Ozone Layer : ओजोन परत क्षरण के कारण, प्रभाव और समाधान

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Essay on Ozone Layer Depletion

ओजोन परत (Ozone Layer) पृथ्वी के समतापमंडल (Stratosphere) में एक क्षेत्र है जिसमें ओजोन की उच्च सांद्रता होती है और यह पृथ्वी को सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से बचाती है. ओजोन परत मुख्यतः पृथ्वी के वायुमंडल के निचले हिस्से में पाई जाती है. इसमें सूर्य से आने वाली लगभग 97-99% हानिकारक पराबैंगनी किरणों को अवशोषित (Absorb) करने की क्षमता होती है जो पृथ्वी पर जीवन को नुकसान पहुंचा सकती है. यदि ओजोन परत नहीं होती, तो पृथ्वी पर लाखों लोगों को त्वचा रोग (Skin Diseases) हो जाते और उनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) कमजोर हो जाती.

पिछले कुछ दशकों से हर साल दक्षिणी गोलार्ध में वसंत के दौरान, क्लोरीन और ब्रोमीन से जुड़ी रासायनिक प्रतिक्रियाओं के कारण दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में ओजोन तेजी से और गंभीर रूप से नष्ट हो जाती है. ओजोन से रिक्त इस क्षेत्र को ‘ओजोन छिद्र’ (Ozone Hole) के रूप में जाना जाता है. वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका महाद्वीप के ऊपर ओजोन परत में एक छेद खोजा है, जिसका मुख्य कारण है- क्लोरोफ्लोरोकार्बन, कार्बन टेट्राक्लोराइड, मिथाइल ब्रोमाइड और हाइड्रोक्लोरोफ्लोरोकार्बन.

नीचे चित्र में NASA द्वारा 18 जुलाई 2023 को अंटार्कटिक पर ओजोन परत की नवीनतम स्थिति को दर्शाया गया है. यहाँ बैंगनी और नीला रंग वह है जहां ओजोन सबसे कम है, और पीला और लाल हिस्सा वह है जहां ओजोन अधिक है (Source : ozonewatch.gsfc.nasa.gov).

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ओजोन परत का क्षरण क्या है (What is Ozone Layer Depletion)

ओजोन परत का क्षय (Ozone Layer Depletion) ऊपरी वायुमंडल में मौजूद ओजोन परत का पतला होना है. ऐसा तब होता है जब वायुमंडल में क्लोरीन और ब्रोमीन परमाणु ओजोन के संपर्क में आते हैं और ओजोन अणुओं को नष्ट कर देते हैं. एक क्लोरीन ओजोन के 1,00,000 अणुओं को नष्ट कर सकता है. यानी यह जितनी तेजी से बनता है उससे कहीं अधिक तेजी से नष्ट हो जाता है.

कुछ यौगिक (Compounds) उच्च पराबैंगनी किरणों के संपर्क में आने पर क्लोरीन और ब्रोमीन छोड़ते हैं, जो ओजोन परत के क्षरण में योगदान देता है. ऐसे यौगिकों को ओजोन क्षयकारी पदार्थ (Ozone Depleting Substances-ODS) के रूप में जाना जाता है.

ODS – वे रासायनिक पदार्थ जो पृथ्वी की सुरक्षात्मक ओजोन परत के क्षय के लिए जिम्मेदार हैं, ओजोन-घटाने वाले पदार्थ (ODS) कहलाते हैं, जैसे हेलोन, क्लोरोफ्लोरोकार्बन, हाइड्रोफ्लोरोकार्बन, कार्बन टेट्राक्लोराइड आदि.

ओजोन को नष्ट करने वाले पदार्थ जिनमें क्लोरीन होता है, उनमें क्लोरोफ्लोरोकार्बन, कार्बन टेट्राक्लोराइड, हाइड्रोक्लोरोफ्लोरोकार्बन और मिथाइल क्लोरोफॉर्म शामिल हैं. जबकि, ओजोन-क्षयकारी पदार्थ जिनमें ब्रोमीन होता है, वे हैलोन, मिथाइल ब्रोमाइड और हाइड्रो ब्रोमोफ्लोरोकार्बन हैं.

