वन्यजीव अभयारण्य (Wildlife Sanctuary) : ऐसे जंगल जहां इंसान से सुरक्षित रह सकते हैं जानवर

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अभयारण्य क्या है
(What is Sanctuary)
(अलग-अलग परिभाषाएं)-

♦ पौधों और जानवरों की कई प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं. ऐसे जीवों को वन्यजीव अभ्यारण्य (Wildlife Sanctuary) में रखकर उनकी रक्षा करने की कोशिश की जाती है. अभयारण्य सरकार या किसी प्राइवेट ऑर्गेनाइजेशन के हाथों में हो सकते हैं, लेकिन इनमें नियम सरकार के चलते हैं.

♦ वन्यजीव अभयारण्यों के अंदर जानवरों के शिकार पर पूरी तरह प्रतिबंध है, साथ ही यहां पेड़ों को काटे जाने की भी अनुमति नहीं है. हालांकि, किसी भी जानवर या पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचाए बिना यहां घूमने-फिरने की अनुमति होती है. इसी के साथ, लोग छोटे पैमाने पर यहां से लकड़ी, फल या औषधीय पौधे इकठ्ठा कर सकते हैं.

♦ जैसा कि नाम से ही पता चलता है, अभयारण्य (Sanctuary) का अर्थ है अभय+अरण्य. यानी ऐसा अरण्य या वन या जंगल जहां जानवर बिना किसी भय (डर) के रहते हैं. सरकार या किसी अन्य संस्था की तरफ से संरक्षित वन, पशु-पक्षी विहार (Animal-Bird Sanctuary) को अभयारण्य कहते हैं.

♦ वन्यजीव अभयारण्य जानवरों के आवास और उनके आसपास किसी भी तरह की गड़बड़ी से सुरक्षित किए जाते हैं. इन क्षेत्रों में जानवरों को पकड़ना, मारना और शिकार करना सख्त वर्जित है.

♦ अभयारण्यों का उद्देश्य जानवरों को एक आरामदायक जीवन प्रदान करना है. भारत में घने जंगल, बड़ी नदियां, ऊंचे और खूबसूरत पहाड़ों के साथ खूबसूरत वन्यजीव अभ्यारण्य हैं.

♦ अभयारण्य वन्य जीवों के लिए एक शरण स्थान की तरह होता है, जहां वन्यजीवों को बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप (Human Intervention) के उनके प्राकृतिक वातावरण में शांति से रहने देने की कोशिश की जाती है.

♦ अभयारण्य प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले क्षेत्र हैं, जो लुप्तप्राय प्रजातियों को शिकार, अवैध शिकार और शिकार से बचाने के लिए हैं. यहां जानवरों को अपने निजी फायदों या व्यावसायिक उद्देश्यों (Commercial Purposes) के लिए नहीं पाला जाता है. यह स्थान सभी जंगली जानवरों को एक सुरक्षित, स्वस्थ और सुरक्षित वातावरण देता है.

♦ वन्यजीव अभयारण्यों में पर्यटन की अनुमति नहीं है. लोगों को वहां बिना सुरक्षा के जाने की अनुमति नहीं है. वन्यजीव अभयारण्य की स्थापना का मुख्य उद्देश्य इंसान को जानवरों के साथ व्यवहार करने के तरीके बताना है. यहां जानवरों की देखभाल की जाती है. जानवर अपने प्राकृतिक आवास में शांति से रह सकें, इसकी कोशिश की जाती है.

♦ इस प्रकार, वन्यजीव अभयारण्य, बायोस्फीयर रिजर्व और नेशनल पार्क जंगली पौधों, जानवरों और प्राकृतिक आवासों की रक्षा के लिए नामित स्थान हैं. अभयारण्य का उद्देश्य पशु, पक्षी या वन संपदा (Forest Wealth) की रक्षा करना, उनका विकास करना और शिक्षा/अनुसंधान (Education/Research) के क्षेत्र में उनकी मदद लेना होता है.


वन्यजीव अभयारण्यों का महत्व-

♦ विशेष रूप से वन्यजीव अभयारण्यों की स्थापना लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा के लिए की जाती है. वन्यजीव अभयारण्य विलुप्ति की कगार पर खड़ीं या संकटग्रस्त प्रजातियों को संरक्षित (Protect) करते हैं और उन्हें इंसानों और शिकारियों से बचाते हैं.

♦ जानवरों को उनके प्राकृतिक आवास से हमेशा शिफ्ट करना काफी कठिन होता है, इसलिए उनके प्राकृतिक वातावरण में उनकी रक्षा करना ज्यादा फायदेमंद होता है.

♦ वन्यजीव अभयारण्यों में लुप्तप्राय प्रजातियों की विशेष निगरानी की जाती है. यदि वे संरक्षण के दौरान प्रजनन करते हैं और संख्या में बढ़ते हैं, तो उनके अस्तित्व के लिए प्रोटेक्टेड पार्कों में उनके प्रजनन के लिए कुछ सैंपल रखे जा सकते हैं.

♦ वन्यजीव अभयारण्यों में जीवविज्ञानी गतिविधियों और शोधों (Biological Activities and Research) की अनुमति दे दी जाती है, ताकि रिसर्चर वहां रहने वाले जानवरों के बारे में जान सकें.

♦ घायल या भटकते हुए जानवरों को भी कुछ अभयारण्यों में छोड़ दिया जाता है, लेकिन इससे पहले उनके इलाज की व्यवस्था की जाती है.

♦ कई अभयारण्य इकोटूरिज्म में शामिल हैं. वे आवास, टूर गाइड, प्रकृति की सैर आदि कराते हैं.

