What is Light Year
प्रकाश निर्वात में (खाली स्थान में) 1,86,000 मील या 3,00,000 किलोमीटर प्रति सेकेण्ड की गति से यात्रा करता है. एक मिनट में प्रकाश 1,11,60,000 मील की दूरी तय कर सकता है. एक प्रकाश वर्ष 9,460,528,000,000 किलोमीटर के बराबर होता है, यानी प्रकाश एक वर्ष में 9.46 ट्रिलियन किमी की दूरी तय करता है.
कोई यात्री प्रकाश की गति से चलते हुए, एक सेकेण्ड में लगभग 7.5 बार पृथ्वी की भूमध्य रेखा का चक्कर लगा सकता है. अब तक यही बताया गया है कि निर्वात में प्रकाश की गति ही ब्रह्मांड में सबसे तेज गति है, कोई भी चीज प्रकाश से तेज नहीं चलती.
प्रकाश वर्ष और उसकी जरूरत (Light year and its need)
ब्रह्मांड में अरबों तारे मौजूद हैं, लेकिन ये सभी तारे एक समान दूरी पर नहीं हैं. ये तारे ग्रुप्स यानी समूह बनाकर रहते हैं और इन ग्रुप्स को ही ‘आकाशगंगा’ या गैलेक्सी (Galaxies) कहते हैं. ब्रह्मांड में मौजूद तारों के बीच की दूरी इतनी ज्यादा है कि उनके बीच की दूरी को हम किलोमीटर या मील में नहीं नाप सकते, इसीलिए हम तारों, पिंडों या ग्रहों के बीच की दूरियों को मापने के लिए खगोलीय इकाई जैसे ‘प्रकाश वर्ष’ (Light Years) और ‘पारसेक’ (Parsec) का इस्तेमाल करते हैं. एक पारसेक 3.26 प्रकाश वर्ष के बराबर होता है.
एक प्रकाश वर्ष का क्या अर्थ है- एक प्रकाश-वर्ष दूरी की एक इकाई है. यह वह दूरी है जो एक प्रकाश फोटॉन एक जूलियन वर्ष में निर्वात में तय करता है (लगभग 5.88 ट्रिलियन मील या 9.46 ट्रिलियन किलोमीटर या 63,000 AU).
सरल शब्दों में, एक वर्ष में प्रकाश जितनी दूरी तय करता है, उस दूरी को ही ‘एक प्रकाश वर्ष’ कहा जाता है. प्रकाश 3 लाख किलोमीटर प्रति सेकंड की स्पीड से चलता है और एक साल में यह 9.46*10 की पावर 12 किलोमीटर की दूरी तय करता है. इसी को एक प्रकाश वर्ष कहा जाता है.
प्रकाश वर्ष से इतनी लम्बी दूरियों को व्यक्त करना आसान हुआ है, जैसे-
हमारी गैलेक्सी मिल्की-वे और हमारी निकटतम गैलेक्सी एंड्रोमेडा के बीच की दूरी 21 क्विंटिलियन किमी है. यह 2,10,00,00,00,00,00,00,00,000 किमी के बराबर है. क्या यह संख्या व्यक्त करने के लिए बहुत बड़ी नहीं है? इसीलिए अंतरिक्ष की इन अत्यधिक लम्बी दूरियों के लिए खगोलशास्त्री प्रकाश-वर्ष या पारसेक की इकाइयों का प्रयोग करते हैं, जैसे-
हमारी गैलेक्सी मिल्की-वे में संभवतः 100 से 400 अरब तारे हैं, और इसका विस्तार लगभग 1,00,000 प्रकाश वर्ष है. हमारी पड़ोसी गैलेक्सी एंड्रोमेडा लगभग 2,20,000 प्रकाश वर्ष चौड़ी है. एक अन्य गैलेक्सी IC 1101 का विस्तार 4 मिलियन प्रकाश-वर्ष तक है.