ओजोन परत क्षरण के कारण (Causes of Ozone Layer Depletion)

वायुमंडल में रासायनिक यौगिकों जैसे क्लोरोफ्लोरोकार्बन्स (CFCs) का उत्सर्जन ओजोन परत के लिए एक गंभीर खतरा बन गया है. CFC क्लोरीन, फ्लोरीन और कार्बन परमाणु से युक्त कृत्रिम औद्योगिक रासायनिक यौगिक है.

क्लोरोफ्लोरोकार्बन या सीएफसी सबसे अधिक मात्रा में ओजोन को नष्ट करने वाला पदार्थ है. यह ओजोन परत के क्षरण का मुख्य कारण है. ये सॉल्वैंट्स, स्प्रे एरोसोल, रेफ्रिजरेटर, एयर-कंडीशनर आदि से निकलती है. CFC का सबसे ज्यादा प्रयोग रेफ्रिजरेशन सिस्टम में तरल पदार्थ के रूप में किया जाता है.

जब CFC वायु में उत्सर्जित होती है, तो समतापमंडल में ओजोन परत तक पहुंच जाती है. समतापमंडल में क्लोरोफ्लोरोकार्बन के अणु पराबैंगनी किरणों से टूट जाते हैं और क्लोरीन परमाणु छोड़ते हैं. ये परमाणु ओजोन के साथ प्रतिक्रिया करके उसे नष्ट कर देते हैं.

अनियमित रॉकेट प्रक्षेपण (Unregulated Rocket Launches)

कई शोधों का कहना है कि रॉकेटों के अनियमित प्रक्षेपण से CFC की तुलना में ओजोन परत का बहुत अधिक ह्रास होता है. यदि इसे नियंत्रित नहीं किया गया तो वर्ष 2050 तक ओजोन परत को भारी नुकसान हो सकता है.

नाइट्रोजन यौगिक (Nitrogen Compounds)

नाइट्रोजनयुक्त यौगिक जैसे NO2, NO, N2O ओजोन परत के क्षरण के लिए बहुत अधिक जिम्मेदार हैं.

प्राकृतिक कारण (Natural Causes)

कुछ प्राकृतिक प्रक्रियाओं जैसे सन-स्पॉट और समतापमंडलीय हवाओं (Stratospheric Winds) के कारण भी ओजोन परत का क्षय होता पाया गया है, लेकिन ये प्राकृतिक कारण ओजोन परत के 1-2% से अधिक क्षय का कारण नहीं बनते हैं. इसी के साथ, ज्वालामुखी विस्फोट भी ओजोन परत के क्षरण के लिए जिम्मेदार हैं.

अंटार्कटिका के ऊपर क्यों हुआ सर्वाधिक ओजोन क्षरण?

ध्रुवीय समतापमंडलीय बादलों (Polar Stratospheric Clouds) को लंबे समय से अंटार्कटिक ओजोन विनाश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है. ये उच्च ऊंचाई वाले बादल केवल बहुत कम तापमान पर बनते हैं.

ओजोन की मात्रा में सबसे अधिक गिरावट ध्रुवीय क्षेत्रों के आसपास देखी जाती है. इसका कारण समतापमंडल में पोलर स्ट्रेटोस्फियरिक बादलों और नेक्रियस बादलों की उपस्थिति के कारण है. इन बादलों में नाइट्रिक एसिड और सल्फ्यूरिक एसिड मौजूद होते हैं. नाइट्रिक एसिड की उपस्थिति के कारण क्लोरीन-उत्प्रेरित ओजोन ह्रास की क्रिया तीव्र हो जाती है.