♦ सार्वजनिक भूमि (Public Land) पर बनाए गए अभयारण्य जैव विविधता (Biodiversity) के संरक्षण के साथ-साथ पब्लिक इस्तेमाल में भी शामिल हैं. जैसे- गोल्फ कोर्स, पिकनिक एरिया, नौका विहार (Boating) और तैराकी के लिए झीलें आदि.

♦ वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों को भारत में अलग-अलग टाइगर रिजर्व में दर्शनीय स्थलों की यात्रा, सफारी टूर, बर्ड वॉचिंग, एंगलिंग, फिशिंग, रिवर क्रॉसिंग, कैंपिंग और टाइगर टूर के ज्यादा अवसर मिल सकते हैं.

♦ अभयारण्यों को प्रमुख आकर्षण वाले बेहतर पर्यटन स्थलों के रूप में भी जाना जाता है. इसीलिए इनके आसपास के क्षेत्र में अलग-अलग तरह के आवास जैसे रिजॉर्ट, होटल, लॉज भी बना लिए जाते हैं.

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भारत में कितने वन्यजीव अभयारण्य हैं-
(How many wildlife sanctuaries in India)

भारतीय वन्यजीव संस्थान (National Wildlife Database-WII) के अनुसार, भारत में 990 संरक्षित क्षेत्रों (Protected Areas) का एक नेटवर्क है, जिसमें 565 वन्यजीव अभयारण्य, 106 नेशनल पार्क, 100 संरक्षण रिजर्व (Conservation Reserves) और 219 सामुदायिक रिजर्व (Community Reserves) शामिल हैं, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र के कुल 1,73,306.83 वर्ग किलोमीटर को कवर करते हैं, जो लगभग 5.27 प्रतिशत है (31 May 2022 तक के अनुसार).

भारत में वर्तमान में 565 वन्यजीव अभयारण्य हैं, जो 122560.85 वर्ग किमी के क्षेत्र को कवर करते हैं, जो कि देश के भौगोलिक क्षेत्र का 3.73 प्रतिशत है. संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क रिपोर्ट में 16,829 वर्ग किमी के क्षेत्र को कवर करते हुए 218 अन्य अभयारण्य प्रस्तावित हैं (31 May 2022 तक के अनुसार).

भारत के कुछ प्रमुख अभयारण्यों के नाम-
(Wildlife Sanctuary in India)
केंद्र सरकार और राज्य सरकारों ने देशभर में वन्यजीव अभयारण्य स्थापित किए हैं, जैसे-

• दिचिगाम वन्यजीव अभ्यारण्य (श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर)
• सुंदरबन वन्यजीव अभयारण्य (पश्चिम बंगाल)
• मानस वन्यजीव अभयारण्य (असम)
• भरतपुर पक्षी अभ्यारण्य (राजस्थान)
• वेदान्थंगल पक्षी अभ्यारण्य (तमिलनाडु)
• मुंडनथुराई वन्यजीव अभयारण्य (तमिलनाडु)
• अन्नामलाई वन्यजीव अभयारण्य (तमिलनाडु)
• मदुमलाई अभयारण्य (तमिलनाडु)
• दांदेली वन्यजीव अभयारण्य (कर्नाटक)
• चिनार वन्यजीव अभयारण्य (केरल)
• पेरियार वन्यजीव अभयारण्य (केरल)
• चिल्का झील पक्षी अभ्यारण्य (उड़ीसा)
• गोविंद वन्यजीव अभयारण्य (उत्तराखंड)

नेशनल पार्क और अभयारण्य में क्या अंतर है-
(What is difference between National Park and Sanctuary)

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National Park, Sanctuary and Biosphere Reserve Difference

(1) नेशनल पार्कों की सीमाएं अच्छी तरह से चिह्नित हैं, जबकि वन्यजीव अभ्यारण्यों की सीमाएं अच्छी तरह से चिह्नित नहीं हैं. दोनों ही वन्य जीवन की सुरक्षा और संरक्षण के लिए हैं.

(2) नेशनल पार्कों के तहत आने वाले क्षेत्र वन्य जीवन के संरक्षण के लिए सख्ती से आरक्षित हैं. नेशनल पार्कों में मानवीय गतिविधियों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है. यहां रैंडम एक्सेस की अनुमति नहीं है.
जबकि वन्यजीव अभ्यारण्यों में छोटे पैमाने पर लकड़ी लकड़ी, फल या औषधीय पौधे इकठ्ठा करने जैसी कुछ मानवीय गतिविधियों की अनुमति है, बशर्ते इन सबका असर वहां रहने वाले जीवों पर नहीं पड़ना चाहिए.

(3) वन्यजीव अभयारण्य सरकार या किसी प्राइवेट ऑर्गेनाइजेशन के हाथों में हो सकते हैं. अभ्यारण्यों में निजी स्वामित्व अधिकार लंबे समय तक जारी रह सकते हैं, अगर वन्यजीवों के संरक्षण पर गलत असर नहीं पड़ रहा हो,
लेकिन नेशनल पार्कों में निजी स्वामित्व अधिकार ही नहीं हैं. केंद्र सरकार राज्य सरकारों को नेशनल पार्कों और वन्यजीव अभयारण्यों के रखरखाव के लिए सहायता भी देती है.

(4) भारत के नेशनल पार्क IUCN की कैटेगरी II में लिस्टेड संरक्षित क्षेत्र हैं. जबकि अभयारण्य IUCN की कैटेगरी IV में लिस्टेड संरक्षित क्षेत्र हैं.

जानिए- नेशनल पार्क क्या हैं. भारत में कितने नेशनल पार्क हैं? भारत के मुख्य नेशनल पार्क


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