पृथ्वी की दूरी सूर्य से 14 करोड़ 95 लाख 98 हजार 900 किलोमीटर है. अब यदि इसी दूरी को प्रकाश वर्ष में मापा जाए तो हम कहेंगे कि पृथ्वी सूर्य से केवल 8.311 प्रकाश वर्ष दूर है. इसी प्रकार, अल्फा सेंचुरी जो हमारे सबसे निकटतम तारा प्रणाली (Closest Star System) है, से प्रकाश को यहां तक पहुंचने में लगभग 4.3 वर्ष लगते हैं, अतः अल्फा सेंटॉरी हमसे 4.3 प्रकाश वर्ष दूर है.
प्रकाश वर्ष से एक और फायदा-
दूरी मापने की इकाई के रूप में प्रकाश-वर्ष का प्रयोग करने का एक और फायदा है. यह आपको अंतरिक्ष के किसी भी पिंड की उम्र निर्धारित करने में मदद करता है. जैसे-
एक ऐसे तारे पर विचार करें जो हमसे 1 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर है. तारे का प्रकाश हम तक पहुँचने के लिए प्रकाश की गति से यात्रा करता है. अतः तारे के प्रकाश को हम तक पहुंचने में 1 मिलियन वर्ष लग गए, तो जो प्रकाश हम देख रहे हैं वह एक मिलियन वर्ष पहले प्रकाशित हुआ था. तो हम इस बात का पता लगा सकते हैं कि जो तारा हम देख रहे हैं, वह दस लाख साल पहले वास्तव में कैसा दिखता था.
इसी प्रकार से, हमारा निकटतम तारा सूर्य हमसे लगभग 93 मिलियन मील दूर है. सूर्य के प्रकाश को हम तक पहुँचने में लगभग 8.3 मिनट लगते हैं, तो इसका मतलब है कि हम सूर्य को हमेशा वैसे ही देखते हैं जैसे वह लगभग 8.3 मिनट पहले था. तो यदि अभी सूरज अचानक फट जाए, तो हमें 8.3 मिनट तक इसके बारे में पता नहीं चलेगा, क्योंकि विस्फोट की रोशनी को यहां तक पहुंचने में इतना समय लगेगा.
इसी प्रकार, हमसे अगला निकटतम तारा लगभग 4.3 प्रकाश वर्ष दूर है. इसलिए, जब हम आज इस तारे को देखते हैं, तो हम वास्तव में इसे वैसे ही देख रहे हैं जैसे यह 4.3 साल पहले था. तो इस प्रकार जब हम अंतरिक्ष में बहुत दूर तक देख रहे होते हैं, तो इसका अर्थ है कि हम समय में बहुत पीछे देख रहे होते हैं.
What is AU- प्रकाश वर्ष की ही तरह, (AU Astronomical unit) हमारे सौरमंडल (Solar System) के भीतर दूरियों के मापन की एक उपयोगी इकाई है, जो लगभग लगभग 93 मिलियन मील या 150 मिलियन किलोमीटर है. यानी यह पृथ्वी से सूर्य की दूरी पर आधारित है. इन खगोलीय इकाइयों से हमारे सौरमंडल के पिंडों के बीच की दूरी को व्यक्त करना आसान हो जाता है.
Extra Point-
भौतिक विज्ञानी अल्बर्ट आइंस्टीन के विशेष सापेक्षता के सिद्धांत (Theory of Special Relativity) के अनुसार, जिस पर आधुनिक भौतिकी का अधिकतर भाग आधारित है, ब्रह्मांड में कोई भी चीज प्रकाश से तेज गति से यात्रा नहीं कर सकती है. यह सिद्धांत कहता है कि जैसे-जैसे पदार्थ (मैटर) प्रकाश की गति के करीब पहुंचता है, पदार्थ का द्रव्यमान अनंत हो जाता है. इसका अर्थ है कि प्रकाश की गति पूरे ब्रह्मांड पर गति सीमा (Speed Limit) के रूप में कार्य करती है.
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