वेद जिनकी वाणी, शिव जिनका अहंकार और ब्रह्मा जिनकी बुद्धि हैं… उत्पत्ति, पालन और प्रलय जिनकी चेष्टा हैं, उन्हीं चराचरपति भगवान श्री नारायण जी के अवतार हैं श्रीराम’. […]
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