इन बादलों का निर्माण मुख्य रूप से शीतकाल में पोलर वोर्टेक्स (Polar Vortex) की स्थिति के कारण समतापमंडल में तापमान में अत्यधिक गिरावट होने से होता है. पोलर वोर्टेक्स एक तरह के परिध्रुवीय चक्रवात (Circumpolar Cyclone) होते हैं जो ध्रुवीय क्षेत्रों में ऊपरी परिसंचरण (Upper Circulation) के रूप में बने रहते हैं. इनकी उपस्थिति दक्षिणी ध्रुव पर अधिक सक्रिय होती है. इस कारण उत्तरी ध्रुव की अपेक्षा दक्षिणी ध्रुव पर (अंटार्कटिका के ऊपर) ओजोन परत का सबसे अधिक ह्रास होता है.

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ओजोन परत क्षरण के प्रभाव (Effects Of Ozone Layer Depletion)

ओजोन परत के क्षरण से पर्यावरण पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है. ओजोन परत के क्षय के कारण मनुष्य सीधे सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी विकिरण के संपर्क में आ जायेंगे. इसके परिणामस्वरूप त्वचा रोग, कैंसर, सनबर्न, मोतियाबिंद, जल्दी बूढ़ा होना और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. पराबैंगनी विकिरण के सीधे संपर्क में आने से जानवरों में त्वचा और आंखों का कैंसर होता है.

तेज पराबैंगनी किरणें पौधों में वृद्धि, फूल और प्रकाश संश्लेषण में कमी का कारण बन सकती है. जंगलों को पराबैंगनी किरणों के हानिकारक प्रभाव भी झेलने पड़ते हैं. हानिकारक पराबैंगनी किरणों के संपर्क में आने से प्लवक (Plankton) बहुत प्रभावित होते हैं. ये जलीय खाद्य शृंखला (Aquatic Food Chain) में मुख्य भूमिका निभाते हैं. यदि प्लवक नष्ट हो जाते हैं तो खाद्य श्रृंखला में मौजूद जीव भी प्रभावित होते हैं.

ओजोन परत क्षरण का समाधान (Solutions to Ozone Layer Depletion)

ओजोन परत का क्षरण एक गंभीर मुद्दा है और इसे रोकने के लिए विभिन्न देशों की सरकार द्वारा विभिन्न कार्यक्रम शुरू किए गए हैं. हालाँकि, ओजोन परत के क्षरण को रोकने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर भी कदम उठाए जाने चाहिए. निम्नलिखित कुछ बिंदु हैं जो वैश्विक स्तर पर इस समस्या को रोकने में मदद करेंगे-

ODS के इस्तेमाल से बचें- ODS यानी ओजोन को नष्ट करने वाले पदार्थों का इस्तेमाल कम करें. जैसे रेफ्रिजरेटर और एयर कंडीशनर (AC) में CFCs के प्रयोग से बचें.

वाहनों का प्रयोग कम से कम करें- वाहन (Vehicles) बड़ी मात्रा में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन करते हैं जिससे ग्लोबल वार्मिंग के साथ-साथ ओजोन की कमी भी होती है. इसलिए जितना हो सके वाहनों का प्रयोग कम से कम करना चाहिए.

ईको-फ्रेंडली वस्तुओं का इस्तेमाल करें- अधिकतर सफाई उत्पादों (Cleaning Products) में क्लोरीन और ब्रोमीन छोड़ने वाले केमिकल्स होते हैं जो वायुमंडल में प्रवेश कर ओजोन परत को प्रभावित करते हैं. पर्यावरण की रक्षा के लिए इनके स्थान पर प्राकृतिक वस्तुओं और तौर-तरीकों का इस्तेमाल करना चाहिए.

नाइट्रस ऑक्साइड का प्रयोग प्रतिबंधित होना चाहिए- सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए और हानिकारक नाइट्रस ऑक्साइड के उपयोग पर रोक लगानी चाहिए जो ओजोन परत पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है. लोगों को नाइट्रस ऑक्साइड और गैस उत्सर्जित करने वाले उत्पादों के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए ताकि व्यक्तिगत स्तर पर भी इसका उपयोग कम से कम हो.


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